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सी.एम.एस. का नौ-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव सम्पन्न

Posted on 19 April 2012 by admin

cmsसिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहा चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2012) आज सम्पन्न हो गया। नौ दिनों से छात्रों व युवा पीढ़ी को स्वस्थ मनोरंजन के साथ जीवन मूल्यों व चरित्र निर्माण की शिक्षा दे रहे इस आयोजन की लोकप्रियता का यह आलम रहा कि इस दौरान लगभग एक लाख से अधिक छात्रों ने प्रेरणा ग्रहण की तथापि बाल फिल्मोत्सव की नौ दिनों की पूरी अवधि तक फिल्म जगत की एक से बढ़कर एक हस्तियों ने इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव की गरिमा में चार चाँद लगाये। जहाँ एक ओर फिल्म ‘तारे जमीं पर’ के बाल कलाकार दर्शील सफारी व फिल्म ‘टूनपुर का सुपर हीरो’ के बाल कलाकार अमय पाण्ड्या की उपस्थिति एक यादगार रही तो वहीं दूसरी ओर प्रख्यात गीतकार एवं कवि जावेद अख्तर, प्रख्यात फिल्म कलाकार श्री रजा मुराद, लोकप्रिय गायिका ऊषा उत्थुप, फिल्म गायक बाबुल सुप्रियो, फिल्म अभिनेत्री सुश्री वेदिता प्रताप सिंह, वैशाली देसाई आदि ने भी पधारकर युवा पीढ़ी में शिक्षात्मक फिल्मों का उत्साह जगाया। इसके अलावा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव व उनकी पत्नी श्रीमती डिम्पल यादव की गरिमामयी उपस्थिति ने इस महोत्सव को ऐतिहासिक बना दिया।
‘विश्व एकता व विश्व शान्ति’ को समर्पित इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में बच्चों के चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास हेतु 36 देशों की 252 बेहतरीन शैक्षिक फिल्मों का निःशुल्क प्रदर्शन हुआ। इस बाल फिल्मोत्सव के अन्तर्गत लखनऊ व आसपास के क्षेत्रों के लगभग 180 विद्यालयों के छात्रों ने काफी बड़ी तादात में अपने शिक्षकों व अभिभावकों के साथ शैक्षिक बाल फिल्मों का आनन्द उठाया जिनमें लखनऊ पब्लिक स्कूल, लामार्टिनियर ब्वाएज कालेज, लामार्टिनियर गल्र्स कालेज, सेंट फ्रान्सिस कालेज, सेठ एम. आर. जयपुरिया स्कूल, लारेटो कान्वेन्ट, आर्मी पब्लिक स्कूल, महानगर गल्र्स कालेज, माउन्ट कार्मेल कालेज, हार्नर कालेज, एमा थामसन स्कूल, गोल्डेन जुबली हाई स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय, सेंट डोमिनिक सेवियो कालेज, क्राइस्ट चर्च कालेज, मोंटफोर्ट इण्टर कालेज, काल्विन ताल्लुकेदार कालेज, एस.के.डी. एकेडमी, लखनऊ पब्लिक स्कूल, लामार्टिनियर ब्वाएज कालेज, लामार्टिनियर गल्र्स कालेज आदि प्रमुख हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2012) के नवें व अन्तिम दिन का उद्घाटन आज मुख्य अतिथि के रूप में पधारी वरिष्ठ अभिनेत्री एवं प्रोड्यूसर सुश्री कामिनी कौशल ने दीप प्रज्वलित कर सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में किया, जिन्होंने अपनी गरिमापूर्ण उपस्थिति से समारोह की भव्यता में चार-चाँद लगा दिये। इसके उपरान्त देश-विदेश की शिक्षात्मक व प्रेरणादायी बाल फिल्मों का प्रदर्शन प्रारम्भ हुआ। आई.सी.एफ.एफ.-2012 के नवें दिन बाल फिल्मों का सिलसिला अनूप साथयान द्वारा निर्देशित डाक्यूमेन्ट्री फिल्म ‘ए ड्रीम काल्ड अमेरिका’ से प्रारम्भ हुआ। इसके अलावा सी.एम.