उत्तराखण्ड के नव नियुक्त मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा जी के आज मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार लखनऊ पहुंचने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी से मुलाकात के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों के मध्य आपसी सहयोग एवं दोनों राज्यों के विकास एवं हितों की चर्चा बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच लगभग 30मिनट वार्ता हुई।
प्रदेश कंाग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राम कुमार भार्गव ने बताया कि इस मौके पर उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगु णा जी को अवगत कराया कि उ0प्र0 में होने वाले विश्व प्रसिद्ध धार्मिक कुम्भ मेला के दौरान गंगा के पानी का बहाव निरन्तर बने रहने की काफी आवश्यकता है, इस पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने वादा किया कि गंगा का प्रवाह अवरूद्ध नहीं किया जायेगा और गंगा का निरन्तर बहाव रहेगा।
इसके साथ ही श्री विजय बहुगुणा जी ने एक अन्य मुद्दे पर अवगत कराया है कि उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम -2000 के सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत उत्तरवर्ती राज्यों के मध्य पेंशन दायित्व के निर्धारण हेतु समय-समय पर गृह मंत्रालय, भारत सरकार में बैठकें आयोजित की गई हैं। जिसमें उ0प्र0 राज्य की देयता 1545.98करोड़ निर्धारित की गयी थी जिसमें गत वर्ष 500करोड़ का ही भुगतान प्राप्त हुआ है, शेष 1045.98 करोड़ तथा आंगणित ब्याज रू0 841.91करोड़ रूपया शीघ्र दिलाया जाना राज्य के हित में होगा। इस पर उ0प्र0 के मुख्यमंत्री ने इस धनराशि को किश्तों में दिये जाने का आश्वासन दिया।
इसी के साथ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट कराया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 58 जो कि केवल देहरादून को राज्य के अन्य भागों से तथा उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ता है, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मार्ग भारत-चीन सीमा को भी जोड़ता है जिसके लिए उत्तराखण्ड केा लगभग 21हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता पड़ेगी, इस पर श्री अखिलेश यादव जी ने उत्तराखण्ड को देने का आश्वासन दिया है।
दोनों मुख्यमंत्रियों के मध्य एक महत्वपूर्ण निर्णय यह भी रहा कि चार राज्य- दिल्ली, हिमाचल, उ0प्र0 और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्रियों का तीन दिवसीय सम्मेेलन देहरादून में आयोजित किया जायेगा तथा एक दूसरे के पर्यटन एवं अन्य विकास को बढ़ावा देने के लिए विचार-विमर्श किये जाने के साथ ही आपसी सहयोग सुनिश्चित किये जाने के बारे में भी चर्चा किया जायेगा। चारों राज्यों के पर्यटन उद्योग की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण फैसला यह भी लिया गया है कि राज्यों के सड़क परिवहन में बसों पर एक ही पास प्रणाली चारों राज्यों के लिए मान्य होगा। इसके साथ ही एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला यह हुआ कि दोनों राज्यों के कैदियों के सम्बन्ध में हुआ है। दोनों राज्यों के कैदियों को उनके राज्यों में स्थानान्तरित किया जायेगा।
इसके साथ ही प्रदेश के परिसम्पत्तियों के विवाद और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को शीघ्र सुलझाने के उद्देश्य से आउट आफ कोर्ट समाधान किया जायेगा।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के गठन केा 11 वर्ष बीत चुके हैं किन्तु उ0प्र0 और उत्तराखण्ड राज्य के मध्य कार्मिकों के आवंटन तथा आस्तियों एवं दायित्वों के विभाजन के प्रकरण वर्तमान समय में भी लम्बित चल रहे हैं जिनका निराकरण होना अभी बाकी है। उ0प्र0 के मुख्यमंत्री ने इस मामले में शीघ्रता बरतने हेतु अधिकारियों के आदान-प्रदान के सम्बन्ध में आ रही दिक्कतों का समाधान मुख्य सचिव की बैठक में किये जाने का आश्वासन दिया।
दोनों मुख्यमंत्रियों ने इन सभी मामलों में शीघ्रता बरतते हुए यह फैसला लिया है कि सभी विवादों को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्य सचिव एक सप्ताह के अंदर मिलेंगे। सर्वप्रथम उ0प्र0 के मुख्य सचिव देहरादून जायेंगे। उसके उपरान्त उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव उ0प्र0 आयेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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