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आइए, जनता की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये एकजुट होकर विस्तार करते हुए आगे बढ़ें

Posted on 25 May 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी का  अध्यक्षीय भाषण राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक

1भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मुंबई में कई वर्षों के अंतराल पर हो रही है। मुंबई की इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों की शुरुआत करना है, फिर चाहे वो चुनाव 2014 में हों या उससे पहले।
इन चुनावों में हमें जनादेश मिलता दिखायी दे रहा है। आइए, सिंधुसागर के तट पर बसे मुंबई से हम अपनी विजय यात्रा की तैयारी प्रारंभ करें।
दो दिन पहले ही, 22 मई को कांग्रेस के नेतृत्व में चल रही यूपीए की  सरकार के कार्यकाल के आठ वर्ष पूरे हुए हैं। जब किसान आत्महत्या कर रहे हैं, रुपया गिर रहा है, आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ रहे हैं तब यूपीए ने जश्न मनाकर अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दिया है। यह सरकार पहले से ही पंगु और बेअसर हो चुकी है। मुंबई से भाजपा इस भ्रष्ट, घोटालों से घिरी, गरीब विरोधी और निरंतर अलोकप्रिय होती जा रही सरकार को ज़ोरदार और स्पष्ट रूप से यह बताना चाहती है किः “तुम्हारे दिन अब गिनती के हैं। भारत अब तुम्हारे कुशासन को और बर्दाश्त नहीं कर सकता। वक्त आ गया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की वापसी हो ताकि यूपीए द्वारा फैलाई जा रही अराजकता खत्म की जा सके और हम देश को सही दिशा में आगे ले जा सकें।“

अटलजी, हमारे प्रेरणा के स्त्रोत
भाजपा के इतिहास में मुंबई का गौरवपूर्ण महत्व है। अप्रैल 1980 में पार्टी की स्थापना के बाद दिसंबर में यहीं श्रद्धेय अटलजी के नेतृत्व में पार्टी का पहला पूर्ण अधिवेशन हुआ था।
हम सभी को यहां श्री अटलजी की अनुपस्थिति खल रही है। हालांकि, उनका आशीर्वाद सदैव हमारे साथ हैं। हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने और दीर्घायु की कामना करते हैं।
सŸाा में भाजपा की वापसी आज राष्ट्र््ीय आवश्यकता बन गयी है। इस कर्तव्य को निभाने में हमें सफल होना ही है। राजनीतिक हालात और लोगों का मन, दोनों ही भाजपा की वापसी का समर्थन कर रहे हैं। बस, हमें इस अवसर को खोना नहीं है।

भारत की वर्तमान आर्थिक बदहाली के लिए ‘यूरोज़ोन‘ नहीं बल्कि ‘यूपीए-ज़ोन‘ जिम्मेदार
भारत के लोग बड़ी आशा और उम्मीद के साथ भाजपा की ओर देख रहे हैं। निस्संदेह, जिस अनुपात में लोगों का कांग्रेस से मोहभंग हो रहा है और उसके प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है, उसी अनुपात में उनकी भाजपा से उम्मीदें भी बढ़ती जा रही हैं। यूपीए का शासनकाल भ्र्रष्टाचार, घोटालों, नाकामियों और धोखाधड़ी की शर्मनाक कहानी है।
यूपीए सरकार की धोखाधड़ी का सबसे बडा शिकार है आम आदमी, जो भयंकर और निरंतर बढ़ती महंगाई के बोझ्ा तले दबता और पिसता चला जा रहा है। गरीबों और मध्यमवर्ग की परेशानियां कम करने के बजाय इस सरकार ने पेट्रोल के दाम बढ़ाकर लोगों की कमर तोड़ दी हैं। यह सरकार की असंवेदनशीलता का एक और उदाहरण है।
हमारे अर्थशास्त्री-प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का रुपया गिरता ही जा रहा है। ये डर बेबुनियाद नहीं है कि जल्दी ही रूपया इतना नीचे चला जाएगा कि एक अमेरिकी डाॅलर 60 रुपए का हो जाएगा। जीतोड़ मेहनत से इकट्ठा किया गया भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भारी दबाव में है। सरकार की गलत नीतियों के कारण भारतीय कारोबारियों को देश के बजाय विदेशों में निवेश करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जैसाकि उम्मीद की जा रही थी, सरकार के प्रवक्ता भारतीय अर्थव्यवस्था की समस्याओं के लिए बाहरी कारणों को जि़म्मेदार ठहरा रहे हैं। ये सरासर बहानेबाजी है। भारत की समस्याओं की असली जड़ यूरोज़ोन नहीं, बल्कि यूपीए-ज़ोन है। पूरे मामले में सच बस इतना है कि ये सरकार फैसला लेने और नीतियां बनाने में पूरी तरह नाकाम हो चुकी है। सक्षम नेतृत्व के अभाव ने हालात को और भी बदतर बना दिया है।
यूपीए सरकार के कुशासन का एक और संकेतक केंद्र और राज्यों के संबंधो में बढ़ता तनाव हैं। कई गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने ये शिकायत की है कि केंद्र में बैठी कांग्रेस पार्टी के अहंकारी नेतृत्व ने राज्य सरकारों की हालत नगर निकायों जैसी कर दी है। ये बात भाजपा को कतई मंजूर नहीं है। इसके विपरीत भाजपा केंद्र और राज्यों के बीच वैसे ही सद्भावपूर्ण रिश्ते विकसित करना चाहती है जैसा श्री अटल बिहारी वाजपेयीजी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के शासनकाल में थे।

