उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री बी0एल0जोशी ने आज यहां राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों के सदस्यों को संयुक्त रूप से सम्बोधित करते हुए प्रदेश सरकार की प्रमुख नीतियों और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 12वीं पंचवर्षीय योजना में विकास दर 10 प्रतिशत करने तथा प्राथमिकताओं को मूर्तरूप देने के सभी उपाय किये जायेंगे। उन्होंने क्षेत्रीय विषमताओं को कम करने तथा प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी के प्रयास करने की बात भी कही।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश पिछले पांच वर्षोें में भ्रष्टाचार, निर्दोष लोगों के उत्पीड़न और जंगलराज का गवाह बना रहा। जनता को पत्थर, मूर्तियों, स्मारकों के अलावा कुछ नहीं मिला। इस दौरान राजनैतिक अधोपतन के चलते पूरे प्रदेश को शर्मसार कर देने वाली अनेक घटनायें घटीं। विगत 05 वर्षों के लूट-घसोट के एजेण्डा के स्थान पर वर्तमान सरकार ने विकास का एजेण्डा तैयार किया है, जो प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जायेगा। जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ एकजुट होकर पूर्ण बहुमत देकर राज्य सरकार का गठन किया। राज्य सरकार ने मंत्रिमण्डल में लगभग सभी वर्गों, समुदायों एवं क्षेत्रों को समुचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है।
श्री जोशी ने कहा कि विगत 05 वर्षों में राज्य अन्य प्रदेशों की तुलना में विकास की दौड़ में काफी पीछे छूट गया। जनता मूर्ति, पत्थर व स्मारक की जगह सड़क, पानी व बिजली जैसी अवस्थापना सुविधाओं के लिए सरकार की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शपथ ग्रहण के पश्चात् ही चुनावी घोषणा पत्र पर अमल शुरू कर दिया। बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता देने की योजना को मंत्रिपरिषद द्वारा पारित किया गया। इसके तहत 30 से 40 वर्ष के नौजवानों को एक हजार रुपये प्रतिमाह की दर से बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों को एक वर्ष में 03 बार अर्थात् चार माह का एक साथ बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। राज्य सरकार ने प्रदेश में शैक्षिक वातावरण तैयार करने व छात्र-छात्राओं के भविष्य संवारने हेतु 10वीं पास छात्र-छात्राओं को निःशुल्क टैबलेट तथा 12वीं पास छात्र-छात्राओं को लैपटाप देने का निर्णय लिया है, शीघ्र इनका वितरण प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार ने छात्राओं के लिए कन्या विद्या धन योजना लागू की थी, जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दिया। इस योजना को पुनः शुरू करके छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जायेगा। इसके अलावा अच्छे अंक प्राप्त करने वाली कन्याओं को एक साईकिल भी उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 के प्राविधानों को क्रियान्वित करने के लिए, मानक के अनुसार अवशेष असेवित बस्तियों में नवीन प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को खोला जाना प्रस्तावित है।
सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र के एक और वायदे को पूरा किये जाने की जानकारी देते हुए राज्यपाल ने बताया कि कृषक दुर्घटना बीमा योजना में बीमा राशि 01 लाख रूपये से बढ़ाकर 05 लाख रूपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव घोषणा पत्र के अन्य वायदों पर भी तेजी से काम कर रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता से किये गये सभी वायदे पूरे किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि रिक्शा चालकों को उनके वर्तमान रिक्शा के स्थान पर मोटर तथा सोलर से चार्ज होने वाला अत्याधुनिक सिस्टम से बनाया गया रिक्शा मुफ्त दिया जायेगा।
श्री जोशी ने कहा कि सरकारी मेडिकल काॅलेजों को बेचने की पूर्ववर्ती सरकार की योजना को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा मुफ्त प्रदान करने का निर्णय लिया है। हृदय का आपरेशन, कैंसर, लिवर, किडनी आदि असाध्य रोगों के उपचार हेतु राज्य के सभी मेडिकल काॅलेजों को समृद्ध बनाकर मुफ्त इलाज प्रदान किया जायेगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को उच्चीकृत करते हुए उन्हें अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा से लैस किया जायेगा और इन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जायेगी।
