कालिदास मार्ग आज आजाद हो गया। यहंा स्थित 5 नं0 की कोठी मुख्यमंत्री का आवास आज हजारों की भीड़ देख रहा था। पांच साल तक यहां सन्नाटा पसरा रहता था। चारों ओर दहशत और संदेह का माहौल था। आज यहां की हवा में स्वच्छंद गंध थी। प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव आज औपचारिक रूप से अपने सरकारी आवास में पहुॅचे। उनके साथ परिवार के सभी सदस्य एवं बच्चे भी थे। यह परिवर्तन की नई दस्तक थी।
कालिदास मार्ग के मुख्यमंत्री आवास में आज आजादी जैसे जश्न का माहौल था। यहां संघर्श के दिनों के साथी थे और उनके साथ क्रांतिरथ और साइकिल यात्राओं पर दिनरात साथ चलनेवाले उत्साही नौजवान भी थे। सब गले मिल रहे थे। एक दूसरे को बधाइयां दे रहे थे। अपने युवा नेता का अभिनन्दन करने को बेताब थे। हजारों दूसरे सामान्य जन भी थे जो अपनी समस्याएं लेकर आए थे मुख्यमंत्री ने पहले ही दिन उनकी बातें सुनी और तत्काल कार्यवाही के निर्देश अधिकारिेयों को दिए। इनमें किसान, अल्पसंख्यक, नौजवान तथा महिलाएं सभी थे।
मुख्यमंत्री ने बहुतों को नाम से पुकारा, उनका कुशलक्षेम पूछा, गांव-घर की स्थिति की चर्चा की। इनमें विधायक भी थे और जिलो से आए पदाधिकारी भी थे। सांसद धर्मेन्द्र यादव, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी, युवा नेता संजय लाठर, आनन्द भदौरिया, सुनील यादव, रामवृक्ष यादव, नईमुल हसन, नफीस अहमद, राजपाल कश्यप, निर्भय सिंह पटेल,रामसागर यादव एव ंमनीष यादव तमाम चेहरों के बीच भी अलग दिखाई दे रहे थे। अपने प्रिय नेता के मुख्यमंत्री बनने पर बधाई देने के लिए छपरौली (बागपत) से साइकिल से चलकर आयुष पवार के नेतृत्व में चार नौजवान भी आए थे। आज कम से कम एक हजार लोगांें ने मुख्यमंत्री से भेंट की। इस मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर समाजवादी क्रांतिरथ, जो 12 सितम्बर,2011 से चला था, आज 5 कालीदास मार्ग पहुॅचकर एक नए परिवर्तन का गौरवमय प्रतीक बन गया था।
कालिदास मार्ग पर आज तब हलचल मची जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नए आवास पर पहुॅचे। उन्होने उन्हें सच्चाई और ईमानदारी से काम करने के लिए आशीर्वाद दिया। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री शिवपाल सिंह यादव भी अपने परिवार के साथ इस उत्सव में शरीक होने पहुॅचे। उन्होने भी नए मुख्यमंत्री को अपनी शुभकामनाएं दी।
सब ओर चर्चा यही थी कि जो कालिदास मार्ग बसपा मुख्यमंत्री के कार्यकाल में आतंक का केन्द्र था आज वहां मुक्ति का एहसास हो रहा था। पहले यहां लोकतंत्र कैद था। पूरा राज्य जेलखाना बना हुआ था। अब तो फिर से लोकतांत्रिक अधिकार बहाल हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति में लोहिया जयंती पर 23 मार्च,2012 को धरना स्थल विधान भवन के सामने बहाल करने की घोषणा कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति अपनी निष्ठा पहले ही जाहिर कर दी थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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