भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद लालजी टण्डन मुन्नुलाल धर्मशाला चैक में भाजपा के 32वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जनसंघ की स्थापना एक ऐतिहासिक कदम था। साम्यवादी विचारधारा के आगे राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ाने का एक सराहनीय कदम था। उन्होनंे कहा कि निरन्तर प्रगति की ओर बढ़ते हुए जब एक समय इन्दिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू हुआ तब संगठन ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए जनता पार्टी में विलय कर दिया।
श्री टण्डन ने कहा कि वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी देश से काला कानून समाप्त हुआ लेकिन जब तमाम अन्तर विरोधों को लेकर जनता पार्टी का विघटन हो गया तो पुनः 6 अपे्रल 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई जिसके प्रथम अध्यक्ष अटल बिहारी बाजपेई बने। तब से भाजपा अपनी लगातार प्रगति करते हुए केन्द्र में भी अपनी सरकार बनाई और राष्ट्रीय राजनीति अटल जी की इर्द गिर्द घुमती रही। आज भी हमारी पार्टी विकल्प के रूप में लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी केे रूप में मौजूद है।
श्री टण्डन ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आवाहन किया कि वे राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए पार्टी के आदर्शो व सिद्धान्तों केलिए संकल्पबद्ध हो। इस अवसर पर महापौर डा0 दिनेश शर्मा, आशुतोष टण्डन, प्रदीप भार्गव, मनोहर सिंह, अभय सेठ, विजय बहादुर पाठक, मान सिंह, राधेश्याम गुप्त, सभी प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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