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मंहगाई कम होने के बजाय सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती ही जा रही है

Posted on 18 May 2012 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मंहगाई कम होने के बजाय सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती ही जा रही है। केन्द्र की कांग्रेस सरकार इसे रोकने में पूर्णतया विफल है। उसकी नीतियों के चलते आम आदमी की जिन्दगी दूभर है। देष में गेहूॅ की बम्पर पैदावार है पर कई करोड आदमी एक वक्त भी भरपेट खाना नहीं पा रहे है। किसान बदहाल है। तंगहाली में वे गले में फंासी का फंदा लगा रहे है। केन्द्र सरकार पूंजीघरानों के लिए चिन्ता करती है उसे इस बात की फिक्र नहीं है कि रसोई खाली है।
अमेरिकी डालर के मुकाबले रूपए में लगातार आ रही कमजोरी के चलते घरेलू अर्थव्यवस्था दबाव में हैं। शेयर बाजार में भारी गिरावट है। कम्पनियों की वित्तीय स्थिति खराब होगी। सरकार के सामने राजकोषीय संतुलन बनाना मुश्किल होगा। लेकिन आम जनता की तो कमर ही टूट जाएगी। देश-विदेश में पढ़ाई पर खर्च बढ़ेगा। उपभोक्ता सामान कार, टीवी, फ्रिज मंहगे होगें। औद्योगिक उत्पादन में गिरावट, आयात बिल चुकाने का संकट और विदेशी मुद्रा भण्डार में कमी इन सबसे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी।
लेकिन भारत सरकार ने इस गम्भीर स्थिति से कोई सबक लिया हो ऐसा नही ंदिखता है। तेल कम्पनियों के मुनाफे में कमी से सरकार को ज्यादा परेशानी होती है। इसलिए वह बार-बार पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी करती है। अब फिर ऐसा होने का अंदेशा है। ऐसा हुआ तो मंहगाई में और इजाफा होगा। माल ढुलाई की दरें बढ़ने का व्यापक असर होता है।
समाजवादी पार्टी बराबर इस बात पर जोर देती रही है कि कृषि प्रधान देश में कृषि के विकास के बिना देष खुशहाल नहीं हो सकता है। भारत सरकार कृषि विकास दर का अब तक 4 प्रतिशत लक्ष्य भी पूरा नहीं पा सकी है। किसानों  को उपज  का उचित और लाभप्रद समर्थन मूल्य भी नहीं मिलता है। खेती किसानी की उपेक्षा के चलते कृषि क्षेत्र सिमटता जा रहा है। गांव गरीब बदहाल होने से देश भी बदहाल है।
श्री मुलायम सिंह यादव ने संसद में मंहगाई पर नियंत्रण के लिए डा0 लोहिया द्वारा प्रतिपादित दाम बांधों नीति का हवाला दिया था लेकिन सरकार ने उसमें रूचि नहीं ली। समाजवादी पार्टी ने अपने चुनाव घेाषणा पत्र में किसान की उपज का लागत मूल्य निर्धारित करने के लिए एक आयेाग के गठन का वायदा किया है। यह भी कहा गया है कि लागत मूल्य का 50 प्रतिशत उसमें जोडकर जो राषि आएगी वह विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य होगा। सरकार सीधे उपज खरीद की व्यवस्था करेगी। उत्तर प्रदेश में श्री अखिलेश यादव कृषि परक नीतियों को लागू कर रहे हैं। राज्य सरकार नयी कृषि नीति बना रही है जिसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। उससे कृषि क्षेत्र लाभान्वित होगा किन्तु वास्तविक और बड़ा संकट तो केन्द्र सरकार पैदा कर रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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