भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सपा सरकार की प्रशासनिक अक्षमता एवं असफलता का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा की सरकार बने दो माह से अधिक हो चुके हैं फिर भी प्रदेश की कानून व्यवस्था जर्जर है। आज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र एवं नेता विधान मंडल दल हुकुम सिंह के नेतृत्व में विधान मंडल दल के प्रतिनिधिमंडल ने आज महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर उनसे अपने अभिभाषण में पेट्रोल की दरों में अप्रत्याशित वृद्धि, गेहूं की खरीद, किसानों, विद्युत आपूर्ति, बिगड़ी कानून व्यवस्था, पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने आदि मुद्दों को सम्मिलित करने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल में उपनेता सतीश महाना, मुख्य सचेतक डाॅ0 राधामोहन दास अग्रवाल, विधायक सुरेश खन्ना, विधायक कुं0 भारतेन्द्र सिंह रहे।
ज्ञापन
सेवा में,
महामहिम राज्यपाल महोदय,
उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
सम्माननीय महोदय,
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बने हुए 2 माह से अधिक हो चुके हैं। लेकिन इन दो महीनों में ही प्रदेश सरकार की प्रशासनिक अक्षमता एवं असफलता पूरी तरह खुलकर सामने आ चुकी है। अतः हम आपके संज्ञान में निम्न बिन्दुओं को विशेष रूप से लाना चाहते हैं:-
1. पेट्रोल की दरों में अप्रत्याशित वृद्धि करके केन्द्र सरकार ने देश की जनता के साथ में घोर अन्याय किया है। संसद का सत्र काफी लम्बा चला और सत्र के चलते सरकार की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव संसद में नहीं आया और जैसे ही सत्र की समाप्ति हुई वृद्धि की घोषणा कर दी गयी। यह लोकतंत्र की मर्यादा का उल्लंघन है। एक तरह से लुकाछिपी का खेल है। यू0पी0ए0 सरकार अपने कार्यकाल में पेट्रोल पर लगभग 36/- रूपये की वृद्धि कर चुकी है। सामान्य नागरिक के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। यह भी एक अजीब संयोग है कि प्रदेश का सत्ताधारी दल एक ओर तो पेट्रोल की दर वृद्धि का विरोध करता है दूसरी ओर यू0पी0ए0-2 की तीन साल की उपलब्धियों का गुणगान करने वाले कार्यक्रम में प्रदेश के सत्ता दल के मुखिया मंच पर बैठकर केन्द्र सरकार की उपलब्धियों के जश्न में सम्मिलित होते हैं। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी विधान मण्डल दल इस अप्रत्याशित और अन्यायपूर्ण दर वृद्धि की भत्र्सना करता है तथा महामहित राज्यपाल महोदय से अनुरोध करता है कि हमारी भावनाओं से केन्द्र सरकार को अवगत कराने की कृपा करें।
2. वर्तमान प्रदेश सरकार ने 15 मार्च को सत्ता संभाली और जन कल्याण के अनेकों वायदे किये थे। सुशासन का संकल्प लिया था। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में किसानों का गेहूं मण्डी में आना शुरू हो गया था। सरकारी दर 1285/- प्रति कुंतल घोषित की गयी थी। सरकारी क्रय केन्द्रों के द्वारा किसानों का गेहूं क्रय करने की व्यवस्था का भी उल्लेख किया गया था। सौभाग्य से इस वर्ष गेहूं का अच्छा उत्पादन हुआ है। कृषकों को उम्मीद थी कि अच्छे उत्पादन के और अच्छी दरों के मिलने से उसकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी। परन्तु सरकारी क्रय एजेंसियों ने शुरू से ही किसानों की विवशता का अनुचित लाभ उठाना शुरू कर दिया। कभी कम बोरों का बहाना लेकर और कभी गोदाम में अधिक गेहूं के भण्डारण की बात कहकर किसानों का उत्पीड़न किया गया। दो-दो दिन तक गेहूं की खरीददारी नहीं हुई। किसानों को मजबूर किया गया कि वह बिचैलियों को 900-950 रूपये प्रति कुंतल की दर से गेहूं विक्रय करें। सरकारी अधिकारियों की साजिश से बिचैलियों द्वारा क्रय किया गया गेहूं फर्जी किसानों के नाम से केन्द्रों पर क्रय किया जाना दर्शाया गया। एक ओर तो किसानों को लाभ से वंचित किया गया दूसरी ओर बिचैलियों एवं सरकारी अधिकारियों ने प्रत्येक केन्द्र पर लाखों रूपये की काली कमाई की। यह भी उल्लेखनीय है कि इस काले धंधे में सत्ता पक्ष के प्रभावशाली व्यक्ति भी खुलकर भागीदार रहे। यह हास्यास्पद है कि जिस समय किसान का गेहूं केन्द्रों पर आ रहा था उस समय किसी मंत्री ने एक भी केन्द्र का निरीक्षण नहीं किया और जब करीब 90 प्रतिशत किसानों का गेहूं बाजार में आ चुका है तो छापे मारने की फर्जी कार्यवाही दर्शायी जा रही है। बुंदेलखण्ड, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराईच से लेकर समस्त प्रदेश के किसानों का भारी शोषण हुआ है।
