- प्रदेश सरकार लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करेगी
- किसानों पर लगे झूठे मुकदमें वापस होंगे
- पूर्ववर्ती सरकार ने कानून-व्यवस्था के नाम पर धोखा दिया और जनता के साथ अन्याय किया
- ग्रामीण नवयुवकों में आत्मविश्वास पैदा करने तथा तकनीक के बदलाव की जानकारी देने के लिए निःशुल्क टेबलेट एवं लैपटाॅप उपलब्ध कराने का निर्णय लिया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने विधान सभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हो रही चर्चा के दौरान आज कहा कि उनकी सरकार लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में लोकतंत्र की मर्यादाओं को समाप्त कर दिया गया था। भ्रष्टाचार को संगठित रूप प्रदान करने के कारण पिछली सरकार के अनेक मंत्रियों, विधायकों के विरूद्ध भ्रष्टाचार की जांच हुई और कई मामलों में अभी जांच चल रही है।
श्री यादव ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने कानून-व्यवस्था के नाम पर धोखा दिया और जनता के साथ अन्याय किया। प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था के सवाल पर कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था से जुड़ी अभी तक जो घटनाएं हुई हैं, उनके सम्बन्ध में राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाये और भविष्य में यदि ऐसी कोई घटना घटित होगी तो सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे उनकी सरकार का कार्यकाल बढ़ता जायेगा, राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक होती जायेगी। प्रदेश की कानून-व्यवस्था ठीक रखने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, बिजली की कमी दूर करने तथा किसानों को सुविधाएं मुहैया कराने को सर्वाेच्च प्राथमिकता देने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्थाएं हो जाने पर प्रदेश स्वतः प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ने लगेगा।
इसके पहले, मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बन गया था। एन0आर0एच0एम0 के अन्तर्गत हजारों करोड़ रूपये की लूट हुई। उन्होंने कहा कि नागरिकों को लूटा गया, उनका उत्पीड़न किया गया और जो धनराशि गांव की खुशहाली के लिए व्यय की जानी चाहिए थी, वह पत्थरों एवं मूर्तियों पर खर्च की गयी। यहां तक की जीवित महिला ने अपनी मूर्ति स्वयं लगवा दी। उन्होंने सवाल किया कि कोई जीवित व्यक्ति अपने आप को महान शख्सियत कैसे घोषित कर सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सहित तमाम विपक्षी दलों के नेताओं के विरूद्ध अनावश्यक गम्भीर धाराएं लगा दी गयीं। उनकी पार्टी के कई सदस्यों को लाठी खानी पड़ी, उन्हें जेल भेजा गया तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के घर को आग के हवाले कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जो कभी पूरे देश की राजनीति का केन्द्र बिन्दु हुआ करता था और जहां से राजनीति में परिवर्तन की पहल होती थी, वही उत्तर प्रदेश पिछली सरकार के कारनामों के चलते प्रत्येक क्षेत्र में काफी पिछड़ गया।
श्री यादव ने कहा कि जनता ने पूरी उम्मीद के साथ उनकी पार्टी को जिताया है। किसानों की बेहतरी के लिए काम करने के अलावा उनकी सरकार विद्युत की स्थिति सुधारने के लिए काम करेगी। राज्य में बिजली की उपलब्धता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में विद्युत उत्पादन के लिए कोई गम्भीर प्रयास नहीं किए गए। पिछली सरकार के कारण आज राज्य सरकार को 25 हजार करोड़ रूपये का घाटा उठाना पड़ रहा है, जिसमें 18 हजार करोड़ रूपये बैंकों के ऋण तथा शेष बिजली के नए प्लाण्ट लगवाने के नाम पर राज्य सरकार के ऊपर घाटा लादा गया है। पिछली सरकार ने 13 रूपये प्रति यूनिट बिजली खरीदकर एक और बड़ा भ्रष्टाचार किया। उन्होंने कहा कि बिजली घर लगवाने के लिए पिछली सरकार ने 09 एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किए, लेकिन इनमें से एक भी बिजली घर नहीं लगा। इन सभी बिजली घरों के एम0ओ0यू0 की तिथि 10 जून, 2012 को समाप्त हो रही है। इसके अलावा इन बिजली घरों के लिए कोल लिंकेज का भी कोई प्रबन्ध नहीं किया गया। