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अधिक उत्पादन लेने वाले कृृषकों को सम्मानित किया जायेगा

Posted on 29 March 2012 by admin

dsc_4834उ0प्र0 भूमि सुधार निगम द्वारा कार्यान्वित ऊसर सुधार परियोजना के अंतर्गत अधिक पैदावार लेने वाले कृृषकों को सम्मानित किया जायेगा। यह कहना था माननीय परती भूमि विकास मंत्री श्री ओमप्रकाश सिंह का। माननीय मंत्री श्री ओमप्रकाश सिंह और राज्य मंत्री परती भूमि विकास, श्री जगदीश सोनकर आज उ0प्र0 भूमि सुधार निगम के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में भाग ले रहे थे। समीक्षा बैठक में माननीय मंत्री जी को अवगत कराया गया कि ऊसर भूमि में जहाँ कुछ भी नही होता था वहाँ सुधार के बाद प्रति हेक्टेयर 78 कुन्टल धान की पैदावार हुयी है।  यह जानकर उन्होनें प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि ऐसे कृषकों का सम्मान होना चाहिए। श्री सिंह ने ऊसर भूमि चयन के मानक का दायरा बढ़ाकर अधिक से अधिक कृृषकों को लाभ देने के निर्देश दिये।  उ0प्र0 भूमि सुधार निगम द्वारा किये गये कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि लेजर लेवलर जैसी नई तकनीक का प्रयोग परियोजना के अंतर्गत चयनित सभी जिलों में किया जाय तथा निगम द्वारा बनाये जाने वाले सोडिक हाट में सोलर लाइट भी लगवायी जाय, ताकि कृषकों को सुविधा हो सके। माननीय राज्य मंत्री श्री जगदीश सोनकर ने निगम के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि नयी सरकार की मंशा को देखते पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य किये जाय जिससे परिवर्तन की लहर जन-जन तक पहुँचे। इससे जहाँ सरकार की प्रतिष्ठा बढ़ेगी, वहीं विभाग का भी सम्मान होगा।
समीक्षा बैठक में उ0प्र0 भूमि सुधार निगम के अधिकारियों के साथ-साथ आर0एस0ए0सी0, कृृषि विभाग, सिंचाई विभाग, पंचायत राज और पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया। विदित हो कि ये सभी विभाग ऊसर भूमि सुधार के साथ मिलकर कार्य करते हैं। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव श्री योगेश कुमार का कहना था कि किसी भी परियोजना का लाभ देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे, तभी सफलता है और प्रमाण भी कि हम अच्छा कार्य कर रहे हैं। उ0प्र0 भूमि सुधार निगम की प्रबन्ध निदेशक श्रीमती आराधना शुक्ला ने निगम की उपलब्धियों और सीमाओं के बारे में माननीय मंत्री जी को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि निगम की यह सोडिक-तृतीय परियोजना प्रदेश के 29 जिलों में चलायी जा रही है। परियोजना में कुल 1,30,000 हे0 भूमि का सुधार किया जायेगा।  इससे पूर्व निगम की प्रथम एवं द्वितीय चरण की परियोजना में लगभग 3,00,000 हे0 भूमि को सुधार कर उपजाऊ बनाया गया है।   इस परियोजना में ऊसर भूमि को उपजाऊ बनाने के साथ ही कृषिविविधीकरण, पशुपालन, महिला समूहों का सशक्तिकरण कर आयजनित गतिविधियों का सृजन तथा कृषि उपज के विपणन के लिए ढाँचागत् सुविधाओं का विकास किया जायेगा। प्रबन्ध निदेशक महोदया ने आश्वासन दिया कि माननीय मंत्री जी द्वारा दिये गये सकारात्मक सुझावों से भविष्य में और भी अच्छा कार्य करने का प्रयास किया जायेगा। निगम की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए प्रबन्ध निदेशक महोदया ने अवगत कराया कि ऊसर सुधार परियोजना को विश्व बैंक ने एक बेहतरीन और सर्वश्रेष्ठ परियोजना की मान्यता दी है। विश्व बैंक द्वारा समय-समय पर इसकी सराहना की गयी है।  यहाँ के सभी अधिकारी और कर्मचारी बड़ी ही निष्ठा और लगन के साथ कार्य करते हैं और आगे भी करते रहेंगे। निगम की इस तृतीय परियोजना को एग्रीकल्चर टुडे द्वारा लीडरशिप एवार्ड भी दिया गया है।  माननीय मंत्री श्री सिंह ने कहा कि ऊसर सुधार की तकनीक और निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत से हमें भविष्य में ऐसी सफलता मिलेगी जिसका लाभ गरीबी रेखा के सबसे नीचे जीवन-यापन करने वाले व्यक्तियों तक पहुँंचेगा और यह ऊसर सुधार परियोजना उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश और विश्व में एक मील का पत्थर साबित होगी। समीक्षा बैठक के अंत में प्रबन्ध निदेशक महोदया ने माननीय मंत्री जी के मार्गदर्शन में वर्तमान सरकार की अपेक्षाओं को पूरा करने तथा कृषकों के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाने का विश्वास दिलाया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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