मई दिवस समारोह में उ.प्र.जर्नलिस्टस एसोसिएशन एवं लखनऊ जर्नलिस्टस एसोसिएसन ने वरिष्ठ पत्रकार और संस्थापक सदस्य सत्येन्द्र शुक्ल का नागरिक अिनन्दन किया। इस अवसर पर श्री शुक्ल को स्मृति चिन्हए शाल एवं अिनन्दन पत्र ेंटकर सम्मान किया गया। श्री शुक्ल पत्रकारों की राष्ट्रीय संस्था एनयूजे और उपजा दोनों के संस्थापक सदस्य हैं।
कैसरबाग स्थित राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में श्री शुक्ल का अिनन्दन करते हुए उनके पत्रकारिता जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। उनके संगठन के लिए किये गए योगदान का ी इस अवसर पर उल्लेख किया गया। श्री शुक्ल को ेंट किये गए अिनन्दन पत्र को पढ़ते हुए उपजा के प्रदेश अध्यक्ष रतन कुमार दीक्षित ने बताया कि श्री शुक्ल इटावा जिला के अजीतमल गांव में 22 जुलाई 1927 को हुआ था। आपकी स्कूली शिक्षा गांव में ही हुई। तत्पश्चात आपने आगराए कानपुर में शिक्षा ग्रहण की। आपने पढाई के दौरान छात्र कांग्रेस का ी नेतृत्व किया तथा आप आजादी के आन्दोलन में नेताजी सुाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फोज को ी सहयोग प्रदान करते थे।
श्री शुक्ल ने आगरा के उजालाए कानपुर में दैनिक जागरणए लखनऊए जयपुरए चण्डीगढ़ और शिमला में हिन्दुस्तान टाइम्स के लिए पत्रकारिता की। इसके अलावा आप हिन्दुस्थान स्टैंडर्ड से ी लम्बे समय तक जुड़े रहे। आपने लखनऊ से हिन्द आब्जर्वर नामक समाचार पत्र का ी प्रकाशन किया।
अिनन्दन - पत्र
श्री सत्येन्द्र शुक्ल
;वरिष्ठ पत्रकारए संस्थापक सदस्य उपजा एवं एनयूजेआई)
उ.प्र.जर्नलिस्टस एसोसिएशन एवं लखनऊ जर्नलिस्टस एसोसिएशन द्वारा आयोजित मई दिवस समारोह दिनांक एक मई 2012 तदनुसार बैशाख शुक्ल 10ए संवत् 2069 दिवस मंगलवार केे अवसर पर श्री सत्येन्द्र शुक्ल का अिनन्दन कर हम स्वयं गौरवान्वित हुए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार श्री शुक्ल का जन्म 22 जुलाई सन् 1927 को उŸार प्रदेशए जो उस समय संयुक्त प्रांत आगरा एवं अवध कहलाता थाए के इटावा जिला के अजीतमल गांव में हुआ था। इनकी स्कूली शिक्षा गांव में ही हुई थी। परन्तु कक्षा 9 व 10 ;हाई स्कूल) की शिक्षा 1942 के आन्दौलन के कारण जिला छोडक़र शिकोहाबाद के अहीर हाईस्कूल में हुई थी। इण्टर की पढाई आगरा में प्रख्यात बलवंत राजपूत कालेज से हुई। इसके उपरान्त आपने स्नातक और कानून की पढ़ाई कानपुर स्थित दयानन्द एंगलो वैदिक कालेज (डीएवी) कानपुर से की।
आप आजाद हिंद फौज के जापान में तैनात सैनिकों की सूचनाएं रेडियो के माध्यम से सुनकर तथा बाद में लिखकर सैनिकों के परिजनों तक डाक द्वारा पहुंचाते थे। आपने मात्र 17 वर्ष की आयु में नेताजी की फौज में र्ती होने के लिए दिल्ली तक प्रवास ी किया।
इसके साथ ही कालेज जीवन में आपने छात्र कांग्रेस का नेतृत्व किया। आप बलवंत सिंह राजपूत कालेज में शिक्षा ग्रहण करते हुए आगरा डिवीजन के महासचिव निर्वाचित हुए थे। इसके बाद आपने कानपुर में ी छात्र कांग्रेस का नेतृत्य किया तथा कानपुर के महासचिव व अध्यक्ष ी रहे। छात्र नेता के रूप में आपकी ख्याति से प्रावित होकर ही निकटवर्ती रतपुर राज्य के छात्रों ने आपको आमंत्रित किया। रतपुर राज्य में छात्रों के उत्पीडन के मामले में महाराजा ब्रजेन्द्र सिंह जूदेव से वार्ता के लिए गए प्रतिनिधि मण्डल का आपने नेतृत्व किया। तदुपरान्त गिरफ्तार छात्रों और प्रजा परिषद् के अध्यक्ष को रिहा कराया।
आपने स्कूली शिक्षा के साथ ही पत्रकारिता की शुरुआत कर दी थी। आपने 1945 में आगरा से प्रकाशित उजाला हिन्दी दैनिक समाचार पत्र मे उप सम्पादक के रूप में कार्य आरम् किया। तदुपरान्त आप 1947 में कानपुर में दैनिक जागरण के उप सम्पादक नियुक्त हुए। आपने हिन्दुस्थान स्टैंडर्डए हिन्दुस्तान टाइम्स में विशेष संवाददाता और ब्यूरो प्रमुख के रूप में कानपुरए चण्डीगढ़ए शिमलाए जयपुर और लखनऊ में पत्रकारिता के लिए अतुलनीय योगदान दिया। आपने राजधानी लखनऊ से हिन्द आब्जर्वर नामक समाचार पत्र का ी प्रकाशन किया।
आप प्रेस कर्मचारियों और श्रमजीवी पत्रकारों के अधिकारों के लिए ी सदैव तत्पर और संघर्षरत रहे। आपने कानपुर में पत्रकारिता के दौरान कानपुर पत्रकार संघ की सदस्यता ग्रहण की। कानपुर पत्रकार संघ के सदस्य के रूप में आप ारतीय श्रमजीवी पत्रकार महासंघ (आईएफडब्लजे) के सदस्य रहे। तदुपरान्त वैचारिक मतेद होने के कारण आपने 1965 में उ.प्र.जर्नलिस्टस एसोसिएशन की नींव डाली। उपजा की स्थापना के लिए आयोजित औपचारिक बैठक आपने अपने निवास पर ही आयोजित करायी। तदुपरान्त 16 मार्च 1966 को ट्रेड यूनियन एक्ट के अन्तर्गत उपजा का पंजीकरण कराया गया। आप उपजा के संस्थापक सदस्य होने के साथ-साथ पत्रकारों की राष्ट्रीय संस्था नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्टस (इण्डिया) के ी संस्थापक सदस्य हैं। 23 जनवरी सन् 1972 को एनयूजे की दिल्ली में हुई स्थापना के समय गठित पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आपको उपाध्यक्ष चुना गया था।
सम्प्रति आप उपजा और एनयूजे का मार्ग दर्शन करने के साथ-साथ स्वतंत्र पत्रकारिता तथा पुस्तक लेखन कर रहे हैं। हम आपका अिनन्दन करते हैं और आपके शतायु होने की ईश्वर से कामना करते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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