भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि राज्य का पुलिस प्रशासन अपने जिम्मेदारियों के निर्वहन के बजाए उससे बचने का लगातार प्रयास कर रहा है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर सरकारी अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना बयान प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन रहे हैं।
पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने इलाहाबाद के करेली इलाके में हुए बम विस्फोट में हुई मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए बमकांड के लिए राज्य के पुलिस अफसरों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। इस वीभत्स बमकांड के बाद राज्य पुलिस के आला अफसरों के बयान प्रदेश की कानून व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। राज्य की कानून व्यवस्था को संभालने वाले बड़े अफसर का यह बयान कि ’इलाहाबाद के इस इलाके में बम बनाने के काम ने कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है’, ने पूरी सपा सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में हुए बम कांड के बाद राज्य के आईजी कानून व्यवस्था का बयान साबित करता है कि सूबे के मुख्यमंत्री का नियंत्रण अपने पुलिस अफसरों पर नहीं रह गया है। जब आईजी कानून व्यवस्था को पता था कि इलाहाबाद के क्षेत्र विशेष में बड़े पैमाने पर बम बनाने का काम कुटीर उद्योग के रूप में चल रहा है, तो उन्होंने अवैध रूप से बम बनाने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की ? उन्होंने कहा सपा सरकार की बागडोर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर कई लोगों के हाथों में होने के कारण पुलिस अफसरों के मन में सरकार का भय नहीं रह गया है इसलिए वे अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतकर गैर जिम्मेदाराना बयान देने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के बयानों से स्पष्ट है कि राज्य की कानून व्यवस्था भगवान भरोसे है। पुलिस के अफसर सत्ताधारी दल के नेताओं की चाटूकारिता कर अपनी-अपनी कुर्सी को बचाने में लगे हुए हैं।
श्री पाठक ने कहा कि सहारनपुर के डीआईजी और संतकबीरनगर के पुलिस अधिकारी के बयान अभी भी आमजन भूला नहीं है और अब आईजी कानून व्यवस्था के बयान ने जनता को झकझोर दिया है। अगर अवैध रूप से बम बनाने के काम कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है तो सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आंखिर इसे समाप्त किए जाने की उसके पास क्या योजना है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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