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक विकास खण्ड मुख्यालय पर सभी सुविधाओं से युक्त एक एम्बुलेन्स की व्यवस्था की जायेगी, ताकि गम्भीर मरीजों को तत्काल बड़े अस्पतालों तक पहुंचाया जा सके। सभी राज्य एवं राष्ट्रीय राजमार्गों पर आपातकालीन चल चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की जायेगी। कन्नौज, जालौन, आजमगढ़ के मेडिकल काॅलेजों तथा सैफई के पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट को शीघ्र चालू कराया जायेगा। राज्य के सभी मेडिकल काॅलेजों, खासकर गोरखपुर और झांसी में उच्च चिकित्सा शिक्षा की व्यवस्था की जायेगी, जिसमें जापानी बुखार और बच्चों की अन्य बीमारियों के इलाज का विशेष प्रबन्ध होगा। राज्य के 03 मण्डलों व 51 जनपदों में जहां वर्तमान में कोई मेडिकल काॅलेज नहीं है, वहां निजी क्षेत्र को आकर्षित करने के लिए प्रभावी इन्सेंटिव योजना लाई जायेगी।
श्री जोशी ने कहा कि विगत 05 वर्षों में जनता राज्य सरकार के असहयोगात्मक रवैय्ये से स्तब्ध थी। वह अपने दुःख-दर्द ऊपर तक नहीं पहुंचा सकती थी। इसलिए वर्तमान सरकार ने जनता के दुःख-दर्द सुनने और उनकी समस्याओं के समाधान हेतु जनता दर्शन कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें लोग अपनी समस्याओं को लेकर सीधे मुख्यमंत्री से मिल सकते हैं। इसके अतिरिक्त मंगलवार एवं रविवार को छोड़कर, जिला मुख्यालयों पर राज्य के प्रत्येक अधिकारी को प्रातः 10 बजे से मध्यान्ह 12 बजे तक अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर लोगों की समस्याओं को सुनने और समुचित समाधान की व्यवस्था की गयी है। इसी के साथ तहसील स्तर पर प्रत्येक प्रथम व तृतीय मंगलवार को तहसील दिवस की व्यवस्था की गयी है, जिसमें अन्य समस्याओं के अतिरिक्त तहसील स्तर पर मिलने वाली सेवाओं जैसे आय, जाति, निवास, हैसियत आदि प्रमाण पत्रों के अलावा खसरा, खतौनी की नकल, कृषक दुर्घटना बीमा योजनाओं के चेक, शस्त्र लाइसेन्स नवीनीकरण इत्यादि को भी तहसील दिवस के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता प्रदेश में कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाकर अमन-चैन व आपसी सौहार्द स्थापित करना है। अपराध नियंत्रण के साथ-साथ अपराधों के पंजीकरण पर निरन्तर जोर दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप अल्प समय में ही आम जनता में निर्भीकता से अपराध पंजीकरण कराने का वातावरण बना है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध घटित होने वाले अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु पुलिस को कड़े निर्देश दिये गये हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति को और अधिक प्रभावी बनाने की दृष्टि से जनपदीय पुलिस के पर्यवेक्षण के लिए रेन्ज स्तर पर पुलिस उपमहानिरीक्षक तथा जोन स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक की पूर्व व्यवस्था बहाल की गयी है।
श्री जोशी ने कहा कि सरकार किसानों की आर्थिक, सामाजिक उन्नयन के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज की खरीद सुनिश्चित करायी जा रही है। वर्तमान गेहूँ खरीद वर्ष की पूरी तैयारी गत् सरकार द्वारा समय पर नहीं करने के कारण बोरों की कमी से कुछ स्थानों पर खरीद प्रभावित हुई, फिर भी वर्तमान सरकार ने प्रभावी कदम उठाते हुए अभी तक गत् वर्ष से लगभग 25 प्रतिशत अधिक खरीदारी करायी है। इसके साथ ही आढ़तियों के माध्यम से भी खरीद की शुरूआत की गयी। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा 300 करोड़ रूपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गयी। अगले वर्ष की धान व गेहूँ खरीद हेतु अभी से व्यवस्था करने के कदम उठाये जा रहे हैं, ताकि किसानों को पूरा लाभ मिल सके।
राज्यपाल ने कहा कि किसानों को समय से उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रीपोजीशनिंग की व्यवस्था की गयी है। इन्हें उन्नत एवं नये बीज उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। जनपद स्तर पर मृदा परीक्षण हेतु मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। किसानों को पर्याप्त ऋण उपलब्ध कराये जाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड एवं फसली ऋण व्यवस्था हेतु बैंकों से समन्वय स्थापित कर मेगा कैम्प आयोजित कराये जायेंगे। उन्हांेने कहा कि सरकार ऋण ग्रस्त किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए शीघ्र कदम उठायेगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गेहूँ व चावल की उत्पादकता विशेष रूप से बढ़ाने पर ध्यान दिया जायेगा। गन्ना किसानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनको उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने तथा उनका भुगतान शीघ्र कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि गन्ना का वर्तमान उत्पादन 59 टन प्रति हेक्टर से बढ़ाकर 70 टन प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।
