ऽ युवा बने या बिगडे ,पुलिस को धन उगाही से मतलब
जनपद सुलतानपुर के शहरी क्षेत्रो में नवयुवक नशे के आदी बनते जा रहे है । अराजक तत्व खुले आम नशे का व्यापार कर रहे हैं ।
गौरतलब हो कि जनपद में नवागंतुक पुलिस अधीक्षक के आगमन और उनकी कार्य प्रणाली से आम जनता की उम्मीदंे बढने लगी थी मगर नगर की चैकियों पर हुए स्थानान्तरण से स्थिति में सुधार की जगह और शिथिलता व लापरवाही दिखने लगी है पुलिस कप्तान की सकारात्मक सोच के विपरीत चैकियों पर तैनात नये नबेले अनुभवहीन अव्यवहारिक फिल्मी दरोगा अभी तक अपने कर्तव्यों और कप्तान की मंशा को नही समझ पा रहे है न ही आम जनता की उम्मीदो पर ही खरे उतर रहे है ।
और तो और ये नये दरोगा वर्दी और रिवाल्वर के रौब में ये भी भूल गये है कि इन्हे चैकियों का प्रभार क्यों दिया गया हंै । मीडिया की खबरो या फोन काल को रिसीब करना ये मुनासिब नही समझते जबकि वाहन चलाते हुए फोन से लगातार ये चिपके रहते है । माना जा सकता है कि ये युवावस्था का प्राकृतिक रोग है और उससे ये भी पीडित है जब भी इन्हे फोन करिये ये व्यस्त मिलेगे या नाट रिचेवल मिलेगें ।
ये दरोगा फोन पर पीडि़त या मीडिया की सूचना सुनना नही चाहते । इसी का नतीजा है कि निराला नगर, शास्त्री नगर, गभडिया, लक्ष्मणपुर आदि चैकियों के ये प्रभारी न तो दिन मे अपने क्षेत्र मे दिखते है न रात्रि में ही कही दिखते है ।सुबह शाम स्कूल टाईम में ये लोग चैकियों की जगह आराम फरमाते रहते है जिसका नतीजा यह है कि मोहल्ले की सड़को पर नसेडि़यों और अराजक तत्व खुलेआम स्मैक बेचते लडते झगडते मिलेगे मानो जिले में कानून का नही नये माफियाओं का राज है ।
यही कारण है कि आये दिन नगर में चोरियों और छिनैती की वारदातें बढ रही है ज्यादा तर की शिकायत आम जनता पुलिस से करना ही नही चाहती चूंकि अब चैकियों, कोतवाली और १०० नम्बर का फोन उठता ही नही न ही कोई सुनने वाला है चैकियों पर ताला बन्द रहता है मोबाईल नाट रिचेवल रहता है जिससे इन नये अपराधियों की पौध हर तरफ लहलहा रही है और टोका टाकी चेकिंग न होने से अवैध असलहो से लैस युवा खुले आम घूम रहे है ।
नगर की जनता ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि स्वयं एक बार निरीक्षण कर इन नसेडि़यों से आम जनता को सुरक्षा दिलायें ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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