समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को सदैव सम्मान दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने स्वयं आपातकाल के विरोध में 19 महीनों तक जेल यंत्रणा बर्दाश्त की थी। वे जानते हैं कि स्व0 जयप्रकाश नारायण के आव्हान पर शुरू हुई आजादी की दूसरी जंग में कितनी दुश्वारियां उठानी पड़ी थी। इसलिए समाजवादी पार्टी की सरकार में लोकतंत्र की लड़ाई लड़नेवालों का अभिनन्दन किया गया। श्री मुलायम सिंह यादव ने उनको स्वयं अपने हाथों सम्मानित किया।
श्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के रूप में श्री मुलायम सिंह यादव की परम्परा का सम्मान करते हुए विधान सभा में पेश अपने पहले ही बजट में लोकतंत्र सेनानियों की सुविधाएं पुनः शुरू करने की घोषणा की है। उन्होने 01 जून,2012 को लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान राशि, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा और उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा देने हेतु ग्यारह करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित की है। यह राशि श्री मुलायम सिंह यादव जी के मुख्यमंत्रित्वकाल से 8Û80 करोड़ रूपए अधिक है।
बीच में जब बसपा राज शुरू हुआ तो लोकतंत्र पर ही ऐसा प्रहार किया गया कि सभी संवैधानिक संस्थाओं की अवमानना होने लगी। भ्रष्टाचार का ऐसा परनाला बहा कि जनता की गाढ़ी कमाई पत्थरों, पार्को, स्मारकों पर लुटाई जाने लगी। लोकतंत्र सेनानियों को मिल रही सुविधाएं समाप्त कर दी गई। मायाराज में अघेाषित आपातकाल जैसी स्थिति बन गई।
इस देश के इतिहास में सन् 1942 और 1974 का विशेष महत्व है। 1942 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए “करो या मरो“ के आव्हान के साथ आजादी की पहली जंग लड़ी गई थी। आजाद भारत में 1974 ई0 में जब संविधान की आत्मा को कुचलने और देश में आपातकाल लगाने का कुचक्र चला तो स्वतंत्रता संग्राम के पुराने सेनापति स्व0 जयप्रकाश नारायण ने 1942 के बलिदानों से प्राप्त आजादी को बचाने का संग्राम छेड़ा था।
आजादी बचाने के दूसरे महाभियान में उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों ने भागीदारी की थी। उनके घर बर्बाद हो गए। तमाम लोग असमय काल के गाल में समा गए। कईयों का भारी उत्पीड़न हुआ। लेकिन उनका बलिदान और त्याग व्यर्थ नहीं गया। देश मंे पुनः लोकतंत्र की स्थापना हुई। श्री मुलायम सिंह यादव ने उनकी पीड़ा को समझा था तभी लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान देने की उन्होने पहल की थी। श्री अखिलेश यादव ने लोकतंत्र सेनानियों के प्रति सम्मान प्रदर्शित कर उनके त्याग, बलिदान के प्रति नई पीढ़़ी की कृतज्ञता जताई है। इसके लिए वे प्रशंसा और धन्यवाद के पात्र हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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