श्री जोशी ने कहा कि राज्य में दुग्ध उपार्जन एवं विपणन को सुदृढ़ बनाने के लिए डेयरी कार्य को लघु उद्योग के रूप में विकसित करने की पहल की जा रही है। जनपद लखनऊ में एक बड़ी डेयरी स्थापित करने के साथ-साथ अगले 05 वर्षों में 15 हजार पशुओं पर एक पशु चिकित्सालय स्थापित करने का प्रस्ताव है। बुन्देलखण्ड पैकेज की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 05 सालों में इसका क्रियान्वयन नहीं किया गया, जिससे इस क्षेत्र में सिंचन क्षमता का सृजन एवं अवस्थापना सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया। उनकी सरकार पैकेज का सदुपयोग करते हुए इस क्षेत्र के विकास तथा यहां की जनता को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित करेगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष में झांसी, ललितपुर, महोबा, चित्रकूट, इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र एवं चंदौली में सामुदायिक ब्लास्ट कूपों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार की योजना बनायी गयी है। अगले 05 साल में राज्य की सभी असिंचित जमीन के लिए सिंचाई की व्यवस्था की जायेगी। बुन्देलखण्ड सूखे से एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश बाढ़ से ग्रस्त रहते हैं, इनके लिए विशेष कार्य योजना बनाकर और आर्थिक पैकेज की व्यवस्था करके इन क्षेत्रों को सम्पन्न बनाया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि सरकार प्रदेश में एक ऐसे औद्योगिक वातावरण के सृजन का प्रयास कर रही है, जो रोजगारपरक होने के साथ-साथ प्रदेश को समृद्ध बनाने में भी सहयोगी होगा। प्रदेश में निवेश प्रोत्साहित करने हेतु विकासोन्मुख वातावरण सृजित करने के लिए उनकी सरकार ने औद्योगिक अवस्थापना को अपनी मुख्य प्राथमिकताओं में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि अवस्थापना परियोजनाओं के क्रियान्वयन में निजी क्षेत्र की भागीदारी की जायेगी। पश्चिमांचल के दादरी, नोएडा, गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन के अतिरिक्त पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एक-एक इनवेस्टमेंट जोन की स्थापना भारत सरकार के सहयोग से की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार एक विकासोन्मुखी नीति लायेगी, ताकि उत्तर प्रदेश देश के सबसे आकर्षक निवेश प्रदेश के रूप में अपनी पहचान बना सके।
श्री जोशी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय व कृषि क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति सुधारने की दृष्टि से सरकार ने ग्रामीण बिजली व कृषि फीडर को अलग करने की योजना बनायी है। निजी और सरकारी क्षेत्र में विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने को प्राथमिकता देते हुए अगले 02 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे और शहरी क्षेत्रों मंे 22 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कहा कि नये बिजली घरों की स्थापना, पुराने बिजली घरों के रख-रखाव तथा पारेषण हानियों पर ध्यान दिया जा रहा है और बिजली चोरी पर भी पूरा अंकुश लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर भी कार्य कर रही है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के संतुलित विकास की आवश्यकताओं को देखते हुए सड़कों, सेतुओं के निर्माण, पुनर्निमाण, अनुरक्षण आदि कार्यों के संपादन हेतु समुचित बजट की व्यवस्था की जायेगी। शहरों की बढ़ती आबादी के दृष्टिगत बाईपास, सेतुओं, रेल उपरिगामी सेतुओं तथा फ्लाईओवर निर्माण को विशेष महत्व दिया जायेगा। निर्माणाधीन पुलों के निर्माण कार्य को तेज किया जायेगा। इसके अतिरिक्त राजमार्गों के उच्चीकरण एवं सुधार हेतु सार्वजनिक-निजी-सहभागिता (पी0पी0पी0) पर बल दिया जायेगा। जिला मुख्यालयांे को 04 लेन की सड़कों से जोड़ा जाएगा। समय की बचत तथा सुविधाजनक आवागमन हेतु देश की राजधानी नई दिल्ली और लखनऊ को सीधे एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना को क्रियान्वित किया जायेगा। जिन गांवों को अभी तक सड़कों से नहीं जोड़ा गया है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जोड़ने की योजना है।
