कुडवार - अंग्रेजो के समय से चली आ रही लाल फीता शाही व्यवस्था लोगो के लिए अभिशाप बन गयी है जहां जनता की रक्षक पुलिस अब भक्षक रुप अख्तियार कर अधिकाधिक धन उगाही के चक्कर में अपराधियों को खुल्लमखुल्ला संरक्षण देने में कोई हिचक नही करती ।
भ्रष्टाचार की आकंठ में डूबा पुलिस विभाग लोगो की गले की फांस बनता जा रहा हे थानो पर तैनात पुलिस कर्मी रक्षक की जगह भक्षक बन बैठे है । गौरतलब हो कि कुडवार थाने पर कार्यरत सिपाही सत्य नारायण राम व थानाध्यक्ष भोला नाथ सरोज नियम कानून को ताक पर रख निर्दोष को दोषी और दोषी को निर्दोष बनाना अपने बाये हांथ का खेल मानते है । वर्षो से तैनात थानाध्यक्ष सरोज के समय से अपराधो का ग्राफ बढता जा रहा है चोरी राहजनी अपहरण व बलात्कार तथा अन्य कई जघन्य अपराधिक घटनाएं कुडवार थाना क्षेत्रान्तर्गत घटित हुयी । परन्तु दोषियों पर कार्यवाही कम निर्दोषियों को बलि का बकरा बना पुलिस अपना पीठ थपथापाती रही ।
सूत्रो के अनुसार प्रतापपुर के पूरे चूडाधर गांव निवासी राम देव चैरसिया का एक ऐसा मामला प्रकाश में आया जहां स्थानीय थाना पुलिस का दलाल रामफेर अग्रहरि से मोटी सुविधा शुल्क पुलिस को दिला कर बीते वर्ष २०११ के भोर में तीन जून को जानलेवा हमला करा दिया । हमले के दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार रामशंकर चैरसिया उनकी पत्नी श्रीमती उर्रि्मला व भाई राम देव गंम्भीर रुप से घायल हो गये । जिसमे जिला पत्रकार संगठन व एस०पी० श्री अग्रवाल के हस्ताक्षेप पर थानाध्यक्ष वी०एन०सरोज ने भा०द०वि ३२३, ५०४, ५०६, ४५२, ३०८ के तहत मुकदमा पंजीकृत किया ।
किन्तु पुलिस हिरासत में रहे आरोपी सरजू सुत खुन्नू व राम फेर सुत स्वामी नाथ को मोटी सुविधा शुल्क लेकर छोड दिया । दूसरी घटना धरमंगल के पुरवा ग्राम पंचायत सोहगौली की रही जहां एक यादव परिवार पर दबंगो का कहर टूटा और वी.एन.सरोज मामूली घटना करार देकर आरोपियो की मदद करने का प्रयास किया । इसी तरह घरवां, हरखपुर, मीरापुर, अगई, भण्डरा, गजंहडी, कुडवार, राजापुर आदि दर्जनों गांवो में अपराधिक घटनाएं हुयी जहां मित्रवत पुलिस का व्यवहार पीडित पक्षो के विपरीत रही ।
बताते चले कि मौजूदा समय के थाने पर जितने पुलिस कार्यरत है उससे कही ज्यादा दलाल थाने परिसर के आस पास बैठे किसी भी समय देखे जा सकते है । चर्चाओं के अनुसार थानाध्यक्ष बी़ एन. सरोज को उच्चााधिकारियो वरदहस्त प्राप्त है जिनके इशारे पर ये सारे काम अपने दलालो के माध्यम से कराते है वही हरे पेडो की कटान भी धडल्ले से एस०ओ० की रहमो करम पर अपने चरमोत्कर्ष पर है । यही नही गैकसी व अवैध शराब का धन्धा भी जोरो पर है । जिसमे प्रतिमाह लाखो रुपये की आय के उपरान्त भी थानाध्यक्ष न्यायालय के स्थगनादेश को ताक पर रख अवैध कब्जा मोटी सुविधा शुल्क वसूलने के बाद करना अपने बाये हाथ का खेल समझते है ऐसे में सत्त्ता परिवर्तन के उपरान्त भी पुलिस अपनी तनाशाही रवैया छोडना नही चाहती जो मित्रवत पुलिस का व्यवहार शान्ति प्रिय लोगो के लिए अभिशाप एवं सपा सरकार के लिए घातक है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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