समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनने पर आशीर्वाद देते हुए सीख दी थी कि वे सच्चाई और ईमानदारी बरतने के साथ अपने व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक जीवन पर किसी को उंगली उठाने का अवसर न दें। श्री अखिलेश यादव ने नेताजी की यह बात गांठ बांध ली। बतौर मुख्यमंत्री अपनी चल अचल सम्पत्तियों का ब्यौरा सार्वजनिक करके श्री अखिलेश यादव ने जहां एक उदाहरण प्रस्तुत किया है वहीं पारदर्शी राजनीति और सार्वजनिक जीवन में शुचिता की भी पहल की है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के इतिहास में पहली बार पारदर्शी प्रषासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपनी आफिसियल वेबसाइट पर अपनी परिसंपत्त्यिों एवं देनदारियों की ब्यौरा जारी कर दिया है। यह श्री अखिलेश जी का साहसिक कदम होने के साथ दूसरों के लिए एक मिसाल भी है। पिछली बसपा सरकार में मुख्यमंत्री के लूट,झूठ और अत्याचार के कारनामों से पूरा प्रदेश आतंक और भ्रष्टाचार में डूब गया था। बसपा के विधायक और मंत्री बलात्कार और हत्याओं के आरोपों में जेल में बंद है। समाजवादी पार्टी ने संघर्ष कर उसे सत्ता के बाहर कर दिया। इसके साथ लूट और लुटेरों पर शिकांजा कस गया है।
मुलायम सिंह यादव ने तीन बार मुख्यमंत्री की कुर्सी सम्हाली लेकिन कभी उनपर सत्ता के दुरूपयोग के आरोप नहीं लगे। उन्होने विरोधी के प्रति भी बदले की भावना से कभी कार्यवाही नहीं की। उनके कार्यकाल में कभी घोटालों की गूंज नहीं हुई। उन्होने विपक्ष को भी सम्मान दिया और जनता की समस्याओं के निदान के लिए हमेशा प्रयासशील रहे। जनता को राहत देनेवाली योजनाएं चलाकर उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं थे।
अखिलेश यादव ने भी गांव गरीब के प्रति संवेदना परिवारिक परम्परा से ग्रहण की है। उन्होने किसी गरीब के झोंपड़े में एकरात नहीं बिताई है बल्कि उनके बीच रहकर खेले और पढ़े हैं, उनके घरों से उनका रोज का आना-जाना और खाना पीना भी रहा है। श्री अखिलेश ने इसलिए अपनी सोच और योजनाओं के केन्द्र में आम आदमी को जगह दी है। उन्होने इसीलिए कार्य संस्कृति भी बदली है। अब उनका काफिला निकलते वक्त न तो हूटरों का शोर होता है और नहीं राह चलतों को आतंकित करनेवाली सुरक्षा दिखती है। राजधानी में जीवन की जो सामान्य गति है वह फिर लौट आई है।
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव जी ने भय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई अपनी पारदर्शी राजनीति से की है। उन्होने जनता के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया हैं। समाजवादी क्रांतिरथ से चलते वक्त उन्होने प्रदेश से अत्याचारी बसपा राज को मुक्ति दिलाने और बहुमत की समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने में जन सहयोग की अपील की थी। वे अपने संकल्प को पूरा कर सके। अब प्रदेश में बदलाव का एक नया युग करवट ले रहा है। मुख्यमंत्री ने इसका संकेत कल ही अपने कार्य से दे दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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