कांग्रेस ने समस्याएं पैदा की हैं: भाजपा समाधान करेगी

भाजपा का मानना हैं कि भारत की आर्थिक नीतियां, स्थायी विकास, रोजगार सृजन, कृषि, ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दें ताकि यह नीतियां अर्थव्यवस्था के अनौपचारिक क्षेत्रो, अनुसूचित जाति, जनजातियों और अन्य वंचित वर्गो तथा अल्पसंख्यकों को लाभ पहंुचा सके।
कांग्रेस से इसकी अपेक्षा नहीं की जा सकती। वह तो केवल राहत के झूठे वायदे करती रही है।
जल, ऊर्जा, खाद्य और पर्यावरण सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिए अल्पकालीन और दीर्घकालीन - दोनों तरह के उपाय तत्काल करने की भी आवश्यकता है।
आज हमारी यह बैठक महाराष्ट्र में हो रही है, जहां के बड़े हिस्से में सूखा पड़ा हुआ है। यह रोजमर्रा की बात हो गई है। राज्य सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए फिर से पानी के टैंकरों का उपाय किया है। आसानी से यह समझ्ाा जा सकता है कि पानी गांवों तक नहीं पहुंच सकता क्योंकि टैंकरों से पानी ‘रिसता‘ रहता है। इस तरह से भ्र्रष्ट नेता जनता के पैसे को हड़पते रहते हैं।
‘टैंकर के उपाय‘ को मैं उपमा के रूप में इस्तेमाल कर रहा हूं। इसका कारण यह है कि नरेगा, एनआरएचएम, इंदिरा आवास योजना, राजीव गांधी राष्ट्रीय पेयजल मिशन और इसी तरह की कांग्रेस द्वारा घोषित विकास और कल्याण योजनाओं के साथ ऐसा ही हो रहा है।
मेरा मानना है कि इन सारी बुनियादी समस्याओं का समाधान, सुशासन, विकास के अभिनव प्रयोगों, अंत्योदय द्वारा होगा जो हमारी राष्ट्रवादी विचारधारा का मूल है।
हाल ही में अभी मैं इज़राइल की यात्रा से लौटा हूं। वह बहुत छोटा सा देश है जिसकी आबादी मुंबई की आबादी की आधी से भी कम है। उसके पास पानी और हाइड्रोकार्बन संसाधन भी बहुत कम हैं। उसकी सुरक्षा को अपने पड़ोसियों से लगातार खतरा बना रहता है। और, इसके बावजूद इज़राइल की सरकार और जनता ने समूची आबादी की पानी, ऊर्जा, खाद्यान्न, शिक्षा और स्वास्थ्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भरता वाले उपाय विकसित किए हैं। उन्होंने वाकई इज़राइल को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवीनता के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है।
हमें उसी तरह का राष्ट्रवादी, आत्मनिर्भर, विकासोन्मुखी और नवीनतम रवैया अपनाकर भारत की समस्याओं को हल करने की जरूरत है।
मेरी सभी साथियों से अपील हैः हमें समस्याओं की चर्चा के साथ साथ समाधान भी देने होंगे।
जब लोग हमें केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनादेश दें तो हमारी प्राथमिकताएं महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरु करने की होगी, जैसे अटलजी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चलायी थी। उसी तर्ज पर भारत के कृषि और ग्रामीण विकास के लिए हमें युद्ध स्तर पर जलसंरक्षण मिशन शुरु करना होगा। संसाधनों के अभाव में राज्य सरकारें सिंचाई जैसी बुनियादी समस्या पर ध्यान नहीं दे पा रही हैं। इसी प्रकार केंद्र एवं राज्य सरकार सिंचाई के लिए मिलकर संसाधन जुटा सकते हैं। मेरा मानना है कि इस एक पहल से ग्रामीण भारत की स्थिति उसी तरह बदल सकती है जैसे सड़क परियोजना से शहरों का कायाकल्प हो रहा हैं।
भारतीय संसद ने अभी हाल ही में 60 वर्ष पूरे किए। इस अवसर पर हमें ‘सशक्त संसदीय प्रणाली‘ बनाने के लिए देश को आह्वान करना चाहिए। न केवल संसद बल्कि राज्य विधानसभाओं और पंचायती राज संस्थाओं को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने के लिए हमें राष्ट्रीय स्तर पर बहस शुरू करनी चाहिए। हमें चुनावी सुधारों का ब्लू पिं्रट भी देश के सामने प्रस्तुत करना चाहिए।
हमारी दो राज्य सरकारों - उत्तराखंड (पूर्ववर्ती) और हिमाचल प्रदेश ने अपने-अपने राज्यों में प्रभावी और मजबूत लोकायुक्त विधेयक पारित करने का प्रशंसनीय काम किया है। हमें इन साहसी कदमों को जनता में लोकप्रिय बनाने का काम करना चाहिए।
नक्सली बंधक समस्या (जिलाधिकारी एलेक्स पाॅल मेनन समेत) से मजबूती और सफलता से निपटने के लिए हमें अपनी छŸाीसगढ़ सरकार को बधाई देने के साथ साथ आंतरिक सुरक्षा के इस गंभीर खतरे से निपटने के लिए राष्ट्र के सम्मुख व्यापक उपाय भी प्रस्तुत करने चाहिए।
भाजपा की समस्या-निराकरण की प्रतिबद्धता का प्रमाण हमारी गुजरात सरकार की उपलब्धियों और कार्यों में भी दिखता है, जहां कृषि का रिकाॅर्ड उत्पादन हुआ, सौराष्ट्र और कच्छ में पानी की स्थायी समस्या को हल किया गया, सौर ऊर्जा, महिला साक्षरता, जनजातीय कल्याण और इसी तरह के अन्य मामलों में हमने देश के सामने मिसाल पेश की है।
यही क्रम कर्नाटक में सुशासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाने में, बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को बेहतर बनाने में, और मध्यप्रदेश में सिटीजन चार्टर के प्रभावी क्रियान्वयन तथा अमल में भी दिखता है।
मीडिया सहित अनेक प्रतिष्ठानों के अध्ययनों में सन 2000 से भाजपा-एनडीए शासित राज्य सरकारों को अनेक मानकों पर कांग्रेस और वामपंथी सरकारों की तुलना में बेहतर पाया गया है। इन संस्थाओं द्वारा दिये गये पुरस्कारों में हमारी सरकारें अव्वल रही हैं।

