क्या सोनाली की प्रार्थनाओं से निराली और उसके अजन्मे बच्चे की जान बच जाएगी?
सहारावन चैनल पर लोकप्रियता की ओर अग्रसर धारावाहिक ‘तुझ संग प्रीत लगाई सजना’ में सोनाली घर पहुचंती है और लगातार रोती जाती है। वह निराली की हालत के लिए खुद को दोष देती है और वादा करती है कि निराली के आस-पास भी नजर नहीं आएगी, क्योंकि उसे डर है कि उसका दुर्भाग्य निराली और उसके बच्चे पर बुरा असर डाल सकता है। वह निराली की सलामती के लिए दुआ करती है और अपने कान्हाजी से कहती है कि जब तक निराली अच्छी नहीं हो जाती, वह अन्न और जल ग्रहण नहीं करेगी। इस बीच नरेन पहली बार पारूल पर बहुत नाराज होता है और परिवार में जो कुछ भी बुरा घट रहा है, उसके लिए उसे जिम्मेदार ठहराता है। वह उसे चुप रहने या वहां से चले जाने को कहता है। नरेन के व्यवहार में यह परिवर्तन देखकर पारूल को आश्चर्य होता है। नरोत्तम को पता चलता है कि किकी फई घर छोड़कर चली गई हैं और वह इसके लिए पारूल को दोष देते हैं। वह गुस्से में पारूल को घसीटते हुए घर से बाहर निकालने लगते हैं, तभी सोनाली बीच में आ जाती है और उन्हें ऐसा करने से रोकती है। वह उन्हें कहती है कि उसे जो खानदानी चूिड़यां दी गई हंै वह उसे परिवार के बारे में कोई भी फैसला लेने का अधिकार देती है, वह फैसला करती है कि पारूल को इसी घर में रहने दिया जाए और नरेन को आॅफिस वापस जाने का आदेश देती है। नरोत्तम, नरेन से कहते हैं कि वह परिवार के लोगों की अनुपस्थिति में कारोबार का ध्यान रखे।
दूसरी ओर आॅफिस में नरेन, नरोत्तम की कुर्सी पर बैठा है और उसके चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान है। अस्पताल में, निराली को होश आता है, वह दर्द से कराहते हुए सोनाली को पुकारती है। नरोत्तम घर पर ऊषा को फोन करते हैं और उसे सोनाली के साथ जल्द से जल्द अस्पताल पहुचने के लिए कहते हैं।
क्या सोनाली की प्रार्थनाओं से निराली और उसके अजन्मे बच्चे की जान बच जाएगी? यह सब जानने के लिए देखिए सहारा वन पर प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार रात 10 बजे से।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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