उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निर्देश दिए हैं कि गेहूं खरीद किसी भी दशा में बिचैलियों के माध्यम से न की जाए, बल्कि सीधे किसानों से खरीद करते हुए उन्हें अधिकतम एक सप्ताह के अन्दर प्रत्येक दशा में भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैंै कि सभी क्रय एजेन्सियां निर्धारित लक्ष्य की सीमा तक सीमित न रहते हुए अधिक से अधिक गेहूं खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित करें और प्रदेश में कही भी किसी प्रकार की डिसट्रेस सेल (Distress Sale) नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री आज अपने सरकारी आवास पर गेहूं खरीद की समीक्षा कर रहे थे। इस बैठक में खाद्य एवं रसद मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री बलविन्दर कुमार, प्रमुख सचिव वित्त सुश्री वृन्दा स्वरूप, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री माजिद अली, प्रमुख सचिव कृषि श्री राजीव कपूर, खाद्य आयुक्त श्रीमती अर्चना अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
अखिलेश यादव ने समीक्षा बैठक के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में भण्डारण क्षमता की कमी को देखते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि गेहूं खरीद से सम्बन्धित सभी विभाग तथा एजेन्सियां पर्याप्त भण्डारण क्षमता आवश्यकतानुसार अस्थायी तौर पर सृजित करें। इसके अलावा स्थानीय मण्डी यार्ड, चीनी मिल, राइस मिल, हवाई पट्टी आदि में उपयोगिता के आधार पर भण्डारण क्षमता चिन्हित करते हुए गेहूं भण्डारित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि भारतीय खाद्य निगम से प्रतिपूर्ति की प्रतीक्षा किए बिना राज्य सरकार की क्रय एजेन्सियों द्वारा अपने स्तर से पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की जाए, ताकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान तुरन्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य समय से सुनिश्चित कराने के लिए क्रय एजेन्सियों को आवश्यकतानुसार एक हजार करोड़ रूपये की अग्रिम धनराशि खाद्य एवं रसद विभाग वित्त विभाग के परामर्श से उपलब्ध कराने सम्बन्धी प्रस्ताव पर यथाशीघ्र कार्यवाही की जाए।
मुख्य सचिव को प्रत्येक 15 दिन में गेहंू खरीद की समीक्षा स्वयं करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सम्बन्धित विभागों/एजेन्सियों के बीच समन्वय स्थापित कर गेहूं खरीद में आने वाली कठिनाइयों का तत्परता से निराकरण कराएं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मुख्य सचिव की ओर से अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक, भारतीय खाद्य निगम को पत्र भेजकर अनुरोध किया जाए कि गेहूं खरीद के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी क्रय एजेन्सियों को निर्धारित समय के अन्दर भारतीय खाद्य निगम द्वारा पर्याप्त धनराशि उपलब्ध हो जाए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि गेहूं खरीद के लिए सभी जिलाधिकारियों/मण्डलायुक्तों को नोडल अधिकारी बनायें तथा इन अधिकारियों को यह निर्देश भी जारी करें कि कहीं भी गेहूं खरीद में किसी भी विभाग अथवा एजेन्सी द्वारा किसी तरह की शिथिलता एवं लापरवाही न बरती जाए। जो भी समस्याएं स्थानीय स्तर पर गेहूं खरीद के मामले में आती हैं उनका प्रभावी ढंग से तत्काल निस्तारण सुनिश्चित करायें।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि वर्तमान वर्ष में कुल 42 लाख मी0टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए 09 विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 4656 क्रय केन्द्र क्रियाशील किए जा चुके हैं। चूंकि इस वर्ष बम्पर फसल होने की सम्भावना है, इसलिए गेहूं खरीद पिछले वर्ष की 34.51 लाख मी0टन के सापेक्ष 42 से 45 लाख मी0टन तक पहुंच सकती है।
अधिकारियों ने बैठक में यह भी बताया कि गत 01 अप्रैल, 2012 से अब तक 3600 मी0टन गेहूं खरीद की जा चुकी है। साथ ही सभी क्रय एजेन्सियों द्वारा अपने केन्द्रों पर पर्याप्त धनराशि गेहूं खरीद के लिए उपलब्ध करा दी गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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