क्षेत्रीय पार्टियों के प्रति भाजपा का सैद्धांतिक नज़रिया
क्षेत्रीय पार्टियों के बारे में हमारा रवैया स्पष्ट है। हमारा मानना है कि इन दलों की सोच भी राष्ट्रीय होती है। वास्तव में इनमें से कई एनडीए में भाजपा के महत्वपूर्ण सहयोगी रहे हैं।
एनडीए के शासन ने यह दिखा दिया है कि स्थायी और उद्देश्यपूर्ण सरकार तभी संभव है जब सŸाारूढ़ गठबंधन के केंद्र में भाजपा की तरह राष्ट्रीय और राष्ट्रवादी पार्टी मजबूत रूप में हो।
हमें यह बात लोगों को खासतौर पर समझ्ाानी होगी कि केंद्र में अस्थिरता की बड़ी भारी कीमत राष्ट्र की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है। इस कारण हमें लोगों को समझ्ााना होगा कि न्यूनतम साझ्ाा कार्यक्रम पर आधारित भाजपा के नेतृत्व वाली मजबूत गठबंधन सरकार ही एकमात्र सच्चा विकल्प है, जो नई दिल्ली में सरकार परिवर्तन की आकांक्षा को पूरा कर सकती है।

भाजपा ही एक विकल्प, जिसकी तलाश भारत की जनता को है
सार्थक विकल्प के पांच निर्धारक तत्व होते हैंः
(क) सशक्त, सक्षम और विश्वसनीय नेतृत्व जिसमें टीम भावना हो और जो देश को पार्टी से ऊपर और पार्टी को स्वयं से ऊपर रखता हो;
(ख) देश के सम्मुख आसन्न चुनौतियों और अवसरों को समझ्ाने की दूरदर्शिता;
(ग) सही फैसले लेने की क्षमता और जन समर्थन से उन्हें लागू करना;
(घ) पारदर्शी और ईमानदार कार्य पद्धति; और
(ड़) राष्ट्रवाद, सुशासन, विकास और अंत्योदय हेतु प्रतिबद्धता।
गांव, गरीब, किसान और मजदूर की समग्र उन्नति-अंत्योदय के मूल वाले हमारे विकास विज़न में हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता रखती है। स्वामी विवेकानंद ने हमसे कहा थाः
“जब तक लाखों लोग भूख और अज्ञानता में जीवन बिता रहे हैं, तब तक मैं हर उस व्यक्ति को देशद्रोही कहूंगा जिसने उन लोगों के खर्चे पर पढ़ाई की और उन्हीं की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं देता।“
अगले वर्ष स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती मनाई जाएगी। मैं पार्टी की सभी इकाइयों से अनुरोध करता हूं कि वे इस पवित्र अवसर पर देश के कोने-कोने में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करें। हमें यह दिखाना है कि राजनीति के क्षेत्र में भाजपा, स्वामीजी के जागृत भारत के संदेश की सर्वश्रेष्ठ वाहक है।
हमारी पार्टी लोगों का विश्वास उस हद तक जीत पाएगी जिस हद तक हम उक्त खूबियों को भाजपा में - केंद्र में, राज्य में और स्थानीय स्तरों पर निरंतर विकसित करते चले जाएंगे। लोगों के विश्वास के बल पर, और इससे मिलने वाली राजनीतिक ताकत के आधार पर, राष्ट्रीय जीवन के विभिन्न पहलुओं में व्यापक बदलाव लाने की जो हमारी सोच है उसे अमल में ला सकेंगे।
भाजपा के हम सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को राजनीति में अपनी भूमिका को एक संकुचित और अल्पकालिक परिप्रेक्ष्य में नहीं देखना चाहिए। हमारे लिए राजनीति दूरगामी सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का एक माध्यम है। हमें खुद को इस भूमिका के योग्य बनाना है।
क्योंकि आज की वंशवादी और भ्र्रष्ट कांग्रेस भारत की तरक्की और विकास की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बन गई है। इसके लिए यह आवश्यक है कि कांग्रेस को केंद्र की सŸाा से उखाड़ फेंकें।

