भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्य के प्रशासनिक तंत्र के साथ-साथ सपा कार्यकर्ताओं पर भी नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद से ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पार्टी कार्यकताओं को संयमित रहने और अधिकारियों को जनहित में सजग रहने की सलाह दे रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री के बयानों को नजर अंदाज कर सपा कार्यकर्ता राज्य में खुलेआम कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं और प्रशासनिक अधिकारी बेखौफ होकर मुख्यमंत्री के निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी संरक्षण में सपा कार्यकर्ता राज्य में अराजकता फैला रहे हैं।
गुरूवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता श्री पाठक ने लखीमपुर में सपा कार्यकर्ताओं द्वारा डीपीआरओ से मारपीट किए जाने की घटना पर गहरी नाराजगी जाहिर की। सपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश में खुलेआम गुंडई किए जाने को लेकर राज्य सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए श्री पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण के लिए बने मंच पर उत्पात कर सपाई कार्यकर्ताओं ने अराजकता की जो शुरूआत की है वह पूरे राज्य में बदस्तूर जारी है। राज्य में सपा के बहुमत में आते ही 10 मार्च को फर्रूखाबाद में सपा कार्यकर्ताओं ने झगड़े को शांत कराने पहंुचे दारोगा व सिपाहियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और सरकारी जीप क्षतिग्रस्त कर दी। उसी दिन मुरादाबाद में सपा विधायक के समर्थकों ने दारोगा से सरेआम बदसलूकी कर मारपीट की। अगले दिन हरदोई में सपा कार्यकर्ताओं ने विरोधी दल के कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी, तो मुरादाबाद में ही फिर से सपा विधायक ने एक सिपाही को अपनी कार से कुचल दिया।
श्री पाठक ने कहा कि ये घटनाएं तो बानगी भर हैं। प्रदेश में सपाई कार्यकर्ता मनमानी पर उतारू हैं। मुख्यमंत्री जो स्वयं पार्टी की राज्य इकाई के भी प्रमुख हैं,ं को चाहिए कि इन घटनाओं पर तत्काल विराम लगाने हेतु दाेिषयों के खिलाफ कार्रवाई करें। इस तरह की घटनाएं राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए बाधा बनकर खड़ी हो रही हैं।
उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि राज्य का प्रशासनिक अमला आंखिर क्यों मुख्यमंत्री की मंशा नहीं समझ रहा है। मुख्यमंत्री प्रारम्भ से ही राज्य को विकास की पटरी पर ले जाने के दावे कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के प्रति कठोर कार्रवाई और जन समस्याओं के प्रति सजगता को मुख्यमंत्री अपने ऐजेण्डे बताते हंै पर मुख्यमंत्री के तमाम दावों और निर्देशों के बावजूद राज्य के अफसर अपने दफ्तरों में नहीं बैठ रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के प्रति अफसरशाही की हीला हवाली का आलम यह है कि मुख्यमंत्री को कल पुनः निर्देश जारी करना पड़ा कि प्रशासनिक अधिकारी अपने-अपने जनपदों में जनता से मिलें। मुख्यमंत्री पर कौन से दबाव है और कौन सी ऐसी शक्तिंया हैं जो उनके फैसलों में बाधा बनकर खड़ी हो रही हैंे।
भाजपा प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से उम्मीद जताई की कि वह बगैर किसी दबाव में आए राज्य की जनता के हित में फैसले करंेगे और बेकाबू हो रहे अपनी पार्टी के लोगों पर लगाम लगाकर प्रशासनिक अधिकारियों पर आवश्यकता अनुरूप कठोर रूख अपनाएगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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