Categorized | लखनऊ.

राश्ट्रीय आरक्षण कानून बनाने और उसे संविधान की नौवी अनुसूची में डालने का स्पश्ट निर्णय लेना चाहिए

Posted on 24 May 2012 by admin

आरक्षण के मसले पर केन्द्र सरकार को अपना रूख साफ करना चाहिए। उसे ढुल-मुल रवैया अपनाने से बचना चाहिए। दिल्ली में सर्वदलीय बैठक का नाटक न करके केन्द्र की मनमोहन सरकार को भारतीय संविधान में बड़ा संषोधन करके राश्ट्रीय आरक्षण कानून बनाने और उसे संविधान की नौवी अनुसूची में डालने का स्पश्ट निर्णय लेना चाहिए। लखनऊ विधान भवन पर बी. सेफ एवं बीएस फोर की अनिष्चितकालीन धरने पर बोलते हुए बीएस फोर के राश्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री आर.के. चैधरी ने यह बाते कहीं। आज तीसरे दिन के धरने का नेतृत्व बीएस फोर के प्रदेष उपाध्यक्ष श्री सुषील पासी ने किया। श्री चैधरी ने कहा राश्ट्रीय स्तर पर आरक्षण कानून न होने से प्रदेष सरकार मनमाना कर रही और आरक्षण नीति की अवहेलना कर रही है। उच्च स्तरीय अदालतें भी अपनी सीमा लांघ कर न्याय संगत फैसले करने के बजाय संसद की तरह पालिसी और कानून बनाने लग जाती है।

श्री आर.के. चैधरी ने कहा कि उ.प्र. सरकार ने ‘प्रमोषन में आरक्षण एवं परिणामी ज्येश्ठता’ को समाप्त कर दिया है। यह निर्णय सरकार ने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की आड़ में लिया है। जबकि उ.प्र. सरकार को आरक्षण समाप्त करने के बजाय अनुसूचित जाति व जनजाति का सरकारी सेवाओं में ‘‘अपर्याप्त प्रतिनिधित्व एवं उनके पिछड़े पन’’ का अधिकारिक आंकड़ा जुटाकर प्रमोषन में आरक्षण का नया प्राविधान करना चाहिए। राज्य सरकार ने सरकारी ठेकों मंे अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षण को भी समाप्त कर दिया। ‘‘प्रमोषन में आरक्षण व परिणामी ज्येश्ठता’’ सहित सरकारी ठेकों में आरक्षण बहाली के लिए बी. सेफ व बीएस फोर द्वारा निर्णायक लड़ाई षुरू की गयी है। अनिष्चितकालीन धरने के बाद भी यदि सरकार ने आरक्षण की बहाली न किया तो प्रदेष व दिल्ली की सड़कों पर बीएस फोर द्वारा जगह-जगह प्रदर्षन तथा सड़के जाम करके आन्दोलन तेज किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2025
M T W T F S S
« Sep    
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
-->









 Type in