हमारा रणनीतिक लक्ष्य: भाजपा के वोट प्रतिशत मेंकम से कम 10ः की वृद्धि और एनडीए का विस्तार

4जैसाकि पिछले दो वर्षों में मैंने कई अवसरोें पर गौर किया है कि, कांग्रेस को बेदखल करने की हमारी रणनीति तीन अनिवार्य शर्तों पर निर्भर करती हैः (क) जिन राज्यों में हम पारंपरिक तौर पर कमज़ोर हैं, उनमें भाजपा के जनाधार का विस्तार (ख) भाजपा के संपूर्ण वोट आधार में कम से कम 10 प्रतिशत की वृद्धि और (ग) एनडीए का विस्तार।
तीेनों ही लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तरों पर - वैचारिक, राजनीतिक और संगठनात्मक मोर्चों पर कुछ आवश्यक कदम उठाने होंगे।
इन मुद्दों पर हमारी सोच और कार्य में कुछ उत्साहवर्द्धक प्रगति हुई है। हमारे कई मोर्चों और प्रकोष्ठों ने पिछले कुछ महीनों में सराहनीय कार्य किये हैं। किसान मोर्चे ने इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी में एक सफल ‘किसान संसद‘ का आयोजन किया। बुनकर प्रकोष्ठ ने हाल ही में ‘समर शंखनाद‘ नाम का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जिसमें बुनकरों की दयनीय स्थिति और उनके संघर्ष की बात खुलकर सामने आई। मछुआरा प्रकोष्ठ भी सक्रिय है। उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ ने भी भाजपा सरकारों की उपलब्धियों के प्रदर्शन के लिए एक आयोजन किया, जिसमें करीब 500 कारोबारी शामिल हुए।
मज़दूर महासंघ ने देश भर में कई आंदोलनों और अभियानों का नेतृत्व किया। पिछले वर्ष ऐसे ही एक आयोजन में करीब 500 से ज्यादा ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
इनमें से हर एक सम्मेलन और आयोजन में, हम कांग्रेस सरकार की नाकामियों और धोखाधड़ी की सिर्फ आलोचना नहीं करते। हम ऐसे ठोस समाधान भी सुझ्ााते हैं जिन्हें अगर भाजपा को अगली सरकार बनाने का मौका दिया गया तो, वो पूरी प्रतिबद्धता से लागू किए जाएंगे। अगर हमारा व्यापक संगठनात्मक ढांचा इन गतिविधियों का संदेश ज़मीनी स्तर तक ले जाएगा तो समाज के विभिन्न वर्गों में भाजपा के प्रति लोगों की सद्भावना को बल मिलेगा।
आने वाले महीनों में, हमने असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों - शिक्षकों, डाॅक्टरों, व्यापारियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इत्यादि के लिए विशाल राष्ट्रीय सम्मेलनों की योजना बनाई है।
मैं अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र के करीब 45 करोड़ श्रमिकों के बीच तेज़ी से फैल रहे हमारे कार्य को विशेष महत्व के साथ बताना चाहता हूं। हमें खेतिहर मजदूरों, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों, ढुलाई करने वालों, रिक्शाचालकों, घरों में कार्य करने वाली महिलाओं (मेड सर्वेंट्स) और इसी तरह के अन्य सभी लोगों को विश्वास दिलाना है कि भाजपा ही उनकी पार्टी है।
जब हम इस कार्य में सफल होंगे तो हमारा वोट प्रतिशत स्वाभाविक रूप से निरंतर बढ़ता जाएगा। इस संदर्भ में, मैं दक्षिण के तमिलनाडु की एक उत्साहवर्द्धक घटना का उल्लेख विशेष तौर पर करना चाहता हूं। हमारी पार्टी ने मदुरै में हाल ही में विशाल सम्मेलन किया जिसमें एक लाख से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए। इस सफलता के लिये मैं राज्य इकाई को बधाई देता हूं।

