लगभग 20 हजार पुरूष और महिलाएं, नौजवान और अल्पसंख्यक 5-कालिदास मार्ग लखनऊ में मुख्यमंत्री के जनता से भेंट कार्यक्रम में आज सम्मिलित हुए। प्रदेश के कोने-कोने से जहाॅ फरियादी उम्मीदें बांधकर अपने आवेदन लाए थे वहीं उनकी भी तादाद कम नहीं थी जो प्रदेश में बसपा कुशासन से मुक्ति दिलाने के लिए श्री अखिलेश यादव को बधाई देने और कुछ सिर्फ उन्हें देखने और मिलने आए थे।
प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी से मिलनेवालों में बसपा की सरकार के दबंगों से पीडि़त, बेकारी का दंश झेल रहे, नौजवान पढ़ाई और बीमारी में इलाज की मदद के लिए भी लोग आए थे। मुख्यमंत्री जी ने सबको आश्वस्त किया कि उनके आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। सोनभद्र की कावेरी घोष एक दलित बच्चे के इलाज के लिए मिली तो बेरोजगार फार्मेसिस्ट विवेक पाण्डेय, कामता प्रसाद, बृृजेश सिंह, संदीप सेंगर, बालेन्द्र शुक्ला एवं हरिशंकर पाठक ने अपनी व्यथा सुनाई। फिरोजाबाद की गुडिया, जैतपुर की नीलिमा और इलाहाबाद की निर्मला यादव की भी समस्याएं मुख्यमंत्री जी ने सुनी। मिड डे मील की रसोइयां परमशीला के साथ एक प्रतिनिधि मण्डल मिला, जिन्होने एक वर्ष से वेतन न मिलने की शिकायत की।
तमिलनाडु से आये समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री इंलग्गो यादव एवं उनके साथियों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक शाल ओढाकर सम्मान किया और उन्हें बहुमत की सरकार बनाने के लिए बधाई दी।
हुसैनगंज, लखनऊ की षषि मिश्रा और बहेड़ी से आए सरदार सतनाम को पुलिस उत्पीड़न की शिकायत थी तो श्रीमती शकुन्तला शुक्ला, केराकत जौनपुर को रास्ते पर दबंगों के कब्जे से परेशानी थी। हरिओम कुमार (संतरविदास नगर) को पढ़ाई के लिए मदद चाहिए थी। फुटबाल खिलाड़ी नेहाखान और फरजाना खाॅ (हुसैनाबाद), उन्नाव के समरजहाॅ हाशमी तथा मुस्ताक भली को नौकरी चाहिए थी। ब्रह्मानन्द महाविद्यालय, राठ हमीरपुर के श्री श्याम नारायण शुक्ला विनियमितीकरण की समस्या को लेकर आए थे। फिरोजाबाद, शिकोहाबाद की आमना पाल बन्नू को भी मुख्यमंत्री को अपनी बात बतानी थी। लखीमपुर खीरी के चन्द्रहास पुलिस से पीडि़त थे।
लखनऊ की शिक्षिका शाहबानू, कानपुर की रामधारी, सोनभद्र के लालजी पाण्डेय, अलीगढ़ के महावीर सिंह और देवा शरीफ के हाजी दिलावर शाह भी मुख्यमंत्री को अपनी फरियाद सुनाकर संतुष्ट दिखाई दिए। औरैया के इकबाल मोहम्मद कब्रिस्तान की समस्या लाए है। लखनऊ के केके वैश्य, कुमार वैश्य और पूनम वैश्य को जानमाल पर खतरे का अंदेशा था। नानपारा, बहराइच की मंजू अपने बेटे रोहित के ब्रेन टयूमर के इलाज के लिए परेशान थी। डा0 अनुराग मिश्र अनुदानित महाविद्यालयों की समस्या लेकर आए थे। कुछ गम्भीर मामलों में मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही के निर्देश भी दिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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