समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और बसपा सरकारों की नीतियों से किसान बदहाल रहा है। इन सरकारों ने गांव गरीब की कभी चिन्ता नहीं की। श्री मुलायम सिंह यादव ही ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्होने खेती और कृषकों का ख्याल रखा और यह माना कि किसान की खुशहाली से ही प्रदेश में खुशहाली आएगी। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इस विरासत को समेटते हुए शपथ ग्रहण के साथ ही किसानों को फसल की उचित और लाभप्रद कीमत दिलाने का भरोसा दिलाया है।
किसान को इस समय अपना गेहूॅ बेचने की चिन्ता है। पिछली बसपा सरकार में माफिया, अफसर और नेताओं की तिकड़ी ने खूब लूट मचाई थी। किसान अपनी उपज औने पौने दाम बेचने पर बाध्य हुआ था। केन्द्र और राज्य दोनों की उपेक्षा के चलते किसान बिचैलियों का शिकार बन गया था। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने किसानों की सहूलियत के लिए 4655 क्रय केन्द्र स्थापित किए है। इन केन्द्रों से किसानो को सीधे भुगतान किया जाता है। गेहूॅ क्रय केन्द्रो पर किसानों को दिक्कत न हो, इसके विशेष निर्देश है।
प्रदेश सरकार किसानों के प्रति जितनी उदारता बरत रही है, केन्द्र सरकार उतनी ही उपेक्षा के साथ पेष आ रही है। किसानों को भारत सरकार द्वारा घोशित न्यूनतम समर्थन मूल्य भी मिलने में अड़चने आ रही हंै। इसको दिलाने के लिए गेहूॅ खरीद में सभी सुविधाएं मुहैया होनी चाहिए। किन्तु अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा बोरों की उपलब्धता सुनिश्चित न होने से कई क्रय केन्द्रों पर दिक्कत पेश आ रही है। गेहूॅ खरीद पर संकट के बादल छा रहे हैं। केन्द्र सरकार ने अप्रैल माह के अंत तक कुल 1,15,000 गांठ बोरों की आपूर्ति का आश्वासन दिया था, किन्तु वह उसकी पूर्ति में असफल साबित हुई है।
प्रदेश में किसानों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार के प्रति श्री मुलायम सिंह यादव संसद में भी सवाल उठा चुके हैं। उन्होने किसानों को लाभप्रद मूल्य दिलाने की भी मांग उठाई है। समाजवादी पार्टी के घोषणापत्र में लागत मूल्य का 50 प्रतिशत उसमें जोड़कर जो राषि आएगी उसे विभिन्न फसलों का न्यूनतम मूल्य होने की बात कहीं गई है। केन्द्र सरकार किसानों को लाभप्रद बाजार मूल्य दिलाने के लिए अपनी न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति पर पुनर्विचार करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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