हाल के चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन
अब मैं, हमारी पिछली बैठक के बाद हुए चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की बात करूंगा।
चूंकि हम मुंबई में बैठक कर रहे हैं, मैं आप सबसे अनुरोध करूंगा कि मेरे साथ राज्य और शहर की पार्टी यूनिट को हाल में हुए मुंबई म्यूनिसिपल चुनावों में शानदार सफलता पर बधाई दें। अपने गठबंधन के साथियों शिव सेना और रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया (आठवले) के साथ मिलकर हमने मुंबई और महाराष्ट्र के दूसरे शहरों में हुए चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया। मुझ्ो कोई संदेह नहीं कि ये सफलता उस बड़ी सफलता की शुरुआत भर है जो हमारी पार्टी और हमारे गठबंधन को - कांग्रेस-एनपीसी के भयंकर रूप से भ्रष्ट और अक्षम शासन को अगले विधानसभा चुनावों में समाप्त कर मिलने वाली है।
इसी तरह मैं इस मौके पर भाजपा की दिल्ली प्रदेश इकाई को भी बधाई देना चाहूंगा जिसे हाल ही में हुए नगर निगम चुनावों में जबरदस्त जीत मिली है। ये जीत भी, सन् 2013 में होने वाले विधान सभा चुनावों में पार्टी की इससे भी बड़ी जीत की शुरुआत है।
पड़ोसी राज्य गोवा में, भाजपा ने हाल के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस को सŸाा से हटाने में कामयाबी हासिल की है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर परिकर, श्री श्रीपाद नाईक और लक्ष्मीकांत पार्सेेकर तथा गोवा के तमाम कार्यकर्ताओं का मैं दिल से अभिनंदन करता हूंॅ। गोवा में हमारी जीत दो वजहों से खास है। पहला, हमें वहां पूर्ण बहुमत मिला है। लिहाजा, कांग्रेस पार्टी को सरकार गिराने का मौका नहीं मिलेगा - जो खाली वक्त को बिताने के लिए उसका एक पसंदीदा काम बन गया था। दूसरा, इस बार हमारी पार्टी गोवा में एक बड़े वर्ग का समर्थन पाने में सफल हुई है, जबकि कांग्रेस ने अपने हित के लिए ये दुष्प्रचार किया कि भाजपा अल्पसंख्यक विरोधी है। यह विशेष उल्लेखनीय है कि हमारे 9 विधायक अल्पसंख्यक समाज के प्रतिनिधि हैं।
गोवा के अनुभव से सीख लेते हुए, मैं अपनी पार्टी की सभी इकाइयों से ये अपील करूंगा कि वे अल्पसंख्यक समुदाय के हमारे बंधुओं का भरोसा जीतने के ऐसे ही प्रयास तेज करें। मैं अपने अल्पसंख्यक बंधुओं से विशेष तौर पर अपील करता हूं और उन्हें आश्वासन देता हूंः “कांग्रेस और कम्युनिस्टों के इस स्वार्थपूर्ण दुष्प्रचार में मत फंसिए कि भाजपा अल्पसंख्यक विरोधी पार्टी है। अगर भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन अगली सरकार बनाता है तो आपको डरने की कोई ज़रूरत नहीं। हम आपकी सुरक्षा, विकास और भलाई का उसी तरह से ख्याल रखेंगे, जिस तरह से अन्य समुदायों का रखते हैं। जाति, नस्ल, भाषा या लिंग के बिना किसी भेदभाव के हम सभी भारतीयों को आर्थिक और सामाजिक न्याय सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘एकात्म मानववाद‘ से हमने यही पाठ सीखा है।“
हम पंजाब के अपने साथियों और अपने गठबंधन के सहयोगी - शिरोमणि अकाली दल का भी गर्मजोशी से अभिनंदन करें जिन्होंने राज्य में नए सिरे से जनादेश हासिल करने की उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की है।
मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि आंध्र प्रदेश में हमारी पार्टी ने महबूबनगर विधानसभा उपचुनाव में भी उल्लेखनीय जीत हासिल की है।
उŸाराखंड में हम मात्र एक सीट से सरकार बनाने से चूके। इन परिणामों का हमें अध्ययन करना होगा।
उत्तर प्रदेश में परिणाम हमारी अपेक्षाओं से कम रहे। राज्य की जनता बदलाव चाहती थी। लेकिन हम अपने आप को एक भरोसेमंद और मजबूत विकल्प के रूप में प्रस्तुत नहीं कर सके। यद्यपि प्रदेश में हमारा प्रदर्शन  अपेक्षा अनुरूप नहीं रहा लेकिन अभी भी प्रदेश में हमारा व्यापक जनाधार है। मुझे विश्वास है कि हमारे प्रयासों से फिर से हमारे साथ जुड़ेगा। प्रदेश में पार्टी को हर स्तर पर युवाओं को भी आगे लाना होगा। इस दिशा में हमारे प्रयास शुरू हो गए हैं।
तत्काल हमारे सामने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आने वाले चुनावों का सफलतापूर्वक सामना करने की चुनौती है। हमारी अन्य सरकारों की भांति गुजरात और हिमाचल प्रदेश सरकारों ने सुशासन के नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर व्यापक सराहना पाई हैं। गुजरात ने खास तौर पर, अपने तीव्र और चैतरफा विकास से पूरे देश और दुनिया की नजरों में अपना स्थान बनाया है। मुझ्ो पूरा भरोसा है कि हमारी पार्टी की इकाइयां दोनों ही राज्यों में एक बार फिर लोगों का समर्थन और जनादेश हासिल करने में सफल रहेंगी।