3. समस्त प्रदेश भयंकर सूखे की चपेट में है। 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का वादा करने वाली सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्रों में 3 घंटे भी विद्युत आपूर्ति का औसत नहीं आ रहा है। गन्ना की बुवाई तथा धान की रोपाई का समय है और नलकूपों से सिंचाई पूर्णतः बाधित है। प्रदेश के अधिकांश नगर व महानगरों में विद्युत आपूर्ति 10-12 घंटे भी नहीं मिल पा रही है। दूसरी ओर सत्ता में बैठे प्रभावशाली मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति करा रहे हैं। यदि कोई कृषक अपने नलकूप हेतु नया संयोजन लेना चाहे तो 6 माह की प्रतीक्षा सूची है। विद्युत आपूर्ति की इतनी दुदर्शा पूर्व में कभी नहीं हुई। परन्तु प्रदेश सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम विद्युत आपूर्ति के लिए नहीं उठाया जा रहा है।
4. प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था -प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से जैसे अपराधियों को खुली छूट मिल गयी है। पूरे प्रदेश में हजारों हत्याओं सहित बलात्कार, अपहरण, डकैती, लूटपाट आदि घटनाओं में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। अधिकांश घटनाओं के पीछे राजनैतिक संरक्षण होने के कारण पुलिस प्रशासन भी मूक बना हुआ है। अपराधी इतने स्वच्छंद एवं मनबढ़ हो चुके हैं कि पुलिस कर्मियों को खुले आम दौड़ाकर पीटा जा रहा है तथा हत्यायें की जा रही हैं। दुधारू पशुओं का वध जिस गति से पूर्ववर्ती सरकार मे हो रहा था वो अभी भी जारी है । अपराध के धन्धे मे लिप्त अवांछनीय तत्व गौवंश का खुले आम वध कर रहा है। स्थानिय पुलिस का दायित्व केवल अवैध रकम की वसूली तक ही सीमित है । निश्चित रूप से प्रदेश मे दुधारू पशुओं का संकट पैदा न हो जाये।
5. पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार पर पर्दा- यह सरकार ढि़ढ़ोरा पीट रही है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में स्मारकों और मूतियों के निर्माण में 40 हजार करोड़ का घोटाला हुआ और सभी भ्रष्ट लोगों की जगह जेल में होगी। लेकिन सच्चाई में सिर्फ भ्रष्टाचार का हौवा मात्र खड़ा किया जा रहा है। जमीनी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। अगर स्मारकों के निर्माण के 40 हजार करोड़ घोटाले के साथ शराब घोटाला, चीनी मिलों के विक्रय का घोटाला, किसानों के द्वारा बेचे गये गन्ने में 8 रूपये प्रति कुन्तल की दर से चीनी मिलों से वसूली का घोटाला, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अरबों रूपये की भूमि को भू-माफियाओं को कौड़ी के दाम बेचने वाला घोटाला, एक्सप्रेस हाइवे से संबंधित भूमि घोटाला आदि सभी घोटालों को जोड़ दिया जाय तो यह रकम 2 जी स्पैकट्रम घोटाले से कहीं अधिक है। लेकिन सब कुछ सामने होते हुए भी सरकार जांच आयोग बैठाने का खेल ख्ेाल रही है और पूर्ववर्ती सरकार में प्रभावी व्यक्तियों से अन्दर खाने में सांठ-गांठ कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी विधान मण्डल दल का प्रतिनिधिमण्डल आग्रह करता है कि महामहिम राज्यपाल 28 मई, 2012 के लिए नियत अपने अभिभाषण में उपरोक्त बिन्दुओं को सम्मिलित करने की कृपा करें ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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