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार प्रदेश में नए बिजली घर स्थापित करेगी और इनके लिए केन्द्र सरकार से कोल लिंकेज हेतु सहयोग भी मांगेगी। इतना ही नहीं वर्तमान सरकार सौर ऊर्जा एवं कूड़े से बिजली पैदा करने के लिए भी काम करेगी और बिजली उत्पादन में सिंचाई विभाग को भी शामिल किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबरा तथा पनकी बिजली घर काफी पुराने हैं। इन बिजली घरों की उत्पादन क्षमता काफी कम है। इनमें सुधार के प्रयास किए जायेंगे। कानपुर में विद्युत समस्या की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस शहर से राज्य सरकार को लगभग 06 हजार करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति होती है। इस शहर में बिजली उपलब्धता के लिए काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिजली की स्थिति सुधारने के लिए प्रदेश सरकार उद्योग-धन्धों, किसानों तथा घरेलू बिजली के लिए अलग-अलग फीडर की व्यवस्था करने जा रही है। इसके अलावा अलकनन्दा परियोजना को आगे बढ़ाने तथा उड़ीसा में राज्य सरकार को आवंटित कोल फील्ड के बारे मंे भी निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने उड़ीसा में आवंटित कोल फील्ड के मामले में कोई काम नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों की काफी उपेक्षा की थी। वर्तमान सरकार समर्थन मूल्य दिलाने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा समय पर निर्णय न लिए जाने के कारण गेहूं खरीद में कुछ समस्याएं आईं। बोरों की उपलब्धता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि खरीद समय से लगभग 5-6 माह पूर्व ही केन्द्र सरकार को बोरे की उपलब्धता के बारे में बता दिया जाना चाहिए था। किन्तु पिछली सरकार ने काफी विलम्ब से माह जनवरी-फरवरी में इन बोरों की मांग की, जब इनको यह पता चल गया कि इनकी सरकार जा रही है। उन्होंने किसान को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि किसानों को खाद सही समय पर मिले यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार किसानों के लिए उर्वरक की व्यवस्था पहले से ही कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के नवयुवक कम्प्यूटर के मामलों में नगरीय युवकों से काफी पिछड़ जाते थे। इसलिए उनकी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के नवयुवकों में आत्मविश्वास पैदा करने तथा तकनीक के बदलाव की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए निःशुल्क टेबलेट एवं लैपटाॅप उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कई लोग कहते हैं कि ग्रामीण नवयुवक टेबलेट एवं लैपटाॅप का संचालन नहीं कर पायेंगे, लेकिन यही गांव के नवयुवक मोबाइल का संचालन आसानी से कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि मौका पड़ने पर यह नवयुवक मोबाइल की तरह लैपटाॅप एवं टेबलेट का संचालन भी कर लेंगे। उन्होंने कहा कि टेबलेट एवं लैपटाॅप के संचालन के लिए ऐसी व्यवस्था की गयी है कि ये अंग्रेजी, हिन्दी एवं उर्दू में काम करेेंगे।
श्री यादव ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा किसानों के साथ काफी अन्याय किया गया। पी0पी0पी0 व्यवस्था से बनने वाली सड़कों के निर्माण में भी काफी भ्रष्टाचार किया गया। उन्होंने कहा कि पी0पी0पी0 के तहत निर्माणकर्ता को आवश्यकता से अधिक मुनाफा कमाने का मौका दिया जाना भी एक प्रकार से भ्रष्टाचार ही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देगी और किसानों पर लगे झूठे मुकदमें वापस होंगे। इस अवसर पर उन्होंने विधान सभा में सदस्यों को आश्वास्त किया कि विपक्षी दलों के सदस्यों के रचनात्मक सुझावों पर भी प्रदेश सरकार द्वारा ध्यान दिया जायेगा और आवश्यकतानुसार उनके सुझावों का उपयोग किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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