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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये

Posted on 24 May 2012 by admin

  • उ0प्र0 महिला कल्याण निगम के कर्मियों को पुनरीक्षित वेतन संरचना का लाभ देने का निर्णय
  • विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या-12586/2009 तथा 1484/2009 को वापस लेने का निर्णय
  • उ0प्र0 अधिकारों का अभिलेख (कम्प्यूटरीकरण) (तृतीय संशोधन)  नियमावली, 2012 के प्राख्यापन का प्रस्ताव मंजूर
  • जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत बीमा का आवरण 01 लाख रुपये से बढ़ाकर 05 लाख रुपये किये जाने के प्रस्ताव
  • रानी लक्ष्मीबाई पेंशन योजना शुरू करने का निर्णय

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उ0प्र0 महिला कल्याण निगम के कर्मियों को पुनरीक्षित वेतन संरचना का लाभ देने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने पुनरीक्षित वेतनमान संरचना में उ0प्र0 महिला कल्याण निगम के कर्मियों को छठा वेतनमान दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद ने निगम के कर्मियों को 01 जनवरी, 2011 से प्रकल्पित आधार पर पुनरीक्षित करते हुए पुनरीक्षित वेतन संरचना का लाभ देने का निर्णय लिया है। पुनरीक्षित वेतन संरचना का वास्तविक लाभ सार्वजनिक उद्यम अनुभाग-1 के 16 अक्टूबर, 2009 के शासनादेश के प्रस्तर-2 (ख) में निहित प्राविधानों के अनुरूप अनुमन्य होगा।
उ0प्र0 महिला कल्याण निगम के कार्मिकों को मकान किराया एवं नगर प्रतिकर भत्ते राज्य कर्मियों के अनुरूप दिये जायेंगे। कार्मिकों के वेतन पुनरीक्षण पर आने वाले सम्पूर्ण व्यय को उ0प्र0 महिला कल्याण निगम द्वारा अपने संसाधनों से वहन किया जायेगा और राज्य सरकार द्वारा निगम को कोई वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं करायी जायेगी।
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विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या-12586/2009 तथा 1484/2009 को वापस लेने का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या-12586/2009 उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य बनाम पवन कुमार सिंह व अन्य तथा सहवर्ती अन्य 253 विशेष अनुज्ञा याचिकाओं/सिविल अपील तथा विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या-1484/2009 उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य बनाम बृज भूषण बक्शी व अन्य को वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2005 एवं 2006 में आरक्षी नागरिक पुलिस, आरक्षी, पी0ए0सी0 तथा रेडियो वायरलेस आपरेटर के कुल 22,716 पदों पर 55 भर्ती बोर्ड गठित कर चयन की कार्रवाई की गयी थी। इस भर्ती में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त होने पर शासन ने 11 एवं 12 जून, 2007 को जांच हेतु निर्देशित किया, जिसके क्रम में तत्कालीन ए0डी0जी0 अन्तर्राज्यीय सीमा संगठन श्री शैलजा कान्त मिश्रा की अध्यक्षता में गठित समिति की जांच आख्या के आधार पर 42 भर्ती बोर्ड द्वारा सम्पन्न भर्तियों को 11, 12 एवं 30 सितम्बर, 2007 के आदेशों द्वारा निरस्त कर दिया गया था।
इस निरस्तीकरण आदेश के विरूद्ध सम्बन्धित रिक्रूट आरक्षियों द्वारा मा0 उच्च न्यायालय के समक्ष दायर रिट याचिकाओं में मा0 उच्च न्यायालय द्वारा 08 दिसम्बर, 2008 को पारित निर्णय द्वारा निरस्तीकरण आदेश को अपास्त किया गया। जिसके विरूद्ध राज्य सरकार द्वारा योजित विशेष अपील में लीडिंग विशेष अपील संख्या 244/2009 उ0प्र0 राज्य व अन्य बनाम पवन कुमार सिंह व अन्य में पारित निर्णय दिनांक 04 मार्च, 2009 में मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा दागी अथ्यर्थियों को बेदाग अभ्यर्थियों से अलग करने की छूट प्रदान करते हुए विशेष अपील खारिज कर दी गयी।
मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश दिनांक 04 अप्रैल, 2009 के विरूद्ध मा0 उच्चतम न्यायालय के समक्ष योजित कुल 254 विशेष अनुज्ञा याचिकाओं में से विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या 12586/2009-उ0प्र0 राज्य व अन्य बनाम पवन कुमार सिंह व अन्य में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 25 मई, 2009 को अन्तरिम आदेश पारित करते हुए समस्त चयनित अभ्यर्थियों को अनन्तिम रूप से सेवा में लिये जाने के आदेश दिये गये। जिसके अनुपालन में समस्त चयनित अभ्यर्थियों को अनन्तिम रूप से सेवा में वापस ले लिया गया।
