उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विद्युत वितरण में होने वाली हानि को कम करने तथा राजस्व वसूली बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं की संख्या का शत-प्रतिशत सत्यापन शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि वितरण क्षेत्र में कार्यरत सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति बिजली का उपभोग, बिना कनेक्शन के न कर सके। उन्होंने शत-प्रतिशत मीटर रीडिंग व बिलिंग करने तथा उपभोग की गयी बिजली की वसूली सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां एनेक्सी स्थित अपने कार्यालय सभाकक्ष में ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 06 माह में लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी एवं सोनभद्र जनपदों के लिये कार्य योजना बनाकर शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं की संख्या का सत्यापन, बिलिंग, मीटर रीडिंग व वसूली सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये हैं।
ग्रामीण उपभोक्ताओं को निर्धारित न्यूनतम बिजली अवश्य मिल सके, इसके लिये ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था में गुणात्मक सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि 1500 करोड़ रूपये की फीडर सेपरेशन स्कीम को तत्काल लागू किया जाए। उन्होंने 168 शहरों में लागू की जा रही त्वरित विद्युत विकास एवं सुधार कार्यक्रम (ए0पी0डी0आर0पी0 योजना) के कार्य को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने बिजली उत्पादन की समीक्षा करते हुए विद्युत उत्पादन गृहों का पी0एल0एफ0 बढ़ाने तथा निर्माणाधीन पारीक्षा, हरदुआगंज एवं अनपरा-डी परियोजनाओं को भी शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिये। उन्होंने बन्द पड़ी लघु जल विद्युत परियोजनाओं को पुनः शुरू कराने के निर्देश देते हुए, जहां सम्भव हो वहां नई लघु जल विद्युत परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की वित्तीय समस्याओं पर विचार कर हल करने के विभिन्न विकल्पों के सम्बन्ध में मुख्य सचिव को समीक्षा करने तथा सम्यक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। इस अवसर पर उ0प्र0 पावर काॅरपोरेशन के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक अवनीश अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी तथा हानि में कमी, वसूली बढ़ाने, बिजली क्रय में मितव्ययिता एवं मांग क्षेत्र में आवश्यक प्रबन्धन से इस वर्ष 4,300 करोड़ रूपये की सीमा तक नगद हानियों में कमी लायी जाएगी।
बैठक में मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष नवीन चन्द्र बाजपेई, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव वित्त सुश्री वृन्दा स्वरूप, प्रमुख सचिव ऊर्जा राजीव कपूर, प्रमुख सचिव नियोजन राज प्रताप सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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April 10th, 2012 at 12:56 am
कब हतेगा भर्ति पर से रोक, क्या जब तक ४-५ लोग आत्म हत्या नहि कर लेन्गे. विधुत्त विभाग मे निउक्ति पर से रोक हताये क्रिपय………..