पीजीआई में निशुल्क चिकित्सा और सी जिलों में पत्रकार कालोनी की मांग
श्रमिक दिवस के अवसर पर उ.प्र. जर्नलिस्टस एसोसिएशन ;उपजा) द्वारा आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि राज्य के श्रम मंत्री डा.वकार अहमद शाह और विशिष्ट अतिथि विधान परिषद् सदस्य एवं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी को 13 सूत्री मांग दिया गया। मांग पत्र में पत्रकारों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा आवासीय सुविधाए प्रदान करने की मांग की गई है।
उपजा ने मांग की है कि पीजीआई लखनऊ में पत्रकारों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध खरायी जाए तथा प्रदेश के सी जिलों में पत्रकार कालोनियों का निर्णाण कराया जाए। जिलों में स्थायी समितियों का गठनए राज्य मुख्यालय पर पत्रकार बन्धु बनानेए प्रेस मान्यता एवं विज्ञापन समिति बनानेए सूचना डायरी का पुनः प्रकाशन आरम् करनेए पेंशन एवं बीमा योजना शुरु करनेए पर्यटन निगम के अतिथि गृहों में 75 प्रतिशत छूट प्रदान करने की मांग की गई हैं। मांग पत्र उपजा के प्रदेश अध्यक्ष रतन कुमार दीक्षित ने श्रम मंत्री डा. वकार अहमद शाह और विधान परिषद् सदस्य राजेन्द्र चैधरी को प्रदान किया। इस पर मंत्री डा.शाह एवं श्री चैधरी ने सहानुूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।
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01. 05. 2012
सेवा में
मा. डा. वकार अहमद शाह
मंत्रीए श्रम विागए
उŸार प्रदेश सरकार
लखनऊ।
विषयः मई दिवस पर पत्रकारों का मांग - पत्र
आदरणीय महोदयए
विश्व श्रम दिवस के अवसर पर नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्टस (इण्डिया) की राय शाखा उŸार प्रदेश जर्नलिस्टस एसोसिएशन (उपजा) प्रदेश सरकार का ध्यान पत्रकारों की निम्न व्यवसायिक तथा वैयक्तिक समस्याओं की ओर आकृष्ट करके उनके समाधान की मांग करती हैं। हमें आशा है कि प्रखर समाजवादी नेता मा. श्री मुलायम सिंह यादव के मार्गदर्शन और युवा मुख्यमंत्री मा. श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में जनहित के कार्य कर रही प्रदेश सरकार पत्रकारों की समस्याओं पर गंीरता से विचार कर उनका तत्काल निकारण करेगी।
हम उŸार प्रदेश के पत्रकार मांग करते हैं कि-
1. पत्रकारों को राजधानी के संजय गांधी स्नातकोŸार एवं चिकित्सा शिक्षा संस्थान (एसजीपीजीआई) तथा समस्त मेडिकल कालेजों में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाए। साथ ही समस्त दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी कर्मचारियों की ांति ही पत्रकारों के इलाज के लिए पीजीआई में स्थायी निधि की व्यवस्था करायी जाए। इसके लिए सूचना विाग को नोडल विाग के रूप में नामित किया जाए।
2. गंीर बीमारी की स्थिति में राज्य के बाहर प्रख्यात चिकित्सा संस्थानों यथा एम्स नई दिल्लीए टाटा कैंसर इंस्टीटयूट मुम्बई और मेदान्ताए गुड़गांव में इलाज कराने की स्थिति में पत्रकारों के चिकित्सा व्यय की धनराशि सीधे संस्थानों को ेजी जाए अथवा प्रतिपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर तत्काल कराने की व्यवस्था की जाए।
3. जिला मुख्यालयों पर स्थित संयुक्त एवं जिला चिकित्सालयों में पूर्व की ांति निःशुल्क चिकित्साए निःशुल्क प्राइवेट वार्ड आबंटन और दवाओं की लोकल परचेज की व्यवस्था पुनः प्रदान करायी जाए। इस हेतु नवीन शासनादेश जारी कराया जाए।
4. गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों एवं प्रेस कर्मचारियों की चिकित्सा सुविधा हेतु सूचना एवं जनसम्पर्क विागए उ.प्र. एवं स्वास्थ्य विाग द्वारा संयुक्त रूप से चिकित्सा कार्ड जारी कराया जाए। (उक्त प्रकृति के कार्ड की पूर्व में व्यवस्था थी) मान्यता पत्रकारों के परिचय पत्र पर निःशुल्क चिकित्सा का उल्लेख किया जाए।
5. पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं को तत्काल रोकने तथा मीडिया और प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित करने हेतु जिला स्तर पर सात सदस्यीय सौहार्द समितियों (स्थायी समतियों) का पुनः गठन कराया जाए। समिति में जिलाधिकारीए पुलिस अधीक्षकए सूचना अधिकारीए पत्रकारों की ट्रेड यूनियनों का एक-एक प्रतिनिधिए इलेक्ट्रानिक मीडिया का एक प्रतिनिधि (मान्यता प्राप्त पत्रकार) को शामिल किया जाए।
6 . राज्य स्तर पर पत्रकार उत्पीड़न के मामलों के निस्तारण तथा अन्य समस्याओं पर विचार हेतु पत्रकार बन्धु का गठन किया जाए। पत्रकार बन्धु में गृह सचिवए अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था)ए सूचना निदेशकए श्रम सचिवए स्वास्थ्य सचिवए पत्रकारों की राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दोनों ट्रेड यूनियनों के दो-दो प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया जाए।
7 . उ.प्र.राज्य प्रेस मान्यता समिति एवं उ.प्र.राज्य विज्ञापन मान्यता समिति का तत्काल गठन कराया जाए। प्रेस मान्यता समिति के गठन हेतु पूर्व निर्धारित मानक ही अपनाए जाएं तथा अंतिम अधिसूचित मान्यता नियमावली (2003द्ध को लागू किया जाए।
8. सूचना एवं जनसंपर्क विागए उ.प्र. की सूचना निदर्शिनी (सूचना डायरी) का पुनः प्रकाशन आरम् कराया जाए।
9 . उŸार प्रदेश के पत्रकारों की पेंशन और जीवन बीमा के लिए प्रेस इंफारमेशन ब्यूरो नई दिल्ली की तर्ज पर राज्य में व्यवस्था की जाए। (केन्द्र सरकार पीआईबी मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए निशुल्क चिकित्साए पेंशन और बीमा सुविधा प्रदान करती है। साथ ही कई अन्य राज्यों ने इस दिशा में सार्थक पहल की है।)
10 .मीडिया के व्यापक विस्तार को दृषिटगत रखते हुए श्रमजीवी पत्रकारों के लिए राजधानी में नई पत्रकार कालोनी तथा सी जिलों में पत्रकार कालोनियों का निर्माण कराया जाए। समस्त आवासीय प्राधिकरणों एवं आवास विकास परिषद् की आवासीय योजनाओं में पत्रकारों को जनप्रतिनिधियोंए पूर्व सैनिकों की ांति प्राथमिकता एवं रियायती दरों पर आवास एवं ूखण्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
11 .उŸार प्रदेश पर्यटन निगम के प्रदेश में निर्मित अतिथि गृहों एवं होटलों में पत्रकारों को प्रवास के दौरान 75 प्रतिशत रियायत पर अल्पकालिक आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जाए।
12. राज्य के समस्त श्रम न्यायालयों एवं श्रम न्यायाधिकरणों (लेबर ट्रिब्यूनल) में स्थायी एवं पूर्णकालिक पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। पीठासीन अधिकारी का कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व ही पीठ पर नियुक्ति की जाए। ताकि श्रमिकों से जुड़े मामलों की सुनवाई एवं न्याय में बिलम्व न हो।
13. मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने हेतु त्रि-पक्षीय समिति का अतिशीघ्र गठन कराया जाए। समिति में समाचार पत्र उद्योग के प्रतिनिधिए शासन के प्रतिनिधि एवं पत्रकार यूनियनों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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