राष्ट्रपति चुनाव
इस वर्ष जुलाई में 13वें राष्ट्रपति का चुनाव होना है। भाजपा यह प्रयास कर रही है कि गैर-कांग्रेसी दलों में एक व्यापक आम सहमति बने ताकि एक ऐसे योग्य उम्मीदवार को खड़ा किया जाए जो संविधान की रक्षा करने के साथ-साथ, गणतंत्र के सर्वोच्च पद को और गरिमामय बना सके। कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति भवन में आसीन होने वाले उम्मीदवार का चयन मुख्य रूप से इस कसौटी पर कर रही है कि वह एक  परिवार विशेष के प्रति स्वामीभक्ति रखता हो, न कि संविधान के प्रति। जिस तरह कांग्रेस ने भारतीय लोकतंत्र के दूसरे संस्थानों की गरिमा को कम किया है, उसी तरह वह राष्ट्रपति पद की गरिमा कम करना चाहती है। इस बार इसे किसी हाल में सफल होने नहीं देना चाहिए।

पार्टी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण

मुझ्ो ये बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारा प्रशिक्षण विभाग एक प्रकार से इतिहास रच रहा है, जो हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरे जोर शोर से आगे बढ़ाने वाला है। सन् 2012 की शुरुआत के बाद से ही, पांच राज्यों में चुनावों की वजह से, हम अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सुचारू रूप से नहीं चला पा रहे थे। लेकिन अब, हम एक बार फिर इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने वाले हैं। मेरा अंदाजा है कि हमारा सुसंगठित प्रशिक्षण कार्यक्रम हाल के चुनावों में पार्टी के लिए काफी फायदेमंद रहा है। उŸाराखंड के सभी जिलों में ‘प्रवेश वर्ग‘ आयोजित किए गए, पंजाब में सभी विभागों और गोवा में दो राज्य स्तर के वर्ग लगाए गए। दिल्ली में 200 से ज्यादा मंडलों में एक दिन के मंडल अभ्यास वर्गों में 30,000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इसका नतीजा आज सबके सामने है।
प्रशिक्षण का दूसरा स्तर जिसे ‘प्रगत वर्ग‘ कहा जाता है, उसकी शुरुआत जून, 2012 से हो रही है। पहले ‘प्रगत वर्ग‘ में हमारे अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी शामिल होगी जिसका आयोजन 15 से 18 जून के बीच मध्यप्रदेश में होगा। इसके बाद अंडमान और अन्य राज्यों में आयोजन होंगे। मैं आप सबसे अपील करता हूं कि इस जोश को बनाए रखें। मैं देश के विभिन्न हिस्सों में सन् 2012-2013 के दौरान होने वाले ‘प्रवेश वर्ग‘ और ‘प्रगत प्रशिक्षण‘ वर्गों से भी और अधिक उम्मीद कर रहा हूं।
इस मौके पर मैं अपने सभी स्तर के पदाधिकारियों से यह अपील करना चाहूंगा कि उन्हें इसकी पहल करनी है और ये सुनिश्चित करना है कि प्रशिक्षण के कार्यक्रम योजना के मुताबिक चलें और हम उन लक्ष्यों को हासिल करें जो हमने तय किए हैं।
हमारे सुशासन प्रकोष्ठ के कार्य भी सही मायने में सराहनीय हैं। अप्रैल में, इसने पहली बार राज्य स्तर के खादी और ग्रामीण उद्योग परिषदों और हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट बोर्ड के अध्यक्षों और सदस्यों की एक बैठक का आयोजन किया। ‘सुशासन प्रकोष्ठ‘ ने एक नए विचार पर काम करना शुरु किया है जिसमें हमारी सरकारों के उत्कृष्ट कार्यों को छोटे-छोटे लेखों और छोटी डाॅक्यूमेंट्री वीडियो फिल्मों के जरिए संकलित जा रहा है, और जिसे “द डिफरेंस दैट वी मेड“ शीर्षक दिया गया है। इस श्रृंखला का पहला मोनोग्राफ छŸाीसगढ़ में सफलतापूर्वक लागू की गई सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) पर था, जिसका प्रकाशन इसी वर्ष किया गया है। गुजरात के अहमदाबाद में बीआरटीएस को सफलतापूर्वक लागू किए जाने पर तैयार की गई एक लघु फिल्म इसी बैठक में रिलीज़ की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण के संरक्षण पर एक मोनोग्राफ भी इस मीटिंग में रिलीज़ किया जाएगा। इसी प्रकार मध्य प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, झ्ाारखंड, पंजाब और गोवा में हमारी सफलताओं सम्बन्धी मोनोग्राफ पर भी काम चल रहा है।
मैंने ‘सुशासन प्रकोष्ठ‘ से कहा है कि वह जल्द ही ‘ई-गवर्नेंस के जरिए सुशासन‘ विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करे।
मैं यहां आपको ये भी बताना चाहूंगा कि हमारा ‘ओवरसीज फ्रेंड्स आॅफ बीजेपी‘ भी अच्छा काम कर रहा है। पिछले वर्ष नवंबर में, ‘ओवरसीज फ्रेंड्स आॅफ बीजेपी‘, अमेरिका ने हमारे वहां के कार्यकर्ताओं के लिए दो प्रशिक्षण सत्र चलाए। उन्होंने अमेरिका में भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों में काउंसिल द्वारा दी जा रही सेवाओं पर एक सर्वे भी किया है। विदेशों में राजनीतिक दलों से पार्टी स्तर पर संबंध बनाने के लिए, हमने अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के छह सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल की इसी वर्ष जनवरी में मेजबानी की। ये प्रतिनिधिमंडल पहले मुंबई पहुंचा जहां रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी द्वारा आयोजित एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम में हिस्सा लिया। बाद में, वे अहमदाबाद गए जहां उन्होंने गुजरात में भाजपा सरकार द्वारा बेहतर शासन के लिए उठाए गए कुछ कदमों कोे करीब से देखा। दौरा खत्म होने से पहले, उनका दल दिल्ली में हमारे पार्टी मुख्यालय आया जहां उनकी बातचीत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं से हुई।
जनवरी में, हमने एक ‘आईपी टीवी‘ या ‘इंटरनेट टीवी चैनल‘ की शुरुआत की है जिसे ‘युवा टीवी‘ नाम दिया गया है। ये हमारे आईटी प्रकोष्ठ का एक सराहनीय कदम है। इसके जरिए हमारी कोशिश देश के युवाओं तक अपनी पहुंच बनाने की है। जैसाकि आप सभी जानते हैं, युवाओं का हिस्सा हमारी आबादी में करीब 35 प्रतिशत है और हमें उन तक पहुंचने की हर मुमकिन कोशिश करनी होगी। मैं अपने सभी युवा मोर्चा के सदस्यों को अपील करना चाहूंगा कि वे इस चैनल की कार्यवाहियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और इसके जरिए हमारे नए मतदाताओं की उम्मीदों पर खरा उतरें।
यहां यह उल्लेख करना भी जरूरी है कि हमारे पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ और रक्षा प्रकोष्ठ ने भी उŸाराखंड चुनावों में मतदाओं से संपर्क बनाने में सराहनीय कार्य किया।

