सिंचाई में भी सौर ऊर्जा का इस्तेमाल हो
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की सौर ऊर्जा तथा बायोमास विषयक नीति को यथाशीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस नीति को अंतिम रूप देने के पहले देश के अन्य राज्यों की नीतियों का भी गहनता से अध्ययन कर लिया जाए और उपयोगी प्राविधानों को प्रदेश की नीति में शामिल कर लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जुलाई, 2012 से पूर्व इसे लागू किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित कर ली जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां सचिवालय, एनेक्सी में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने स्वर्ण जयंती ग्रामीण स्वरोजगार योजना के तहत उपलब्ध संसाधनों से कन्वर्जेंस करते हुये, मिनी ग्रिड सोलर पावर प्लाण्ट की योजना को वृह्द स्तर पर चलाये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में एक सप्ताह के अन्दर बैठक आयोजित करवा कर स्पष्ट प्रस्ताव तैयार करवा लिए जाये।
उन्होंने सिंचाई की सुविधा बढ़ाने के लिए सोलर पीवी पम्प की योजना को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के साथ डवटेल करने के प्रस्ताव पर भी कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कराने के निर्देश दिए और कहा कि विस्तृत योजना शीघ्र तैयार कर ली जाय। उन्होंने जनपद कन्नौज में नवीनीकरणीय ऊर्जा के सयंत्रों के प्रशिक्षण हेतु जागरूकता एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना के निर्देश भी दिये। उन्होंने अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के परिव्यय को वित्तीय वर्ष 2012-13 में 35 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 60 करोड़ रूपये किए जाने के आदेश दिये हैं।
समीक्षा बैठक में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र बाजपेयी, प्रमुख सचिव अतिरिक्त ऊर्जा (नेडा) श्री मंजीत सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग और निदेशक नेडा श्री नितीशवर कुमार भी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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