संयुक्त अभिसरण कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले में प्रथम संस्था पहेली ने जिले के 58गांवों में सर्वे कर विभागीय योजनाओं का आंकलन किया। जहां शिक्षा पर करोड़ों खर्च के बाद भी गुणवत्ता ठीक नहीं मिली। वहीं आंगनबाड़ी केन्द्र सिर्फ पंजीरी बांटने तक ही सीमित रह गये। इसी सर्वे की रिपोर्ट को लेकर बुधवार को विकास भवन सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य विकास अधिकारी के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट को देखकर जहां सीडीओ ने प्रथम संस्था के कार्य पर खुशी व्यक्त की वहीं अधिकारियों को सर्वे में आई कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। विकास भवन स्थित स्वर्ण जयन्ती सभागार में संयुक्त अभिसरण कार्यक्रम के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया कार्यशाला की शुरूआत मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार द्विवेदी ने दीप प्रज्वलित करके की। कार्यक्रम की शुरूआत होने के साथ ही प्रथम संस्था पहेली को सर्वे की रिपोर्ट दिखाने के निर्देश दिए। प्रथम संस्था के रिसर्च आफीसर सत्यम कुमार ने बताया कि जिले के 58गाँवों के 1180घरों पर कराए गए सर्वे में कच्चे-पक्के मकान, रहन-सहन, खान, पान स्वास्थ्य, शिक्षा, शौंचालय, विद्युत, पेयजल, जननी सुरक्षा योजना, प्रसव व्यवस्था व मनरेगा कार्य जाब कार्ड व राशन व्यवस्था का सर्वे कराया गया। जिसमें कई आश्चर्यजनक आंकड़े सामने आए हैं। बताया कि महत्वपूर्ण विभागों को ही लिया जाए तो मनरेगा में अभी भी सौ दिन का काम पाने वालों की संख्या कम है। रिपोर्ट को जिला योजना बनने से पूर्व विभागीय अधिकारियों को दी जाए ताकि उसे योजना में शामिल किया जा सके और कमियां दूर हो सकें। बैठक में पीडी श्रीनिवास मिश्र, डायट प्राचार्य मीरापाल, संयुक्त विकास कार्यक्रम अधिकारी नरेन्द्र मिश्रा, कार्यक्रम प्रबन्धक इकाई कर्वजन फैसीलेटर नवीनदास, राज्य परियोजना अधिकारी मंजीत सलूजा, यूएनडीपी की निर्मला पाण्डेय, योगेन्द्र शुक्ला, विवेक अवस्थी व अश्वनी दीक्षित मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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