22 विभागों के 36 विकास कार्यक्रम संचालित होगें
ग्राम के चयन हेतु राजस्व ग्रामों को आबादी वार सूची प्रस्तुत करें- सी0डी0 ओ0
राजस्व ग्रामों के चहुमुखी विकास हेतु प्रदेश में डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना लागू की जा रही है। योजना का उद्देश्य उन राजस्व ग्रामों को विकास की मुख्य धारा में लाना है, जो विकास की आधार भूत सुविधाओं जैसे सम्पर्क मार्ग, ग्रामीण विद्युतिकरण, पेयजल,स्वच्छ शौचालय आदि से वंचित हैं। योजना के चयनित राजस्व ग्रामों को विकास की इकाई माना जायेगा। इस योजना में 22 विभागों के 36 विकास कार्यक्रमों का संचालित किया जायेगा। इनमें अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ लाभार्थीपरक कार्यक्रमों को भी लागू किया जाना है।
प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी डा0 रूपेश कुमार ने विकास भवन पर आयोजित समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने इस सम्बन्ध में जारी शासनादेश के बारे में विस्तार से बिन्दुवार जानकारी देते हुए कहा कि सभी उप जिलाधिकारी कल ही राजस्व ग्रामों की सूची दे दें ताकि शासनादेश के अनुरूप तत्परता से सर्वे का कार्य कराया जा सके।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये कि सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारी प्रत्येक दशा में 30 जून तक कार्य योजना तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि जिला तथा विकास खण्ड एवं विभागीय अधिकारी संयुक्त रूप से ग्रामों का भ्रमण कर विकास कार्यो के अधार निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ग्राम चयन करेगें। सर्वेक्षण के बाद वरिष्ठ अधिकारी रैण्डम चैकिंग भी करेगें।
डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। समिति में मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकार व जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य तथा परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को सदस्य सचिव बनाया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक में वृक्षारोपण कार्यक्रम, पेयजल योजनाओं, सर्व शिक्षा अभियान आदि की समीक्षा की।बैठक में डी.एफ.ओ. एन0 के0 जानू सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी समस्त एस0डी0एम0 तथा खण्ड विकास अधिकारी आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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