यह भी उल्लेखनीय है कि इस भर्ती के रिक्रूटस आरक्षीगण मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेश से विगत 03 वर्षों से सेवा में हैं तथा इनके द्वारा अपने समस्त दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश रिक्रूट्स अब किसी अन्य भी सेवा में जाने की अधिकतम अवधि पूरी कर चुके हैं तथा इन्हें सेवा से अलग करने पर इनके अधिक आयु के हो जाने के कारण किसी अन्य सेवा में जाने का मार्ग अवरूद्ध हो गया है। इसके अतिरिक्त मा0 उच्च न्यायालय द्वारा भी राज्य सरकार को दागी एवं बेदागी अभ्यर्थियों को अलग करने की कार्रवाई करने की छूट दी गयी है। ऐसी स्थिति में इस प्रकरण में मा0 उच्चतम न्यायालय के समक्ष योजित विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या 12586/2009 उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य बनाम पवन कुमार सिंह व अन्य तथा इससे सम्बद्ध अन्य 253 विशेष अनुज्ञा याचिकाओं/सिविल अपीलों का अनुश्रवण करने का औचित्य नहीं पाये जाने के कारण मंत्रिपरिषद द्वारा इसे वापस लिये जाने का निर्णय लिया गया हैै।
इनके अतिरिक्त रिट याचिका संख्या 7740/2007 बृज भूषण बक्शी व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में मा0 उच्च न्यायालय द्वारा पारित अपने निर्णय व आदेश दिनांक 14 जनवरी, 2009 के द्वारा शैलजा कान्त मिश्रा समिति के गठन को अपास्त कर दिया गया। राज्य सरकार द्वारा मा0 उच्च न्यायालय के इस आदेश के विरूद्ध योजित विशेष अनुज्ञा संख्या 1484/2009 उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य बनाम बृज भूषण बक्शी व अन्य में कोई स्थगन आदेश नहीं पारित किया गया। विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या 12586/2009 को वापस लेने के कारण यह विशेष अनुज्ञा याचिका संख्या 1484/2009 अर्थ हीन हो गयी है। इसलिए मंत्रिपरिषद ने इसे भी वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी है।
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उ0प्र0 अधिकारों का अभिलेख (कम्प्यूटरीकरण) (तृतीय संशोधन)  नियमावली, 2012 के प्राख्यापन का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश अधिकारों का अभिलेख (कम्प्यूटरीकरण) (तृतीय संशोधन) नियमावली, 2012 को प्राख्यापित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के समस्त ग्रामों की खतौनियों को कम्प्यूटर में फीड करने, सभी संशोधनों को कम्प्यूटर के माध्यम से अद्यावधिक करने तथा इसकी नकल कम्प्यूटर के माध्यम से ही जारी किये जाने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश अधिकारों का अभिलेख (कम्प्यूटरीकरण) नियमावली, 2005’ जारी की गई थी। खतौनियों के कम्प्यूटरीकरण के उपरान्त कम्प्यूटरीकृत खतौनी के उद्धरण के लिए तहसील कम्प्यूटर केन्द्र द्वारा जो नियमानुसार शुल्क लिया जाता है, उसका संग्रहण/व्यय ‘उ0प्र0 अधिकारों का अभिलेख (कम्प्यूटरीकरण) नियमावली, 2005’ व यथा संशोधित ‘उ0प्र0 अधिकारों का अभिलेख (कम्प्यूटरीकरण) (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2009’ में विहित व्यवस्था के अनुसार किया जा रहा है।
प्रदेश के विभिन्न राजस्व न्यायालयों के कम्प्यूटरीकरण, कम्प्यूटर केन्द्र के सुदृढ़ीकरण, आधुनिकीकरण, अनुरक्षण एवं संचालन का कार्य तहसील कम्प्यूटर केन्द्र द्वारा नियमानुसार प्राप्त हो रहे शुल्क से किये जाने की अभी कोई व्यवस्था नहीं है। इसके दृष्टिगत मंत्रिपरिषद ने प्राप्त हो रहे शुल्क से राजस्व न्यायालयों के कम्प्यूटरीकरण आदि कार्यों को भी कराये जाने के लिए नियमावली के उप नियम-4 में संशोधन करने का निर्णय लिया।
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जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत बीमा का आवरण 01 लाख रुपये से बढ़ाकर 05 लाख रुपये किये जाने के प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इसके तहत प्रदेश के खातेदार/सहखातेदार कृषकों के लिए संचालित जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत बीमा का आवरण 01 लाख रुपये से बढ़ाकर 05 लाख रुपये किये जाने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के लगभग ढाई करोड़ खातेदार/सहखातेदार कृषकों के लिए जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना वर्ष 2004-05 से पूरे प्रदेश में संचालित की जा रही है। यह योजना शत-प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा पोषित योजना है, जिसके प्रीमियम की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत कृषक का तात्पर्य राजस्व अभिलेखों अर्थात् खतौनी में दर्ज खातेदार/सहखातेदार से है, जिसकी आयु 12 वर्ष से 70 वर्ष में मध्य है। अप्राकृतिक मृत्यु की दशा में बीमा का आवरण 01 लाख रुपये की धनराशि तक होता था, जिसके प्रीमियम की धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती थी।
वर्तमान सरकार ने किसानों के हितों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए यह निर्णय लिया कि बीमा का आवरण 01 लाख रुपये से बढ़ाकर 05 लाख रुपये कर दिया जाए। यदि किसान खेती के कार्य से अपने घर से निकलता है और किसी दुर्घटना जैसे बिजली का करन्ट लगने, आकाशीय बिजली गिरने, सांप काटने, डूबने या अन्य किसी एक्सीडेन्ट से, उसकी मृत्यु हो जाती है, ऐसी स्थिति में उसके परिवार को उक्त 05 लाख रूपये की बीमा राशि प्राप्त होगी।