भाजपा विज़न दस्तावेज 2025

हम केवल अगले चुनाव पर लक्ष्य केंद्रित करने वाल पार्टी नहीं हैं। हमारी सोच, लक्ष्य और प्रतिबद्धता दूरगामी हैं, और वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘एकात्म मानववाद‘ के दर्शन से निर्देशित और प्रेरित है, जो भारत के भूत, वर्तमान और भविष्य को एक सभ्यतागत नजरिए से देखता है।
इसी प्रकार, पार्टी ने देश के लिए एक विज़न 2025 दस्तावेज (डाॅक्यूमेंट) तैयार करने और सार्वजनिक करने का फैसला किया है। इसमें भाजपा का भविष्य का दृष्टिकोण, विचार और प्रतिबद्धताओं को प्रस्तुत किया जाएगा। ‘भारत को सशक्त, समृद्ध और सद्भावपूर्ण राष्ट्र बनाना, जो 21वीं सदी के विश्व की नियति निर्धारित करेगा‘-यह इसका प्रमुख उद्देश्य है। इस दस्तावेज़ में बड़े और महत्वाकांक्षी विचार होंगे, और उनके साथ ही उन्हें लागू करने का एक व्यावहारिक खाका भी होगा।
मुझ्ो विश्वास है कि भाजपा का ‘विज़न 2025‘ दस्तावेज़ हमारे तमाम कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उन सभी मुद्दों पर एक दृष्टिकोण और लक्ष्य तय करने में मदद करेगा जिन मुद्दों पर देश के विवेकपूर्ण लोग पहले ही गंभीरता से बहस कर रहे हैं। ये भाजपा की छवि एक प्रेरणादायक दृष्टिकोण वाली पार्टी के तौर पर उभारने में भी मदद करेगा।
इस प्रकार के कार्य के लिए सभी की भागीदारी आवश्यक है। इसमें देश भर के और विदेशों में सक्रिय भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ विविध विषयों के विचारकों को भी शामिल किया जाना चाहिए, वे निश्चित तौर पर इस योजना में अपना योगदान देने में गौरवान्वित महसूस करेंगे। ‘विज़न 2025‘ दस्तावेज़ को तैयार करने के लिए एक टीम का गठन किया गया है। उम्मीद है कि ये टीम अपना काम दीनदयालजी की जयंती - 25 सितंबर से पहले पूरा कर लेगी।

