Categorized | लखनऊ.

अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2012) का तीसरा दिन

Posted on 12 April 2012 by admin

छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों में उमड़ा अच्छी फिल्में देखने का उत्साह, अभिनेत्री वेदिता प्रताप सिंह ने बढ़ाई समारोह की रौनक

ff_vedita_addressingसिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरिम में चल रहे  नौ-दिवसीय ‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2012)’ में शिक्षात्मक बाल फिल्में देखने का भारी उत्साह छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों में दिखाई दिया और सी.एम.एस. कानपुर रोड का समस्त परिसर बड़ी संख्या में उपस्थित बच्चों एवं अभिभावकों से दिन भर खचाखच भरा रहा। इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के तीसरे दिन आज प्रख्यात फिल्म अभिनेत्री सुश्री वेदिता प्रताप सिंह की उपस्थिति ने समारोह की रौनक में चार-चाँद लगा दिये। इससे पहले आज अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के तीसरे दिन का उद्घाटन दीप प्रज्वलन से हुआ तथापि सी.एम.एस. छात्रों ने सुमधुर स्वर में प्रार्थना गीत व सर्व-धर्म प्रार्थना प्रस्तुत कर सम्पूर्ण आडिटोरियम को आध्यात्मिक चेतना से अभिभूत कर दिया। ज्ञातव्य हो कि छात्रों एवं युवा पीढ़ी के चरित्र निर्माण एवं सर्वांगीण विकास हेतु सिटी मोन्टेसरी स्कूल के फिल्म्स डिवीजन के तत्वावधान में 10 से 18 अप्रैल तक नौ दिवसीय ‘‘चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव’’ सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहा है जिसके अन्तर्गत 36 देशों की बेहतरीन शिक्षात्मक बाल फिल्में निःशुल्क दिखाई जा रही हैं। यह बाल फिल्मोत्सव ‘विश्व एकता एवं विश्व शान्ति’ को समर्पित है।
‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव’ के अन्तर्गत आज हजारों बच्चों ने ‘इण्डिया फाॅरएवर, घर किसका है, द होली चिकन आॅफ लाइफ एण्ड म्यूजिक, द रेड एप्पल, अबूर कबूर, ए ड्रीम काल्ड अमेरिका, टेकिंग चान्सेज, माई फैमिली, हैंगिंग अराउण्ड, वाइन्ड एण्ड फाॅग, रवि, द मिनीएचर टेल्स, वन मिनट वन वल्र्ड, द बीच, बापू के साथ, जीरो, द लिटिल मदर, एन एम्पटी सर्किल, द डंकी लाइब्रेरी, रोशनी, अराउण्ड द मून, स्ट्रीट किड्स यूनाइटेड, एक यात्रा, यू आॅर मी, हमारी दुनिया, विद्या आदि अनेक उत्कृष्ट फिल्मों का आनन्द उठाया। शैक्षिक बाल फिल्मों का आनन्द उठाने अपने बच्चों के साथ पधारे अभिभावकों ने खुले दिल से इस बात को स्वीकारा कि यह बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का बड़ा ही सीधा व सरल तरीका है। इन बाल फिल्मों में सभी धर्मों की एकता, मानव मात्र की एकता, ईश्वरीय भक्ति, सच्चाई की जीत, प्रार्थना की शक्ति, आत्मविश्वास इत्यादि अनेक गुणों पर प्रकाश डाला गया है। चूँकि इन फिल्मों में कोई शुल्क नहीं है अतः सभी गरीब व अमीर बच्चें एक साथ मिल-बैठकर इन फिल्मों का आनन्द ले सकते हैं, इससे बच्चों में आपसी भाईचारा, प्रेम व एकता की भावना भी विकसित होती है।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में पधारी प्रख्यात फिल्म अभिनेत्री सुश्री वेदिता प्रताप सिंह अपरान्हः सत्र में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से रूबरू हुई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुश्री वेदिता प्रताप सिंह ने कहा कि यह महोत्सव निश्चित ही बच्चों के चरित्र निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि इन बाल फिल्मों में जो पात्र हैं वह जीवन के ही अंग हैं। इसलिए बच्चों पर इनका गहरा प्रभाव पड़ता है और वे जीवन मूल्यों की शिक्षा ग्रहण करते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी देना जरूरी है। उन्होंने इस अनूठे समारोह की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि यहाँ हजारों की तादात में बैठे बच्चे और वो भी अत्यन्त अनुशासित रूप में, इस समारोह की सफलता व बच्चों में चरित्र निर्माण  की भावना को प्रदर्शित करता है।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए फिल्म फेस्टिवल के चेयरमैन व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी, संस्थापक, सी.एम.एस. ने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव को लखनऊ की जनता का जो सहयोग मिल रहा है, उससे मैं अभिभूत हूँ और आभार व्यक्त करता हूँ। डा. गाँधी ने कहा कि आजकल बड़े पर्दे पर दिखाई जाने वाली फिल्में बच्चों के कोमल मन को दूषित कर रही हैं और उन्हें विभिन्न गलत आदतें, हिंसा व आत्महत्या के नये-नये तरीके सिखा रही हैं। ऐसे में सी.एम.एस. इस महोत्सव में दिखाई जा रही फिल्मों के माध्यम से बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने का प्रयास कर रहा है कि मेहनत व श्रम द्वारा वे चाहें तो आसमान के तारे तक तोड़ने की क्षमता रखते हैं। डा. गाँधी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सी.एम.एस. का यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव लखनऊ में ही नहीं अपितु पूरे देश में अत्यन्त लोकप्रिय हो रहा है और बड़ी-बड़ी फिल्म हस्तियाँ व अन्य अनेक विद्वजन यहाँ पधारकर बच्चों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर श्री वर्गीस कुरियन ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव सभी के लिए पूर्णतया निःशुल्क एवं लखनऊ के सभी स्कूलों के बच्चे, युवक, माता-पिता, अभिभावक व शिक्षक ‘प्रथम आगत प्रथम स्वागत’ के आधार पर बाल फिल्में देखने के लिए आमंत्रित हैं। महोत्सव के अन्तर्गत कमजोर तथा विकलांग बच्चों को शिक्षात्मक बाल फिल्में दिखाने की विशेष व्यवस्था की गयी है तथापि इसके लिए बच्चों को लाने के लिए आवश्यकतानुसार निःशुल्क बस सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महेात्सव में 36 देशों की बेहतरीन बाल फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिनमें अमेरिका, अर्जेन्टीना, इटली, ग्रीस, जर्मनी, बांग्लादेश, सर्बिया, ताइवान, फ्रांस, टर्की, पुर्तगाल, नीदरलैण्ड, बुल्गारिया, स्पेन, बेल्जियम, इंग्लैण्ड, इजराइल, पाकिस्तान, ईरान, क्रोएशिया, एस्तोनिया, रूस, जापान, कनाडा, चीन, पोलैण्ड, सउदी अरब, चेक रिपब्लिक, नेपाल, आइसलैण्ड, हांग कांग, मैक्सिको, आयरलैण्ड, बेलारूस, हंगरी एवं भारत प्रमुख हैं। श्री शर्मा ने बताया कि कल
13 अप्रैल, शुक्रवार को बाल फिल्म ‘टूनपुर का सुपर हीरो’ के कलाकार मास्टर अमय पाण्ड्या आई.सी.एफ.एफ.-2012 के चैथे दिन के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in