विद्यालयों में बच्चों की ड्रेस पर खर्च किए गए करोड़ों रूपयों की धनराशि का बेसिक शिक्षा विभाग हिसाब, एकत्रित न कर सका। धनराशि के विवरण की खण्ड शिक्षा अधिकारियों से जानकारी मांगी गई थी लेकिन 19विकास खण्डों में नौ खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने अभी तक सूचना नहीं भेजी है। जिले के 2544 प्राथमिक तथा 1020उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं व अनुसूचित जाति के बच्चों व गरीब परिवारों के छात्रों को ड्रेस बांटी गई थी। इस प्रकार के चार लाख 96हजार 450 बच्चों के लिए प्रति बच्चा दो सौ रूपए के हिसाब से नौ करोड़ 92लाख 90हजार रूपए की धनराशि भेजी गई थी।शुरूआत में भेजी गयी धनराशि से ड्रेस वितरण का कार्य पूरा हो गया। राज्य परियोजना निदेशालय से हिसाब मांगा गया तो सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को ड्रेस वितरण के सम्बन्ध में जानकारी मांगी गई थी। मई में मांगी गई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता बलवीर शास्त्री ने बताया कि अभी तक सुरसा, हरियावाँ, टंडि़यावाँ, बिलग्राम, माधौगंज, टोडरपुर, भरावन, सण्डीला और कछौना ब्लाक की जानकारी नहीं भेजी गयी गई है। धनराशि के बारे में जानकारी न देने से ड्रेस वितरण का हिसाब नहीं लग पा रहा है। कितने बच्चों को ड्रेस मिली और कितनों को नहीं इसकी भी जानकारी नहीं मिल रही है। हालांकि जिला समन्वयक ने बताया कि सारे मामले की सूचना बीएसए को दी जा रही है और जो खण्ड शिक्षा अधिकारी सूचना नहीं दे रहे हैं उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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