समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि महापुरूषों के अपमान की चिन्ता उन्हें हो रही है जिन्होने अपनी सरकार के रहते उनका नाम बदनाम कर अपनी तिजोरियां भरी है। अपने श्रद्धेय व्यक्तियों को सम्मान देने की बसपा कार्यशैली अनोखी है। उनके नाम पर योजनाएं चलाकर सरकारी खजाने की लूट की साजिशें रची गई। संविधान निर्माता डा0 भीमराव अम्बेडकर को पूरा देश सम्मान देता है। उनके मुकाबले बसपा मुख्यमंत्री ने अपने और स्व0 कंाशीराम की मूर्तियां लगाकर उन्हें कौन सा सम्मान दिया है?
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष और दूसरे नेता इस तथ्य को कैसे भुला सकते हैं कि डा0 अम्बेडकर के नाम पर सर्वप्रथम ग्राम आवास योजना का शुभारम्भ श्री मुलायम सिंह यादव ने किया था। लेकिन बसपा की जब-जब सरकार बनी डा0 अम्बेडकर के नाम को भुनाने की ही कोशिशें हुई। उनकी पत्थर की मूर्तियां लगाने में भी बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री ने मोटा कमीशन वसूल लिया। इतिहास में ऐसा पहला उदाहरण है कि जिन्दा रहते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अपनी मूर्तियां भी जगह-जगह स्थापित करा दी।
बसपा राज में पार्को,स्मारकों के नाम पर लाखों हरे पेड़ काट डाले गए, जबरन जमीन का अधिग्रहण किया गया और हजारों करोड़ रूपए जनता की गाढ़ी कमाई के पत्थरों की भेंट चढ़ा दिए गए। बसपा की मुख्यमंत्री अपने को दलित की बेटी और गरीबों की मसीहा बताती रहती हैं किन्तु उन्होने दलितों की सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति में सुधार के लिए कुछ नहीं किया। उन्होने महापुरूषों के नाम पर जो भी किया उससे सिर्फ अपना स्वार्थ साधन किया। अपने घर पर नोट गिनने की मशीन लगाकर उन्होने अपने महापुरूषों को खूब श्रद्धांजलि दी।़
समाजवादी पार्टी ने जब बसपा सरकार की लूट योजनाएं बंद की तो उसके नेता अनर्गल बयानबाजी पर उतर आए हैं। उनकी योजनाओं की कलई परत-दर-परत खुलती जा रही है अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उससे साबित होता है कि बसपा सरकार में किस भयंकर रूप से ऊपर से नीचे तक वसूली का धंधा पनपा हुआ था। जनता के लिए घोषित तमाम योजनाएं माफिया, नेता और अफसरशाही की चपेट में दम तोड़ गई। इन सब घपलों की अब तेजी से जांच हो रही है। इस जांच की आंच से घबराये बसपा नेता अब भड़काऊ बयानबाजी से प्रदेश की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं। किन्तु वे इसमें अब कामयाब नहीं हो सकेगें।
सच तो यह है कि बसपाराज में एक भी योजना धरती पर नहीं उतरी। दिखावे में उसके सिर्फ शिलान्यास और लोकार्पण होते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री ने विज्ञापनों, होर्डिगों पर करोड़ों रूपए फंूक दिए। यदि यही रकम विकास पर खर्च होती तो मरीजों को इलाज मिल जाता, पढ़ाई की सुचारू व्यवस्था होती और सड़के तथा पुल बन जाते। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वे भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगें। इसके लिए जो भी दोशी होगें, उन पर कड़ी कार्यवाही होगी। बसपा नेता अपने काले कारनामों की जवाबदेही से बच नहीं सकते।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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