वर्तमान समय में विष्व में जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बनी तम्बाकू एवं धूम्रपान से पूरी
दुनियां चिन्तित है। एक अनुमान के अनुसार पूरी दुनिया में लगभग 40 लाख लोग धुम्रपान एवं तम्बाकू के कारण होने वाली
बिमारियों से असमय मौत का षिकार हो जाते है और भारत में लगभग 8 लाख लोग प्रतिवर्ष तम्बाकू, धूम्रपान एवं शरीर पर
उसके दुष्प्रभावों से काल के गाल में समा जाते है। जनस्वास्थ्य के लिए गम्भीर खतरा एवं चिन्ता बनी धूम्रपान एवं तम्बाकू
की लत को होम्योपैथी की मीठी-मीठी गोलियांे के द्वारा आसानी से छुटकारा दिलाया जा सकता है।
यह जानकारी होम्योपैथिक चिकित्सक एवं केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के सदस्य डा0 अनुरुद्ध वर्मा ने विश्व धूम्रपान
एवं तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर दी है। डा0 वर्मा ने बताया कि होम्योपैथी पद्धति में ऐसी अनेक कारगर औषधियां
है जो आसानी से इस जानलेवा लत से छुटकारा दिला सकती है। सिगरेट एवं तम्बाकू की लत से होम्योपैथी की मीठी
गोलियां न केवल छुटकारा दिलाती है बल्कि तम्बाकू से शरीर पर होने वाले कुप्रभावों एवं खतरों से भी बचाती हैं, साथ ही
साथ इनका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव भी नही होता हैं। मजे की बात यह है कि होम्योपैथी की यह दवायें व्यक्ति को बिना
बताये भी दी जा सकती है और उसकी आदत छूट सकती है।
उन्होने बताया कि धूम्रपान एवं तम्बाकू छुड़ाने के लिये आर्सेनिक, इग्नेशिया, डेफनाइंडिका, कैलेडियम, टवैकम,
स्टैफिशगेरिया, निकोटिनम, अर्जेन्टम नाइट्रिकम आदि होम्योपैथिक औषधियां व्यक्ति के लक्षणों के आधार एवं कुशल चिकित्सक
की सलाह पर ली जा सकती है। उन्होने बताया कि इस आदत से मुक्ति के लिये आवश्यक है कि इच्छा शक्ति
को मजबूत कर इसका इस्तेमाल छोड दिया जाये। इसे छोडने के बाद दो तीन दिन तक विड्राल लक्षण उत्पन्न होते है
जिससे लती व्यक्ति को थोडी परेशानी होती है परन्तु यह परेशानी स्वतः ठीक हो जाती है। सिगरेट की तलब लगने पर
सौफ, इलायची, लौंग, टाॅफी एंव ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थो का सेवन करना चाहिये साथ ही व्यक्ति को अधिक से अध्
िाक टहलना चाहियें क्यो कि इससे शरीर में शुद्ध आॅक्सीजन जाती है साथ ही व्यक्ति को व्यायाम, ध्यान एवं योग करना
चहिए यह कार्य तम्बाकू एवं धूम्रपान की तलब को दूर करने में सहायक होती हैं। उन्होने बताया कि इसके अलावा अपना
एकाकीपन दूर करने के लिये किसी कार्य मे व्यस्त रहना चाहियें या खाली समय में संगीत सुनकर समय बिताना चाहिये।
डा0 वर्मा ने बताया कि तम्बाकू एवं धूम्रपान के खतरों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा
प्रति वर्ष 31 मई को विश्व धूम्रपान एवं तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तम्बाकू एवं धूम्रपान से विश्व में 30 लाख एवं
भारत में लगभग 8 लाख लोगों की प्रति वर्ष मौत होती है। उन्होनें बताया कि 90 प्रतिशत फेफडे़ के कैंसर, 30 प्रतिशत
अन्य प्रकार के कैंसर, 80 प्रतिशत ब्रांकाइटिस तथा 25 प्रतिशत घातक हृदय रोगों का कारण धूम्रपान एवं तम्बाकू ही है। ध्
ाूम्रपान करने वालो में दिल का दौरा पडने की आशंका ज्यादा होती है। इसके अतिरिक्त धूम्रपान के कारण घबराहट, अनिद्रा,
मिचली महसूस होना, भूख का कम लगना, वजन का कम होना, खांसी, दमा, आॅपटिक नर्व की कमजोरी, चक्कर आना
आदि की समस्यायें भी हो सकती हैं। उन्होने बताया कि धूम्रपान से महिलाओं में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है तथा मृत
शिशु का जन्म, कम वजन के कमजोर बच्चे का जन्म भी इसके कारण हो सकता है। इसके अतिरिक्त धूम्रपान के द्वारा
छोडे गये धुएँ से बाल अवस्था में श्वसन सम्बन्धी गंभीर रोग, खांसी, बलगम, छींक, नाक बहना, फेफड़ों का कम विकास,
आंख, नाक व गले में जलन, जन्मजात अपंगता आदि की उत्पन्न समस्याएं हो सकती है विशेषज्ञों के अनुसार सिगरेट का
एक कश जिन्दगी के 5 मिनट कम कर देता है इसलिये जरुरत है कि धुएँ से धुआँ हो रही जिन्दगी को बचाने के लिए
सिगरेट एवं धूम्रपान जैसे खतरनाक मित्र से हमेशा दूर ही रहा जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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