भारतीय जनता पार्टीे के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने गृह विभाग द्वारा प्रदेश में अल्पसंख्यकों पर पिछले पांच वर्षो में दर्ज मुकदमें वापस लिए जाने के लिए न्याय विभाग से रिपोर्ट मांगने पर गहरी आपत्ति दर्ज की है। श्री शाही ने कहा कि सपा सरकार राष्ट्रहितों के साथ खेल रही है। वोट बैंक व मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति के चलते सपा सरकार ने राजधानी लखनऊ व फैजाबाद की कचहरियों और वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर बम ब्लास्ट कर निर्दोषों की जान लेने वाले आतंकियों के प्रति अपनी सहानुभूति दर्शा कर राष्ट्र भक्तों की पीठ पर छूरा भांेकने का काम किया है।
श्री शाही ने यह बात आज विभिन्न समाचार पत्रों में छपी 2007 के बम ब्लास्ट के आरोपी तारिक काजमी और खालिद मुजाहिद के मुकदमें वापस लेने संबंध खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री शाही ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने राज्य की सत्ता की बागडोर संभालने के बाद से साम्प्रदायिक आधार निर्णय लेने शुरू कर दिए थे। इसी क्रम में राज्य में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के आरोप में जो जेल में हैं जिनके पास डायनामाइट व कई अन्य खतरनाक हथियार व विस्फोटक बरामद हुए हैं तथा जिनके लश्कर-ए-तैय्यबा व अन्य आतंकी संगठनों से संबंध होने के पुख्ता सबूत जांच एजेन्सियों के पास हैं उन्हें छोड़ने का खतरनाक खेल शुरू किया जा रहा है। अब दहशतगर्दी फैलाने वाले आतंकियों पर मेहरवानियां बरसाने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने पिता व सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का अनुसरण कर रहे हैं उन्होंने भी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए सिमी जैसे आतंकी संगठन पर से प्रतिबंध हटाने का काम किया था। उन्होंने राज्य सरकार से प्रश्न किया कि आंखिर वो कौन से कारण थे जिनकी वजह से पिछड़े, अनुसूचित व अगडे़ वर्ग की निर्धन कन्याओं को अनुदान की श्रेणी से बाहर रखते हुए सिर्फ मुस्लिम कन्याओं को 30 हजार रू0 का अनुदान देने की घोषणा की गई है।
श्री शाही ने राज्य की जनता को सपा सरकार के फैसलों के प्रति जागरूक रहने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने पहले दिन से ही मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करना शुरू कर दिया था अब वह आतंकवादियों को भी राहत प्रदान करने जैसे खतरनाक खेल पर उतर आई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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