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रानी लक्ष्मीबाई पेंशन योजना शुरू करने का निर्णय

वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 25,75,000 परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य
योजना पर लगभग 1,289 करोड़ रूपये का व्यय संभावित
लाभार्थियों को मिलेगी 400 रू0 प्रतिमाह की धनराशि

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में रानी लक्ष्मीबाई पेंशन योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया। इस योजना में चयनित लाभार्थियों को 400 रूपये प्रतिमाह की दर से धनराशि 02 छमाही किश्तों में उनके बैंक खातें में प्रेषित की जायेगी। योजना के अन्तर्गत लाभार्थी मुख्य रूप से परिवार की महिला मुखिया को रखने और अन्यथा की स्थिति में ही पुरूष मुखिया को लाभार्थी बनाने का प्राविधान किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 में इस योजना के तहत लगभग 25,75,000 परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिस पर लगभग 1,289 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है।
गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले ऐसे परिवार जो बी0पी0एल0 सूची में सम्मिलित होने से छूट गये हैं और जिन्हें बी0पी0एल0 राशन कार्ड, अंत्योदय योजना या किसी अन्य पेंशन योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है, ऐसे लोगों को रानी लक्ष्मीबाई पेंशन योजना से आच्छादित किया जायेगा। योजना के माध्यम से 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्रिपरिषद ने योजना के अन्तर्गत पात्रता हेतु 5 सदस्यों के परिवार को आधार मानते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में 19,884 रूपये प्रति परिवार प्रति वर्ष तथा शहरी क्षेत्रों में 25,546 रूपये प्रति परिवार प्रति वर्ष की अधिकतम आय सीमा निर्धारित की है। पात्र परिवारों का चयन पर्याप्त प्रचार-प्रसार के उपरान्त उपजिलाधिकारी/जिला स्तरीय अधिकारी की उपस्थिति में प्रत्येक ग्राम सभा की खुली बैठक में किये जाने की व्यवस्था की गयी है। यह भी प्राविधान किया गया है कि भविष्य में यदि किसी लाभार्थी परिवार को बी0पी0एल0 योजना, अंत्योदय कार्यक्रम अथवा किसी पेंशन योजना से लाभान्वित किया जाता है तो वह इस योजना में स्वतः अपात्र हो जायेगा और लाभार्थी का नाम सूची से हटा दिया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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