एस. कानपुर रोड के मेन आॅडिटोरियम के अलावा अन्य छः मिनी आडिटोरियम में भी देश-विदेश की अनेक फिल्मों का प्रदर्शन हुआ, जिनमें ‘सेवन डेज इन स्लो मोशन, ल्यूमिनरीज, द फार्मर एण्ड द रोबोट’ आदि प्रमुख हैं। विभिन्न देशों की अलग-अलग भाषाओं में बनी फिल्मों को अंग्रेजी व हिन्दी अनुवाद भी फिल्म के साथ-साथ ही चलता रहता है जिससे बच्चे आसानी से फिल्म के कथानक को समझ सकें। इन बाल फिल्मों में सभी धर्मों की एकता, मानव मात्र की एकता, ईश्वरीय भक्ति, सच्चाई की जीत, प्रार्थना की शक्ति, आत्मविश्वास इत्यादि अनेक गुणों पर प्रकाश डाला गया है। चूँकि इन फिल्मों में कोई शुल्क नहीं है अतः सभी गरीब व अमीर बच्चें एक साथ मिल-बैठकर इन फिल्मों का आनन्द लिया एवं भाईचारा, प्रेम व एकता की की भावना का विकास किया।
आई.सी.एफ.एफ.-2012 के अन्तिम दिन मुख्य अतिथि के रूप में पधारी वरिष्ठ अभिनेत्री एवं प्रोड्यूसर सुश्री कामिनी कौशल ने आज यहाँ आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से भी मुलाकात की और खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुश्री कामिनी कौशल ने कहा कि शिक्षात्मक फिल्में न सिर्फ बच्चों के लिए नहीं अपितु अभिभावकों के लिए भी मार्गदर्शक की भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में हिंसा व अपराधों से अलग हटकर सरल, सीधी, स्वस्थ मनोरंजक व शिक्षात्मक फिल्में बच्चों को देखने को मिली है, जिसका प्रभाव उन पर अवश्य पड़ेगा और उनके मन-मस्तिष्क में रचनात्मक व सृजनात्मक विचार आयेंगे। इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सी.एम.एस. का यह फिल्म महोत्सव बहुत सराहनीय है। इस प्रेरणादायी महोत्सव में 36 देशों की शिक्षात्मक बाल फिल्मों का प्रदर्शन सचमुच ऐतिहासिक व अनूठा है। ये फिल्में बच्चों को चारित्रिक, नैतिक, आत्मविश्वास, आत्मबल एवं सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।
प्रेस कान्फ्रेन्स में उपस्थित प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि इस फिल्म फेस्टिवल को लखनऊ के छात्रों, युवाओं, शिक्षकों व अभिभावकों का अभूतपूर्व समर्थन व अपार सहयोग मिला है जिसके लिए मैं लखनऊ की जनता का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। फिल्में बच्चों को एक अच्छा या बुरा मानव बनाने की क्षमता रखती हैं क्योंकि बच्चों के कोमल मस्तिष्क पर फिल्म जैसे सशक्त माध्यम का बड़ा ही गहरा प्रभाव पड़ता है। अतः यह जरूरी है कि छात्रों के नैतिक व चारित्रिक गुणों के विकास हेतु अच्छी शिक्षाप्रद फिल्में अधिक से अधिक संख्या में बनायी जानी चाहिए। डा. गाँधी ने आगे कहा कि आज बच्चे जितना ज्ञान किताबों से प्राप्त करते हैं, उससे अधिक वे इन्टरनेट, कम्प्यूटर, मल्टीमीडिया व फिल्मों द्वारा प्राप्त करते हैं। दरअसल आज बच्चे आॅडियो विजुअल तरीके से जल्दी शिक्षा ग्रहण कर लेते हैं। ऐसे में अच्छी व आदर्श फिल्में भी शिक्षा को फैलाने, नैतिक व आध्यात्मिक वातावरण बनाने व बच्चों में मानवीय गुणों के संचार का एक शक्तिशाली माध्यम बन सकती है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि आई.सी.एफ.एफ.-2012 के अन्तर्गत 36 देशों की शैक्षिक बाल फिल्मों को 10 से 18 अप्रैल तक निःशुल्क प्रदर्शित किया गया। श्री शर्मा ने कहा कि वर्तमान में समाज की विषम परिस्थितियों को देखते हुए ऐसे ही कई आयोजनों की नितान्त आवश्यकता है। इसी कड़ी में शैक्षिक फिल्में निर्मित करने के उद्देश्य से सी.एम.एस. ने फिल्म डिवीजन की स्थापना की है तथापि द्वारा दो रेडियो स्टेशन भी स्थापित किये हैं। उन्होंने कहा कि सी.एम.एस. का यह सारा प्रयोजन मानवता को विकास के पथ पर ले जाने का अभूतपूर्व प्रयास है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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