Categorized | लखनऊ.

प्रदेश में पुनः लोकतांत्रिक संस्थाओं की मर्यादा कायम की है

Posted on 19 April 2012 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि विधान सभा चुनावों में प्रदेश के मतदाताओं ने भाजपा को सत्ताशीर्ष पर बिठाने के काबिल नहीं समझा। अपनी घरेलू कलह और राजनीतिक विचार शून्यता के चलते भाजपा में निरन्तर गिरावट आ रही है। किन्तु वह जनभावनाओं को समझने के बजाय आज भी पुरानी लीक पीट रही है। सांप्रदायिकता का जहर फैलाकर भाजपा की काठ की हांडी एकबार चढ़ गई थी अब कोई उधर देखने वाला भी नहीं है।
प्रदेश में भाजपा के नए अध्यक्ष ने आते ही बड़बोलापन दिखाना शुरू कर दिया है। एक ओर तो वह समाजवादी पार्टी सरकार के खिलाफ ताल ठोंकने लगे हैं और दूसरी ओर फिर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिशे शुरू कर दी है। राजनीति का नौसिखिया भी किसी नई सरकार को कम से कम छह माह का समय देता है। भाजपाके प्रदेष अध्यक्ष पहले दिन से ही बेसब्री दिखाने लगे है।
उत्तर प्रदेश में 15 मार्च,2012 को श्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पहले ही दिन से वह जनता से किए गए वायदों की पूर्ति की दिशा में कदम उठाने लगे हैं। उन्होने प्रदेश में पुनः लोकतांत्रिक संस्थाओं की मर्यादा कायम की है। पिछले पांच सालों में बसपा सरकार ने प्रदेश में भ्रष्टाचार की हद कर दी थी। प्रशासन पूरी तरह पंगु हो गया था। इस कूड़ा करकट को साफ करने में थोड़ा समय तो लगेगा ही। श्री अखिलेश यादव प्रशासन को नई गति देने और उसे पारदर्शी बनाने के लिए परिश्रम  कर रहे हंै।
भाजपा को इस बात की प्रशंसा करनी चाहिए कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर आतंक का माहौल छंटा है। लोकतंत्र की नई बयार का लोगों को एहसास हुआ है। अब जनता को मुख्यमंत्री से सीधे मिलकर लोग अपना दुःखदर्द उन तक पहुॅचाने लगे है। अब मुख्यमंत्री का काफिला निकलने पर ट्रैफिक नहीं रूकता है। भाजपा नेतृत्व लगता है वास्तविकता को समझकर भी नहीं समझना चाहता हैं। राजनीति में अब भाजपा की साम्प्रदायिकता और बसपा के जातिवाद के लिए कोई स्थान नहीं बचा है। अपने कारनामों से ही ये दल अब जनता की निगाहों में गिर गये है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in