जनता दल (यू0) प्रदेष अध्यक्ष सुरेष निरंजन भइया ने पत्रकार वार्ता में कहा कि गेहॅू खरीद केंद्र पर भ्रष्टाचार का बोल-बाला है । क्रय केन्द्र पर तैनात कर्मचारी किसानों के गेहूॅ की तुलाई-छनाई में घपला कर रहें है और प्रति कुन्तल 80-100 रूपये की कटौती कर रहे हैं । सरकार के बार-बार कहने पर कि क्रय केन्द्रों पर किसानों से निःषुल्क तुलाई होगी, इसका न तो क्रय केन्द्रों पर चस्पा किया गया और न तो इसका प्रचार-प्रसार किया गया । क्रय केन्द्रों पर कोई नीति नहीं है कि पहले आने वाले किसान का गेहॅू पहले खरीदा जाएगा, वहाॅं जो तोल-मोल कर लेता है उसका गेहूॅ पहले खरीद लिया जाता है । क्रय केन्द्रों पर किसान कई-कई दिन लाइन लगाए रहते है और कर्मचारी कभी बोरे न होने का बहाना बनाते है और कभी खुद नदारद रहते हैं इससे किसान अपना गेहॅू बिचैलियों को बेचने पर मजबूर हो रहे हैं । अभी कुछ जिलों में खाद्य आयुक्त अर्चना अग्रवाल का दौरा हुआ था जिसमें उन्होंने आष्वासन दिया था कि किसानों का गेहॅू गल्ला ब्यापारियों (आढ़तियों) के द्वारा भी खरीदा जाएगा परन्तु अभी तक इस दिषा में कुछ भी नहीं हुआ है । गेहॅू खरीद केन्द्र एवं भण्डारण केन्द्र की संख्या बढ़ाने की आवष्यकता है । दूसरे प्रदेष जैसे पंजाब, हरियाण के किसानों के गेहूॅ खरीद के लक्ष्य के अनुपात में उत्तर प्रदेष में गेहॅू खरीद का लक्ष्य कम रखा गया है । प्रदेष सरकार के साथ ही केन्द्र सरकार को आड़े हाथो लेते हुए उन्होंने कहा कि जो देष का अन्नदाता है उसके अच्छे उपज करने के बावजूद भी उचित मूल्य न मिलने, मॅहगाई और कर्जे के कारण आत्महत्या कर रहा है और जो गरीब है वह भुखमरी से मर रहा है क्योंकि भण्डारण की उचित ब्यवस्था न होने के कारण खाद्यान्न नहीं पहुंच पाता और ज्यादातर खाद्यान्न रख-रखाव सही न होने के कारण सड़ जाता है और बरबाद हो जाता है । एक तरफ जो अन्न उपजाता है और जो कमजोर वर्ग अपनी मेहनत से देष का निर्माण करता है उसकी चिन्ता न कर सरकार को पेट्रोलियम कम्पनियों की घाटे की चिन्ता सता रही है । उन्होंने कहा कि सरकार अपनी चुनावी घोषणाओं में बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था वह पूरा होता नहीं दिख रहा है । किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था उस पर चर्चा नहीं हो रही है और किसान बैंक के चक्कर लगा रहे हैं, सहकारी समितियों की वसूली न होने से समितियाॅ बरबादी के कगार पर पहुॅंच गई हैं । सरकार की तरफ से समितियों को कोई कर्ज माफी का आदेष नहीं मिल रहा है और न ही उनकी क्षतिपूर्ति की डिमान्ड माॅगी जा रही है जिससे ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है । सरकार ने किसानों को सिंचाई हेतु निःषुल्क बिजली देने के वादे पर भी कोई पहल नहीं हो रही है । उन्होंने कहा कि संगठन के चुनाव हेतु प्रदेष भर में पार्टी का सदस्यस्ता अभियान चल रहा है और लखनऊ में 3 जून को होने वाला प्रान्तीय अधिवेषन को चुनाव आयोग से और समय मिल जाने के कारण आगे बढ़ा दिया गया है । प्रदेष में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी हिस्सा लेगी और अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ेगी ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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