उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकतंत्र सेनानियों को सभी सुविधाएं पुनः बहाल करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आपातकाल में संघर्ष करने वालों को लोकतंत्र सेनानी घोषित कर, पिछली सपा सरकार द्वारा जो सुविधायें दी जा रहीं थीं, वे समस्त सुविधायें पुनः बहाल की जायेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आई0सी0डी0एस0 योजना के अन्तर्गत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के मानदेय में क्रमशः 1500 रूपये एवं 750 रूपये की वृद्धि करते हुए भुगतान की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि नोएडा में श्रम विभाग का कार्यालय पुनः खोला जायेगा।
मुख्यमंत्री आज रेलवे स्टेडियम, लखनऊ में नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन एवं अन्य श्रमिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रमिक दिवस रैली को मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, उ0प्र0 द्वारा कार्यक्रम के दौरान उन्हें प्रस्तुत किए गए 17 सूत्री मांग पत्र पर शीघ्र निर्णय लेने का आश्वासन देते हुए कहा कि इनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, सहायिकाओं एवं मिनी आंगनबाड़ी के मानदेय में वृद्धि सहित अन्य सभी समस्याओं का परीक्षण एक समिति द्वारा कराया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा गठित की जाने वाली समिति आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता कर अपनी संस्तुति देगी, जिस पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं एवं लड़कियों की स्थिति में सुधार के लिये विशेष तौर पर कार्य कर रही है। इसके तहत गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी एवं पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद देने का निर्णय शीघ्र लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा छात्राओं के लिए कन्या विद्या धन योजना फिर शुरू करने तथा बालिकाओं को सरकारी काॅलेजों में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था से इनकी स्थिति में सुधार होगा।
श्री यादव ने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि मई दिवस पूरी दुनिया में उन शहीद श्रमिकों की याद में आयोजित किया जाता है, जिन्होंने शिकागो में 01 मई, 1886 को श्रमिकों की कार्य अवधि निर्धारित किए जाने के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दिया था। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में श्रमिकों की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन हमारे देश में श्रमिकों की हालत काफी खराब हंै। आजादी के इतने वर्षों के बाद भी श्रमिक और उसका परिवार शिक्षा, चिकित्सा एवं आवास की बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
श्री यादव ने कहा कि मजदूरों के साथ अन्याय का आलम यह है कि कारखानों तथा कार्यस्थलों पर उनके लिये सुरक्षा की न्यूनतम व्यवस्था भी नहीं की जाती। मजदूरों को सड़क के किनारे या कार्य स्थल पर ही खाना बनाते आसानी से देखा जा सकता है। यही कारण है कि श्रमिक असमय ही अपनी उम्र से काफी बड़ा एवं दयनीय हालत में दिखाई पड़ने लगता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार मजदूरों के लिए घर, इलाज, उनके बच्चों की शिक्षा तथा जाॅब कार्ड इत्यादि समस्याओं के समाधान के लिए शीघ्र निर्णय लेगी।
इससे पूर्व राज्य सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री वकार अहमद शाह, इण्डियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट के अध्यक्ष श्री के0 विक्रम राव, आल इण्डिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री श्री शिव गोपाल मिश्र तथा हिन्द मजदूर सभा के महामंत्री श्री उमाशंकर मिश्र ने भी अपने विचार व्यक्त किये। रैली में बेसिक शिक्षा मंत्री श्री रामगोविन्द चैधरी, वस्त्र एवं रेशम उद्योग मंत्री श्री शिव कुमार बेरिया, प्रमुख सचिव श्रम श्री शैलेष कृष्ण, सूचना निदेशक श्री प्रभात मित्तल एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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