शहर के व्यस्तम इलाके मंे सुभाष नगर मोहल्ले में एक लब्ध प्रतिष्ठत मिठाई की दुकान जो मधुर स्वीट हाउस के नाम से जानी जाती है, के कारखाने में लगी आग ने कई सवाल उनुउत्तरित सवाल खड़े कर दिये है जिनका फौरीतौर पर निवारण और निराकरण नितान्त ही आवश्यक है। परन्तु पता नही इस आवश्यक, आवश्यकता के प्रति अन्धा एवं बहरा प्रशासन कुछ ध्यान देगा अथवा नही यह कहना बहुत मुश्किल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त कारखाने में यह आग वहाॅ पर ईधन के रूप में दो कारीगर और एक श्रमिक लालजी पुत्र परदेशी उम्र 28 वर्ष तथा हरि प्रसाद पुत्र सुखई उम्र 45 वर्ष जो बस्ती के बताये जाते तथा अंगद उम्र 28 वर्ष फैजाबाद का है बुरी तरीके से झुलस गये है। इस करखाने में बालिक एवं नाबालिक दोनों मिलाकर लगभग डेढ़ दर्जन श्रमिक कार्यरत है। परन्तु यह विडम्बना ही है कि इस कारखाने पर बालश्रम अधिनियम का कोई असर नही है और आबाध रूप से बालश्रम लिया जा रहा है। वही दूसरी ओर एक से एक कीमती मिठाईयाँ बनाने का काम कारखाने में स्थित लैट्रीन के टैंक के कवर पर किया जा रहा है और वहाॅ खाद्य और प्रदूषण विभाग को भी सरासर ठंेगा दिखाया जा रहा है। यूॅ तो आये दिन प्रशासन की ओर से बालश्रमिको को ढूढ़ने, खाद्य पदार्थो में अपमिश्रण की खोज करने के लिये विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों के दस्ते इधर-उधर छापेमारी करते रहते है लेकिन कारखाने तक आज तक किसी ने पहुंॅचने की कोई जहमत क्यों नही उठाई यह एक ऐसा प्रश्न है जिनका तात्कालिक उत्तर तलाशा ही जाना चाहिए।
कारखाने में लगे, आग पर यधपि फायर बिग्रेड कर्मियों ने काबू पा लिया और बड़ा हादसा होने से बच गया लेकिन कारखाने में रखा हुआ सीज फायर सेलेन्डर मौके पर ही जवाब दे गया। घटना के बारे में जानकारी लेने घटना स्थल पर पहुॅचे इस प्रतिनिधि को कारखाने के प्रबन्ध नरेश कुमार से पूछने पर बताया कि यह सीज फायर सिलेन्डर फायर बिग्रेड के सिपाहियों से खरीदा गया है जबकि फायर बिग्रेड विभाग को वैधानिकतौर पर इस तरह के सिलेन्डर को बेचने का अधिकार कोई नही है। यह फायर बिग्रेड विभाग सिर्फ अनापत्ति प्रमाण-पत्र देने भरके लिये ही अधिकृत है ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक ही है कि आखिर इस तरह के नाकाम एवं नाकारे सीज फायर सिलेन्डर फायर बिग्रेड विभाग कैसे बेच रहा है और यह पैसा किसी जेब में जा रहा है जबकि उपभोक्ताओं का कहना है कि जो सिपाही सीज फायर का सिलेन्डर देते है उसकी रसीद भी देते है। गौरतलब है कि ये रसीदे किस कम्पनी की होती है यह भी बताने का काम फायर बिगे्रड का ही है। कुलमिलाकर जिले के कोने-कोने में इस तरह बेचे गये हजारों सिलेन्डर भी पूरी तरह से सन्देह के घेरे में है और यह गोलमाल की उच्चस्तरीय जाँ का विषय है। कुल मिलाकर भले ही इस कारखाने में लगी आग से बहुत बड़ा हादसा होने से बच गया लेकिन मिठाई जैसी सर्वप्रिय खाद्य सामग्री लैट्रिन के टैंक के ऊपर बनाया जाना और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ठेगा दिखाया जाना तो तुरन्त ही नियन्त्रित किया जाना आवश्यक है और साथ ही कारखाने में काम कर रहे बालश्रमिको को मुक्त कराया जाना प्रशासन के लिए एक चुनौती है देखना है कि इस घटना से प्रशासन कितना सबक लेता है और कितना सक्रिय होता है।
मधुर स्वीट हाउस के कारखाने में लगी आग से उठे कई सवाल
- तीन झुलसे, फायर बिग्रेड का दिया हुआ सीजफायर सिलेन्डर हुआ फुस्स
-लैट्रिन के टैंक पर बाल श्रमिक बना रहे है मिठाई
-प्रशासन पूरी तरह बेखबर
-मिठाई के नाम पर बेच रहे महामारी
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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