टेक्निकल एसोसिएट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित, जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के आरपीएसएसजीपी योजना के तहत, उत्तर प्रदेश राज्य के पहले ग्रिड से जुड़े 2 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का जिला बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) में आज मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा उद्घाटन किया गया। यह संयंत्र पी0पी0ए0 अनुबंध के अंतर्गत 25 साल तक राज्य को मध्याचंल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के साथ मिलकर विद्युत की आपूर्ति करेगा। समारोह की अध्यक्षता शिवपाल सिंह यादव कैबिनेट मंत्री (सिंचाई एवं लोक निर्माण विभाग), के द्वारा की गयी। अन्य मंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप, राज्य मंत्री, (स्वतंत्र प्रभार ग्राम विकास) उ0प्र0 शासन, अभिषेक मिश्रा, राज्य मंत्री (प्रोटोकाल) उ0प्र0 शासन, फरीद महफूज किदवई, राज्य मंत्री (योजना) उ0प्र0 शासन, राजीव कुमार सिंह, राज्य मंत्री (कृषि एवं धर्मार्थ कार्य) उ0प्र0 शासन, प्रो0 संजय धाॅडे, निदेशक, आई0आई0टी0, कानपुर भी समारोह में उपस्थित थे।
यह महत्वपूर्ण घटना इसलिए भी सार्थक है कि यद्यपि उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा और विकिरण प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है (वार्षिक औसत 1800 किलोवाॅट/एम2 के आधार पर), तथा प्रदेश के कुछ हिस्सों मंे तो ये प्राकृतिक संसाधन देश के अधिकतम सौर ऊर्जा उत्पादनकर्ता राज्यों के समकक्ष है, यथापि अभी तक इसका संपूर्ण दोहन नही हो पाया है। आशा की जाती है टी0ए0एल0 द्वारा बाराबंकी में स्थापित यह संयंत्र अपने प्रदर्शन से उन संभावित निवेशकों को आकर्षित करेगा, जिन्हें उत्तर प्रदेश में ऐसी परियोजनाओं की सफलता में संदेह है। विद्युत अधिनियम 2003 के तहत विभिन्न राज्य स्तरीय विद्युत नियामकों ने विद्युत कंपनियों को अक्षय स्रोतो के लिये खरीद दायित्व निश्चित किया है। जिसमें के अक्षय स्रोतों के लिये खरीद दायित्व निश्चित किया है। जिसमें कि अक्षय स्रोतों से आने वाली विद्य़ुत ऊर्जा प्रतिशत है, यह उ0प्र0 के लिए 5 प्रतिशत, जो कि गुजरात और राजस्थान की तुलना में 0.5 प्रतिशत है। राज्य में स्थापित सौर उत्पादन क्षमता इस लक्ष्य से काफी पीछे है, सैद्धातिक रूप से सौर संसाधन तो प्रचुर मात्रा में हैं और कुल सौर वितरण की एक प्रतिशत मात्रा ऊर्जा 2015 तक देश की बिजली की आवश्यकताओं से अधिक करने के लिए पर्याप्त है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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