भारत अगर जीवित है तो वह अपनी संस्कृति, परम्पराओं को अक्षुण्य रखने के कारण। एक हजार वर्शो से लगातार विदेषी हमले झेलने वाला भारत अपनी संस्कृति और संस्कार को नहीं भूला है। सिकुडता तो गया लेकिन चट्टान की भाॅंति उसकी धार्मिक और सांस्कृतिक परम्परायें आज भी कायम है जिसे हिलाया तक नहीं जा सकता है।
यह विचार विष्व हिन्दू परिशद के अन्तर्राश्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय ने कारसेवकपुरम् में दो दिन से चल रही अखिल भारतीय साध्वी षाक्ति परिशद की चिन्तन बैठक के समापन अवसर पर व्यक्त किया। उन्होनंे कहा जो समाज अपनी धरती पुरजो और परम्पराओं तथा धार्मिक जीवन मूल्यों को छोड देता है वह जड से समाप्त हो जाता है। इतिहास साक्षी है परम्पराओं को विस्मित करने वाले राश्ट्र सदा-सदा के लिए समाप्त हो गए। जब कि हिन्दूस्तान पर लगातार हजारों वर्शो से आक्रमण होते रहे और आज भी हो रहे हैं लेकिन हम अपनी परम्पराओं और संस्कृति को जीवित रखने के कारण जिन्दा है।
उन्होंने कहा भारत की धार्मिक परम्पराओं और संस्कृति को अक्षुण्य रखने में देष के पूज्य संतों और घर में माताओं का महत्वपूर्ण योगदान है। श्रीराय ने कहा हिन्दुस्तान में समाज राजाओं से कभी प्रभावित हुआ यहां का समाज संतों की ओर देखता है जब जीवन में कोई कश्ट या संकट महसूस करता है तो स्वाभावित रूप से संतों और मठ-मंदिरों की षरण में जाकर षान्ति महसूस करता है न कि सांसदों और विधायकों की षरण में। विकट परिस्थितियों में भी देष की रक्षा संतों ने ही की है। संतों ने जब जब देष और समाज का मार्गदर्षन किया समाज एक नई उर्जा के साथ उठ खडा हुआ वहीं घर में रहने वाली मातृ षक्ति ने अपनी अगली पीढी को संस्कारयुक्त बनाकर षिवाजी, महाराणा प्रताप जैसे सपूत इस धरती को दिए। मातृषक्ति का जागरण होना चाहिए ताकि संस्कारवान पीढी का निर्माण हो सके। इसमें महिला संतों को अहम भूमिका हो सकती है।
विष्व हिन्दू परिशद का गठन देष के श्रेश्ठ संतों के चिन्तन का प्रकटीकरण है इसलिए देष धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए संगठन संतो ंके मार्गदर्षन में सदैव तत्पर है। दो दिन चली इस चिन्तन बैठक में साध्वी षाक्ति ने विभिन्न प्रान्तों में संगठन को प्रभावी बनाने के लिए कार्य योजना बनाई एवं आगामी जनवरी,2013 में प्रयाग में लगने वाले महाकुम्भ के अवसर पर महिला संत-धर्माचार्यो से सम्पर्क के लिए एक समिति का भी गठन किया जिसमें प्रसिद्ध कथावाचिका साध्वी प्रज्ञा भारती को संयोजिका तथा साध्वी चरण दास, साध्वी योगश्री, साध्वी भूमा भारती व दिव्यागिरि को सदस्य नियुक्त किया।
समापन सत्र का संचालन अखिल भारतीय महिला प्रमुख मीनाक्षी ताई पिष्वे ने किया तथा इस अवसर पर केन्द्रीय मार्गदर्षक मंडल के संयेाजक जीवेष्वर मिश्र, महामंत्री कमलेष भारती, महंत साध्वी गंगा दास, साध्वी राजलक्ष्मी, महंत निर्मला दासी, सरोज सोनी, षिव दास सिंह, राधेष्याम आदि उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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