श्री जोशी ने कहा कि लखनऊ की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने हेतु मेट्रो परियोजना के अधीन 37.5 किलोमीटर लम्बाई हेतु डी0एम0आर0सी0 द्वारा लगभग 12 हजार 5 सौ करोड़ रूपये की डी0पी0आर0 तैयार की गयी है। राज्य के नवयुवकों को रोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु आई0टी0 पार्क की स्थापना पर प्राथमिकता से काम किया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि समाज के समस्त वर्गों के असहाय, शोषित एवं सुविधाविहीन लोगों के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार कल्याणकारी योजनायें संचालित कर रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 30 लाख परिवारों को वृद्धावस्था किसान पेंशन योजना से आच्छादित करने का लक्ष्य है। राज्य की 17 पिछड़ी जातियों राजभर, निषाद, प्रजापति, मल्लाह, कहार, कश्यप, कुम्हार, धीमर, बिन्द, भर, केवट, धीवर, बाथम, मछुआ, मांझी, तुरहा तथा गौड़ को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करना प्रस्तावित है। अनाथ बच्चों को आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य स्तर पर एक दत्तक ग्रहण संसाधन एजेन्सी तथा जनपद स्तर पर दत्तक ग्रहण इकाई की स्थापना करने पर विचार किया जा रहा है।
श्री जोशी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के कल्याण हेतु उनकी सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं। पूर्व से संचालित योजनाओं को पारदर्शी एवं प्रभावी ढंग से संचालित करने के अलावा समस्त कब्रिस्तानों की भूमि पर अवैध कब्जा रोकने के उद्देश्य से चहारदीवारी के निर्माण हेतु प्रथम चरण में इसी वित्तीय वर्ष में समुचित व्यवस्था की जा रही है।
राज्यपाल ने कहा कि छात्रसंघों के माध्यम से छात्रों की न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयांे में छात्रसंघ का चुनाव कराये जाने का निर्णय लिया गया है। राज्य के सभी विकास खण्डों में जहां कोई कन्या डिग्री काॅलेज नहीं है, जमीन की उपलब्धता को देखते हुए वहां सरकारी कन्या डिग्री काॅलेज की स्थापना की जायेगी और 05 साल के भीतर इन कन्या महाविद्यालयों में बी0एड0 कक्षायें चलाने की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जायेगी। प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने तथा कुशल कारीगर तैयार करने हेतु राजकीय सहायता प्राप्त संस्थाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी संस्थायें स्थापित करने को प्रोत्साहन दिया जायेगा।
श्री जोशी ने कहा कि बढ़ती वाहन दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाने के लिए राज्य में मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया गया है। ई-गवर्नेन्स योजना के तहत प्रदेश की जनता को उसके निवास के समीप विभिन्न प्रकार की शासकीय सेवायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क की स्थापना मूलभूत अवस्थापना सुविधा के रूप में की गई है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के समस्त नक्शों को डिजिटलाइज किया जाएगा एवं सेटेलाइट इमेजरी के नक्शों का मिलान कर उससे एक आदर्श नक्शे का निर्माण किया जायेगा, जो कम्प्यूटर पर उपलब्ध होगा। राजस्व परिषद में ई-पत्रावली साफ्टवेयर लागू किया जायेगा। कर व्यवस्था को यथा सम्भव सरल किया जाएगा और विभिन्न वस्तुओं पर कर की दरों को युक्ति-संगत बनाया जाएगा। वाणिज्य कर विभाग के कार्यों को पारदर्शी एवं सुगम बनाने हेतु विभाग की कार्यप्रणाली के विभिन्न माड्यूल तैयार कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कर राजस्व का संग्रह इस प्रकार बढ़ाने की योजना है कि व्यापारियों को अनावश्यक उत्पीड़न का सामना न करना पड़े तथा प्रदेश के उद्योगों की स्पद्र्धात्मक क्षमता भी प्रभावित न हो।
राज्यपाल ने कहा कि खाद्य एवं रसद विभाग की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग द्वारा टोल फ्री नम्बर पर कम्प्यूटरीकृत कर विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे जनसामान्य राशन सम्बन्धी शिकायतें एवं सुझाव आॅन-लाईन दर्ज करा सकें। उन्होंने कहा कि सरकार खनन उद्योग में लगे माफियाओं पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है, ताकि उपभोक्ताओं को उचित कीमत पर उपखनिज प्राप्त हों। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुशीनगर तथा आगरा में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा की स्थापना, आगरा में ताजगंज वार्ड के समुचित विकास तथा मथुरा, वृंदावन सर्किट पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ-साथ प्राचीन कुण्डों/वनों के पुनरोद्धार कराया जायेगा। राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए सहारनपुर तथा फतेहपुर में स्र्पोटस काॅलेज का निर्माण प्रगति पर है। इसके अलावा सैफई में भी स्र्पोटस काॅलेज की स्थापना की जायेगी।
राज्यपाल ने सभी सदस्यों से प्रदेश के समग्र विकास में सराहनीय सहयोग की अपेक्षा करते हुए आशा व्यक्त की कि राज्य तेजी से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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