उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली का कायाकल्प करके आवश्यक वस्तुओं के आवंटन, उठान व वितरण में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राशन कार्डों के डिजिटाइजेशन तथा वितरण प्रणाली के आॅटोमेशन की कार्रवाई को समयबद्ध करते हुए इनसे सम्बन्धित सूचनाओं को पब्लिक डोमेन में लाये जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लाभार्थियों को खाद्यान्न निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री आज यहां सचिवालय एनेक्सी में खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि आवश्यक वस्तुएं लाभार्थियों तक निर्धारित मूल्य पर पहंुचे और उनकी कालाबाजारी न हो सके। उन्होंने निर्देशित किया कि अन्य प्रदेशों में लागू की गई माॅडल व्यवस्थाओं का अध्ययन कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़े अधिकारी ऐसी लीक-प्रूफ व्यवस्था विकसित करें जिससे वास्तविक लाभार्थी तक सामग्री की पहुंच सुनिश्चित हो सके।
श्री यादव ने कहा कि उचित दर की दुकानों को लाभप्रद बनाने के लिए नमक, तेल और दाल जैसी अन्य वस्तुओं की बिक्री किए जाने के प्रस्ताव पर भी शीघ्रता से विचार किया जाए। उन्हांेने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार और उसके कम्प्यूटरीकरण के लिए खाद्य एवं रसद विभाग में ई-प्रोजेक्ट टीम गठित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं के प्रभावी पर्यवेक्षण हेतु अभियान चलाकर अधिकारियों/कर्मचारियों के रिक्त पदों पर भर्ती की कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने अपेक्षा की कि भारतीय खाद्य निगम गेहँू के भण्डारण हेतु अतिरिक्त क्षमता सृजित करे ताकि किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि निगम को कम से कम 10 लाख टन गेहँू ऐसे राज्यों में भेजना चाहिए जहां भण्डारण की क्षमता उपलब्ध है। उन्होंने गेहूँ की खरीद बढ़ाने एवं डिस्टेªस सेल रोकने के लिए प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं को बल्क पर्चेज की अनुमति देने की बात भी कही।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की विस्तृत समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि गरीबों तक अनाज, चीनी और मिट्टी का तेल आदि निर्धारित मूल्य पर पहुँचाया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था लागू की जाए, जिसमें लोगों विशेषकर गरीबों तक आवश्यक वस्तुएं नियमित रूप से पहुंचती रहें। साथ ही विभिन्न स्तरों पर लीकेज के कारण हो रहे सरकारी धन के दुरुपयोग को भी रोका जाए।
बैठक में नगर विकास मंत्री श्री मो0 आजम खाँ, खाद्य एवं रसद मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया’, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री बलविन्दर कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारियों के अलावा भारतीय खाद्य निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक श्री सिराज हुसैन एवं भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के संयुक्त सचिव डा0 डी0 भल्ला भी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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