समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि राज्य विधान मण्डल के एक साथ समवेत दोनों सदनों के समक्ष महामहिम राज्यपाल श्री बी0एल0 जोशी के अभिभाषण के समय आज बसपा के विधायकों ने समस्त लोकतांत्रिक मान्यताओं और परम्पराओं को तिलांजलि देकर जैसी अभद्रता दर्शायी है, उसकी जितनी निन्दा की जाए कम है। उन्होने अपने आचरण से यह भी जता दिया है कि उनमें अपने अलावा दूसरे पक्ष की बात सुनने की सहिष्णुता या धैर्य भी नहीं है।
विपक्ष की भूमिका सकारात्मक आलोचना की होती है। बसपा में किसी को इसकी सीख अपने नेताओं से ही नहीं मिली है। सदन में तर्क की भाषा चलती है, जिसकी बसपा में गुंजायश नहीं है। उनमें जरा भी शालीनता होती तो वे जनादेश का सम्मान करते। जनता ने समाजवादी पार्टी को सत्ता सौंपी है और बसपा को सत्ता से बाहर किया है, जनता के इस फैसले को केवल जन विरोधी व्यक्ति या अलोकतांत्रिक संगठन ही झुठला सकता है।
महामहिम राज्यपाल महोदय ने अपने अभिभाषण में उत्तर प्रदेश की पांच वर्ष की बरबादी की सही तस्वीर का जिक्र किया है। उनका यह कथन उल्लेखनीय है कि यह राज्य पिछले पांच वर्षो में देश के इतिहास के सबसे बडे़ भ्रष्टाचार, निर्दोष लोगों के उत्पीड़न और जंगलराज का गवाह बना है। जनता को पत्थर, मूर्तियों और स्मारकों के अलावा कुछ नहीं मिला। राजनैतिक अधोपतन के चलते पूरे प्रदेश को शर्मसार करनेवाली अनेक घटनाएं इस दौरान घटी।
समाजवादी पार्टी की सरकार ने अब विकास का एजेन्डा तैयार किया है जिसका ब्यौरा राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में दिया गया है। अभिभाषण से स्पष्ट है कि विकास की दौड़ में पिछड़े इस प्रदेश को पुनः विकास के पथ पर आगे ले जाने और प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार कृत संकल्प है।
महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार का लक्ष्य जनाकांक्षाओं की पूर्ति एवं प्रदेश का समग्र विकास बताया गया है। इस लक्ष्य पूर्ति के लिए बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। सरकार के इस जनोपयोगी संकल्प का साथ देने और प्रदेश के विकास लक्ष्य को पाने में सहयेाग करने से इंकार कर बसपा ने अपने अधिनायकशाही, जनविरोधी और प्रगति विरोधी चरित्र का परिचय दिया है। उसका यह आचरण जनादेश का अपमान है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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