समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपाराज में विकास के नाम पर हुए लूट के काले कारनामों के पिटारे एक-एककर खुलते जा रहे हैं। तमाम परियोजनाओं में अनियमितताएं बरती गई थी। इनके लिए कायदे कानून ताक पर रखकर करोड़ों रूपए स्वीकृत हो गए। मनमाने तरीके से योजनाएं चयनित हुईं और बिना ड्राइंग, डिजाइन, जमीन या सर्वे के काम शुरू हो गया। कैग की ताजा रिपोर्ट से इस सबका खुलासा होने से जाहिर हो जाता है कि बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री ने पूरी प्रशासनिक और संवैधानिक व्यवस्थाएं किस तरह ध्वस्त कर दी थी।
शहरों के ढांचागत विकास के लिए केन्द्र सरकार की जेएनएनयूआरएम की विभिन्न परियोजनाओं पर अरबों रूपए बसपाराज में लुटा दिए गए। कैग की जांच से साफ हुआ है कि इस सम्बन्ध में केन्द्रीय निर्देशों का भी खुला उल्लंघन हुआ। योजना के लिए पात्रों के चयन में मनमानी की गई। इससे जरूरतमंद उसके लाभ से वंचित रह गए। जनता की कमाई फूंक दी गई। समय से परियोजनाएं पूरी न होने से बजट तो बढ़ा ही लाभार्थियों का भी नुकसान हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री के समय कोई विभाग ऐसा नहीं बचा जहाॅ घोटाला न हुआ हो। जल निगम की निर्माण शाखा के सवा करोड़ के चेक गायब कर धनराशि उड़ा ली गई। अजीब बात यह है कि इसकी जानकारी एमडी और निदेशक तक को नहीं हुई। इसी तरह यूपी एसआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्र मंधना में निर्माण कार्य के लिए सामग्री डाले बगैर ही भुगतान करा लिया गया। इस तरह के तमाम घोटालों की जांच भी हो रही है। पार्को, स्मारकों के नाम पर लूट का धंधा भी सामने आ रहा है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की कमान सम्हालते ही भ्रष्टाचार के धंधों पर चोट करना शुरू कर दिया है। दागी अफसरों को हटाने के साथ उन्होने कई व्यवस्थागत परिवर्तन भी किए हैं ताकि परियोजना बजट की बंदरबांट न हो और कार्य निष्पादन में गुणवत्ता तथा पारदर्शिता बनी रहे। पहली बार फाइनेंशियल मैन्युअल बनाया गया है। इससे एनआरएचएम के बजट के एक-एक पैसे का हिसाब सामने आएगा। घोटालेबाजों की नकेल कसी जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने अब सरकारी तंत्र पर भी अंकुश लगाया हैं। सीबीआई जांच में यह सामने आया है कि एनआरएचएम घोटाले में सीधे पंचमतल से आदेष आते थे। घोटालों में मुख्यमंत्री कार्यालय तक की संलिप्तता प्रशासनतंत्र के गिरावट की निन्दनीय कहानी है। श्री अखिलेश यादव ने स्पश्ट कहा है कि सरकार का खजाना जनता के लिए होता है। जनता की गाढ़ी कमाई का अपने स्वार्थसाधन में फूंका जाना किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता है। सरकारी खजाने के लुटेरों को कतई माफ नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचारियों को जेल ही जाना होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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