जनपद में इस समय मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालो की चांदी है सहालग का मौसम है और सत्त्ता परिवर्तन, प्रशासन परिवर्तन के साथ साथ मौसम परिवर्तन का भी संक्रमण काल है । ऐसे में मिलावट खोर और आढतियों की बन आई है न तो फूड महकमा दूर दूर तक दिख रहा है न ही सप्लाई महकमा ।जहां एक ओर मिलावटी खाद्य तेल, रिफाईंड, खोवा, पनीर, इमरती व डोडा बर्फी की बाजारो में भरमार है ।
वही दूसरी ओर नकली ओर सस्ता शरबत भी बाजार में भारी मात्रा में उपलब्ध है हद तो तब हो जाती है जब हरी सब्जियां भी केमिकल युक्त हरे रंग से रंग कर बेची जा रही है वही फल भी खपत को पूरा करने के लिए केमिकल से पकाये जा रहे है चैक सब्जी मंडी में फल के आढतिये गोदामो मे खुलेआम केमिकल से फल पका रहे है जिसमे केला और संतरा प्रमुख रुप से बाजार में उपलब्ध है वही गल्लामंडी मे ब्रांड राईस आयल मे सरसो का हार्मफुल केमिकल मिलाकर कृतिम रुप से बनाया गया सरसो का तेल खुलेआम बेचा जा रहा है ।
चूंकि आढ़तियों की साजिस से कृतिम मंहगाई पैदा कर ९० रु० से १०० रु० तक तेल की बिक्री की जा रही है । जिले के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के चलते फूड महकमा व आपूर्ति विभाग पूर्णतया निरंकुश होकर इन अढतियों और मिलावट खोरो से मिलकर जनता का शोषण करवा रहा है न छापा न निरीक्षण सब कुछ मनमानी वही साधन सहकारी मंडी समिति मे भी फर्जी तौल और फर्जी बहती पर गेंहू व खाद्य पदार्थो की काला बाजारी मंडी सचिव की मिली भगत से चल रही है जिससे लाखो के राजस्व की चोरी प्रतिदिन हो रही है जिसे रोकने वाला कोई नही है जिले की आम जनता ने मुख्यमंत्री से इन भ्रष्ट अधिकारियों पर अंकुश लगाने की मांग की है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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