उ0प्र0 सरकार द्वारा आज विधानसभा में पेष किये गये बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि प्रस्तुत बजट गैर विकासोन्मुखी एवं जनविरोधी है।
प्रदेश कंाग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि जिस तरह बजट में कर्जमाफी के लिए 500 करोड़ तथा बेरोजगारी भत्ते के लिए 1100 करोड़ की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। इस बजट ने उन लोगों के साथ मजाक किया है जिनके वोट के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा में तमाम वायदे कर रखे थे लेकिन सरकार के बनने के बाद आंशिक धनराशि की व्यवस्था की, जो इस सरकार के जनविरोधी इरादे को जाहिर करती है।
प्रवक्ता ने कहा कि पूर्वांचल सहित प्रदेश के तमाम अन्य जनपदों में महामारी का रूप धारण करने वाली जापानी इंसेफेलाइटिस से हो रही मौतों पर कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है। साथ ही बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल के लिए विशेष फण्ड की व्यवस्था न करने से एक ओर जहां इन पिछड़े क्षेत्रों की समस्याएं और भयावह होंगीं वहीं राज्य सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षा से यह जाहिर होता है कि इस सरकार का इन दोनों क्षेत्रों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है इतना ही नहीं बजट में गांवों के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंग उद्योग हैं जिसके लिए विद्युत ही जरूरी संसाधन है किन्तु बिजली के लिए केायले की कमी और केन्द्र की नाकामी का उलाहना भरने वाली राज्य सरकार ने कभी भी यह साफ नहीं किया है कि आखिर कितना कोयला कम मिल रहा है। आखिर कोयला नहीं मिल रहा है तो थर्मल पावर कैसे चल रहे हैं। जनता के सामने यह भी साफ होना चाहिए कि क्या कोयले की कमी के चलते कोई पावर प्लाण्ट बंद हुआ है?
प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि उद्योगों के लिए बजट में स्पष्ट दिशा का पूरी तरह अभाव है। अल्पसंख्यकों के उत्थान एवं शिक्षा की उपेक्षा की गयी है। विकास के मुद्दे पर राज्य सरकार पूरी तरह भटक गयी है, जिसका नतीजा यह होगा कि आने वाले वर्ष में इस सरकार के लिए उस स्थिति का जवाब देना मुश्किल हेा जायेगा।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज कहा है कि पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी पर हाय तौबा मचाने वाली समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा उद्योगों के लिए बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी करने का जो प्रयास किया जा रहा है उससे बचे खुचे उद्योग धंधे भी दम तोड़ देंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि अच्छा हेाता कि प्रदेश सरकार पहले प्रदेश में पहले से ही कटौती झेल रहे उद्योगों को भरपूर बिजली मुहैया कराती और उसके बाद बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का मन बनाती। लेकिन अफसोस है कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में नाकाम रही है। वहीं दूसरी तरफ बिजली व्यवस्था में व्यापक सुधार हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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