दीनदयाल भवन: नया भाजपा मुख्यालय

मैं आपको एक खुशखबरी सुनाना चाहता हूं। भारत सरकार सभी बड़े राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय मुख्यालयों के लिए ज़मीन का आवंटन कर रही है। इसी के तहत, हमारे लिए राष्ट्रीय राजधानी के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दो एकड़ का प्लाॅट मंजूर किया गया है। हम इस प्लाॅट पर एक भव्य कार्यालय बनाने की तैयारी कर रहे हैं। जिसमें पार्टी का कार्यालय, प्रशिक्षण और अनुसंधान एवं विकास की तीन इकाईयां होंगी।
एक स्थायी प्रदर्शनी इस भवन की विशिष्टता होगी जिसमें भाजपा की विचारधारा और अब तक की यात्रा दर्शायी जाएगी। इस प्रदर्शनी में भारत की संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने के लिए हुए हमारे आंदोलनों और संघर्षों को भी दिखाया जाएगा। ये हमें याद दिलाएगी कि कैसे हमारे नेताओं ने लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष और त्याग किए। भारतीय राजनीति की समृद्ध विरासत में हमारे योगदान को भी प्रस्तावित प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जाएगा।
ये कार्यकर्ताओं का, कार्यकर्ताओं के द्वारा और कार्यकर्ताओं के लिए एक निर्माण होगा! इसी वजह से, यह तय किया गया है कि ये भवन हमारे लाखों कार्यकर्ताओं के निजी योगदानों से तैयार किया जाएगा। इस अवसर पर मैं आप सभी से इस ऐतिहासिक अभियान में शामिल होने की अपील करता हूं और आशा करता हूं कि आप अपनी क्षमता के अनुसार इस महत्वाकांक्षी परियोजना में योगदान करेंगे। डा़ श्यामाप्रसाद मुकर्जी के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में इस अभियान की शुरुआत होगी।

निष्कर्ष
वर्ष 2013 अनेक कारणों से महत्वपूर्ण है। यह स्वामी विवेकानन्द की 150वीं जयंती का वर्ष है। दुनियाभर के करोड़ों लोगों के लिए स्वामीजी सदैव प्रेरणा के स्त्रोत रहे हैं। उन्हें अपनी आदरांजलि देते हुए मैं पार्टी की सभी इकाईयों को नई-नई योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से जनता को राष्ट्रीय पुनरूद्धार के लिए प्रेरित करने हेतु स्वामी विवेकानन्द के योगदान का स्मरण कराएं। मैं अपनी सभी प्रदेश इकाइयों से अपील करूंगा कि वे स्वामीजी का स्मरण करते समय बहुविध लोगों को इसमें जोड़ें। हमारे लिए हिन्दुत्व स्वामीजी की सीखों पर आधारित है। हमारे लिए हिन्दुत्व दूरदृष्टि, वैज्ञानिक और विकासोन्मुखी का पर्याय है। वास्तव में हिन्दुत्व और विकास अविभाज्य हैं। आइए, इस अवसर पर हम अपने को राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में फिर से समर्पित करें।
हमारा देश इस समय ऐसे कठिन दौर से गुजर रहा है, जिसके लिए यूपीए का कुशासन मुख्य रूप से जिम्मेदार है। देश में इस वक्त हालात ऐसे हैं कि लोग कांग्रेस की विदाई देखना चाहते हैं। वो बदलाव चाहते हैं और गंभीरता से एक सही विकल्प की तलाश कर रहे हैं। उन्हें भाजपा से बड़ी आशाएं और उम्मीदें हैं। अगर हम उनकी उम्मीदों पर खरे उतरे, वे हमें अगली सरकार बनाने और देश की सेवा करने का का जनादेश अवश्य देंगे।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर एक बात और। हमें अपने आपको फिर से याद दिलाना है कि हम राजनीति में केवल सŸाा के लिए नहीं हैं। राजनीति हमारे लिए राष्ट्रनिर्माण और समग्र सामाजिक विकास का साधन है। इसलिए, मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि सारे छोटे-छोटे मुद्दों को किनारे रखकर भाजपा की मजबूती के लिए काम करें क्योंकि नियति ने हमारे सामने चुनौतियां और अवसर-दोनों प्रस्तुत किए हैं। हम असफल नहीं हो सकते। हमें सफल होना ही है।
इस संदेश को चरितार्थ करने के लिए मैं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों से अपील करता हूं कि वे पार्टी संगठन को मज़बूत बनाने के काम में अपने को पुनः समर्पित करें। मैंने भी प्रत्येक प्रदेश में जाकर वहां संगठनात्मक कोर टीम, पदाधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं के साथ व्यक्तिगत संवाद करने का निर्णय किया है। प्रत्येक प्रदेश का दो दिवसीय दौरा आनेवाले दिनों में सुसंगठित रुप से चलेगा।
जैसाकि मैंने शुरुआत में कहा था, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह बैठक अगले संसदीय चुनावों के लिए हमारी तैयारियों को शुरु करने के लिए है। मैं सफलता का एक साधारण लेकिन सटीक मंत्र देना चाहूंगा - हम अपनी एकता, अनुशासन और समर्पण को हर स्तर पर सुदृढ़ करें।
आइए! हम सब अटलजी की भविष्यवाणी को एक छोटे से संशोधन के साथ एक बार फिर सच कर दिखाएं।
“अंधेरा छंटेगा, कार्यकर्ता जुटेगा,सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा!“
धन्यवाद!
वंदेमातरम्!

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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