टोरेन्ट पावर के रोल आउट प्लान को खारिज करने की मांग
पावर कारपोरेषन द्वारा टोरेन्ट के लिए सौपे गये रोल आउट प्लान पर विवाद गहराया
टोरेन्ट पावर प्रकरण की हो उच्च स्तरीय जांच
पावर कारपोरेषन बल्क सप्लाई दर से कम दर पर नहीं दे सकता बिजली
उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिशद के अध्यक्ष एवं विष्व ऊर्जा कौसिंल के स्थाई सदस्य अवधेष कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष श्री राजेष अवस्थी व सदस्य श्री श्रीराम से मुलाकात कर उनके समक्ष एक जनहित प्रत्यावेदन दाखिल कर मेसर्स टेरेन्ट पावर लि0 के रोल आउट प्लान को तत्काल खारिज कर टोरेन्ट पावर की सम्पूर्ण प्रक्रिया की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
उपभोक्ता परिशद अध्यक्ष द्वारा दाखिल प्रत्यावेदन में यह मांग उठाई गयी कि उ0प्र0 पावर कारपोरेषन लि0 द्वारा आगरा षहर टोरेन्ट पावर के लिए विद्युत प्रणाली सुदृढ़ीकरण हेतु वर्श-2010-2011, 2011-2012 व वर्श-2012-2013 हेतु रू0 360 करोड़ के रोल आउट प्लान पर आयोग से जो अनुमोदन मांगा गया है उसे तत्काल खारिज किया जाये यह कितना आष्चर्य की बात है कि कारपोरेषन ने आयोग को यह बताया है कि वर्श-2010-2011 में रू0 99 करोड़ का टोरेन्ट पावर द्वारा आयोग की स्वीकृति की प्रत्याषा में पूजीगत व्यय किया जा चुका है। भला किसी अर्द्धन्यायिक संस्था के आदेष के प्रत्याषा में कोई कम्पनी कोई व्यय कैसे कर सकती है। गौर तलब है कि जब पावर कारपोरेषन द्वारा टोरेन्ट पावर को इनपुट बेस्ड फेन्चाइजी के रूप में कार्य करने हेतु दक्षिणांचल विद्युत वितरण कम्पनी से द्विपक्षीय एग्रीमेन्ट कराया गया था उस समय नियामक आयोग के समक्ष अनुमोदन हेतु क्यों नहीं रखा गया रोल आउट प्लान पर कारपोरेषन आयोग से अनुमोदन लेकर अपनी की गयी गल्लितियों पर कानूनन मुहर लगवाना चाहता है। बिना जांच प्रताल किये टोरेन्ट पावर द्वारा सौपे गये रोल आउट प्लान पर अनुमोदन देना कतई उचित नहीं है क्योंकि इसका भार प्रदेष के उपभोक्ताओं को ही भुगतना होगा। दक्षिणांचल कम्पनी द्वारा इनपुट विद्युत दर के आधार पर 20 वर्श के लिए अलग-अलग वर्शवार 20वें वर्श अधिकतम् रू0 2.23 प्रतियूनिट व षुरूवात के पहले वर्श में रू. 1.54 प्रतियूनिट की दर से बिजली टोरेन्ट पावर को देने हेतु एग्रीमेन्ट कर लिया गया जो विद्युत अधिनियम-2003 का खुला उल्लघंन है। कोई भी फ्रेन्चाइजी विद्युत अधिनियम-2003 के तहत केवल बिजली कम्पनी के बिहाप पर विद्युत का वितरण करने हेतु अधिकृति है, परन्तु बिजली बेचने हेतु नहीं पावर कारपोरेषन बल्क सप्लाई दर से कहीं कम दर पर कैसे किसी को बिजली दे सकता है। वर्श-2010-2011 में जहाँ बल्क सप्लाई दर रू0 2.97 प्रतियूनिट थी वहीं वर्श-2010-11 में यह दर रू0 3.71 प्रतियूनिट है। ऐसे में टोरेन्ट पावर को वर्तमान में पावर कारपोरेषन रू0 2.00 प्रतियूनिट से भी कम दर पे बिजली कैसे दे रहा है। इसका आक्कलन कौन करेगा कि टोरेन्ट पावर रिर्टन आफ इक्यूटी 16 प्रतिषत से ऊपर नहीं कमा रहा है। इसी प्रकार टोरेन्ट पावर आगरा क्षेत्र में पुराने बकाये को वसूलने हेतु जो अधिकतम् 20 प्रतिषत तक का स्वयं लेने का प्राविधान किया गया है व किस फारमूले के तहत है। इन सब पहलुओं की पारदर्षिता के आधार पर उच्च स्तरीय जांच नियामक आयेाग को तत्काल कराना चाहिए सही स्थिति का खुलाषा तभी होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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