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बिजली कम्पनियाँ नहीं दे सकी आडिट रिपोर्ट

Posted on 27 March 2012 by admin

उपभोक्ता परिषद ने आयोग से की मांग कम्पनियों के खिलाफ हो कठोर कार्यवाही
बिजली कम्पनियाँ का विद्युत दर प्रस्ताव मनगढ़न्त आंकड़ो पर आधारित
नियामक आयोग तीनों प्रस्तावों को करे खारिज

उ0प्र0विद्युत नियामक आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष-2010-11, 2011-12 एवं 2012-13 हेतु बिजली कम्पनियों द्वारा दाखिल ए0आर0आर0/टैरिफ पिटीशन पर चल रही कार्यवाही के सन्दर्भ मंे उपभोक्ता परिषद द्वारा अध्यक्ष नियामक आयोग से मिलकर आज एक जनहित प्रत्यावेदन उन्हें सौपा गया।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष एवं विश्व ऊर्जा कौसिल के स्थाई सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज नियमाक आयोग के अध्यक्ष श्री राजेश अवस्थी से मुलाकात कर उन्हें एक जनहित प्रत्यावेदन सौपा और तीनों वर्ष के टैरिफ प्रस्ताव को मनगढ़न्त व अनुमानित आंकड़ो पर आधारित बताते हुए उसे तत्काल खारिज करने की मांग की गौर तलब है कि विगत दिनों मा0 एपलेट ट्रब्यूनल ने बिजली कम्पनियों को स्पष्ट ओदश दिये थे कि वर्ष-2008-09 की आडिट 31.01.2012 एवं वर्ष-2009-10 की आडिट 31.03.2012 तक आयोग में जमा जो जाय।  परन्तु बिजली कम्पनियों द्वारा महालेखाकार द्वारा सत्यापित आडिट रिपोर्ट अभी तक आयोग को नहीं सौपी गयी और वहीं दूसरी ओर अनुमानित आंकड़ो पर तीन वर्ष का विद्युत दर प्रस्ताव आयोग को सौप दिया गया जो कानूनन गलत है आयोग को तत्काल सभी प्रस्तावों को खारिज करते हुए बिजली कम्पनियों के खिलाफ अविलम्ब कठोर कार्यवाही के निर्देश देने चाहिए।
ज्ञातव्य है कि विद्युत नियामक आयोग में आज आडिट रिपोर्ट पर सभी बिजली कम्पनियों की बैठक बुलाई गयी थी परन्तु बिजली कम्पनियों द्वारा अभी तक महालेखाकार द्वारा सत्यापित कोई भी आडिट रिपोर्ट आयोग को नहीं सौपा गया है तथा लम्बे समय की मांग की गयी है।  उपभोक्ता परिषद को अध्यक्ष नियामक आयोग श्री राजेश अवस्थी द्वारा उपभोक्ताओं के हित में अविलम्ब कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है।
उपभोक्ता परिषद का मानना है कि आयोग के पास अब बिजली कम्पनियों के खिलाफ कार्यवाही करने/सभी प्रस्तावों को खारिज करने के बजाय अब और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है अब आयोग को सोचना है कि वह आम जनमानस के हित में क्या निर्णय लेता है।  यह कितना गम्भीर मामला है कि बिजली कम्पनियाँ आम जन-मानस/उपभोक्ताओं की बिजली दर को बढ़ाने हेतु मनमाने तरीके से आंकड़े पेश कर रही है जब कि पूर्णतया वाणिज्यिक संस्थान होने के नाते सभी बिजली कम्पनियों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह हर वर्ष का अपना आडिट समय से करायें।
बिजली कम्पनियों द्वारा मनगढन्त आंकडों के आधार पर आम जनमानस की बिजली दर को बढ़ाने का कोई भी नियम विरूद्ध प्रयास किया जायेगा तो उपभोक्ता परिषद कभी भी चुप नहीं बैठेगी और अन्तिम क्षण तक आम जन-मानस के हित में लड़ाई लड़ेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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