भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के मौजूदा पेयजल संकट पर प्रदेश सरकार का ध्यानाकृष्ट करते हुए सरकार की ओर से कोई ठोस उपाय न किए जाने पर नाराजगी जताई है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि गर्मियों की शुरूआत होते ही पूरे राज्य में पेयजल का संकट गहरा गया है। सरकार द्वारा लगाए गए इंडिया मार्का-टू हैंडपम्प बड़ी मात्रा में खराब पड़े हुए हैं। राज्य में पेयजल संकट के हालात यह है कि राजधानी लखनऊ, मेरठ, वाराणसी सहित ज्यादातर जनपदों में पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है।
पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में तो जनता पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रही है। पूरे बुंदेलखंड में पानी की भीषण समस्या है। बुंदेलखंड की जनता के सामने पीने के पानी का गंभीर संकट भी खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा पूरे प्रदेश में लगे सरकारी हैंण्डपम्पों की दशा दयनीय है। आमजन को पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए लगाए गए हैण्डपम्प में से लगभग अस्सी फिसदी हैण्डपम्प काम नहीं कर रहे हैं।
श्री पाठक ने बताया कि मेरठ में तो लगभग 400 हैण्डपम्प और दो ट्यूबवेल मरम्मत की बाट जोह रहे हैं, वहीं वाराणसी में लगभग 351 और गोरखपुर में लगभग 176 हैण्डपम्प खराब पड़े हुए है। जिलों की स्थित यह है कि आजमगढ़ के एक ब्लाक में 127 हैंडपम्प खराब पड़े हैं जबकि रायबरेली के शिवगढ़ में 600 हैंडपम्पों सहित अधिकांश जिलों में सरकार द्वारा लगाए गए हैंडपम्पों को खराब होने की सूचनाएं हैं। गांवों के भीतर लगे हैण्डपम्पांे को ठीक करने की बात तो दूर रोडवेज, रेलवे, अस्पताल, कचहरी, विद्यालय आदि सार्वजनिक स्थानों पर लगे हैंडपम्प भी बंद पड़े हैं। जनता को पीने के पानी की दिक्कतों को देखते हुए इन हैंडपम्पों को ठीक कराया जाना आवश्यक है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में जहां हैण्डपम्प खराब पड़ें हैं। वहीं महानगरों में शुद्ध पेयजल का संकट भी खड़ा है। जे0एन0आर0यू0एम0 के तहत विकास के काम कराए जाने के दौरान कई जगहों पर पेयजल की आपूर्ति लाइनें क्षतिगस्त हो गई। जिन्हें अस्थाई रूप से दुरस्त किया गया। अब इन पाइप लाइनों से कहीं-कहीं दूषित पेयजल की आपूर्ति हो जा रही हैे। तमाम जगहों पर पेयजल को शुद्ध करने के लिए लगे डोजर खराब हैं। जिसके कारण गंभीर बिमारियां विकराल रूप ले सकती हैंे।
श्री पाठक ने कहा कि जहां एक और प्रदेश सरकार अपनी उपलब्धियां/प्राथमिकताएं गिनाने और ट्रान्सफर पोस्टिंग में व्यस्त है वहीं दूसरी ओर पेयजल जैसे संवेदनशील मामले पर कोई कार्रवाई न होना सरकार की निष्क्रियता को उजागर करता है। सरकार द्वारा केवल जिलाधिकारियों को हैंडपम्प ठीक कराने का निर्देश दिए जा रहे हैं लेकिन सुधार के नाम कुछ भी प्रगति नहीं हो रही है। उन्होंने सरकार से मांग की कि पेयजल की भीषण समस्या का ध्यान में रखते हुए प्रदेश भर में खराब पड़े सरकारी हैण्डपम्पों एवं ट्यूबवेलों की अविलम्ब मरम्मत कराई जाए। जिससे आम जनता पीने का पानी उपलब्ध हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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