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आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव

Posted on 20 March 2012 by admin

परिणामी ज्येष्ठता पर मा. मुख्यमन्त्री जी से मांग मा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हो इन्तजार
पिछड़े वर्गो के कार्मिको को पदोन्नतियों में मिले आरक्षण का लाभ
परिणामी ज्येष्ठता संवैधानिक अधिकार जो आरक्षित वर्ग लेकर रहेगा

आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति उ.प्र. के पदाधिकारियों/सदस्यों की आज एक आवश्यक बैठक फील्ड हास्टल में सम्पन्न हुई जिसमें पदोन्नतियों में आरक्षण एवं परिणामी ज्येष्ठता के मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।
संघर्ष समिति के संयोजकों सर्वश्री के.बी.राम, अवधेश कुमार वर्मा, डा. राम शब्द जैसवारा, एस.पी.कुरील, रमेश चन्द्रा, शिवकुमार अम्बेडकर एवं उमाशंकर ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि वर्तमान में पदोन्नतियों में आरक्षण व परिणामी ज्येष्ठता का प्रकरण मा. सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, प्रकरण पर सुनवाई उपरान्त निर्णय सुरक्षित है, ऐसे में किसी भी संगठन द्वारा अनैतिक दबाव बनाकर परिणामी ज्येष्ठता नियमावली को वापस लिए जाने की बात करना सीधे संविधान का विरोध होगा एवं मा. सुप्रीम कोर्ट के अन्तरिम आदेश यथास्थित का खुला उल्लघंन भी।  आरक्षण हमारा संवैधानिक अधिकार है जो संविधान के 85वें संशोधन के उपरान्त आरक्षित वर्ग को मिला है।  इसका विरोध करने वालों को संविधान की जानकारी नहीं है।  आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति ने आज की बैठक में सर्वसम्मत से दो प्रस्ताव पास किये।
(1)     संघर्ष समिति मा. मुख्यमन्त्री जी से सादर अनुरोध करता है कि जब तक परिणामी ज्येष्ठता का प्रकरण      मा. सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है प्रकरण पर कोई भी निर्णय न लिया जाय और मा. सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षित निर्णय की प्रतिक्षा की जाये जिससे आरिक्षत वर्ग के कार्मिको का विश्वास हमेशा की तरह सरकार में बना रहे।
(2)    संघर्ष समिति मा. मुख्यमन्त्री जी से सादर अनुरोध करता है कि पिछडे़ वर्ग के सरकारी कार्मिकोे को पूर्व में प्रोन्नत में आरक्षण की व्यवस्था थी जिसे समाप्त कर दिया गया था जिससे वर्तमान में उच्च पदों पर पिछडे वर्ग के कार्मिको का प्रतिनिधित्व नगण्य है ऐसे में पिछडे़ वर्गो के लिए पदोन्नतियों में आरक्षण की व्यवस्था पुनः बहाल किया जाये।
जहां तक सवाल है प्रदेश के सभी विभागों में बडे पैमाने पर रिक्त पडे पदों का तो वह मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी अन्तरिम आदेश के कारण है क्योंकि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी विभागों पर लागू है कि सभी पक्ष पदोन्नतियों में यथास्थित बनाये रखें।  सभी विभागों में चाहे वह बिजली विभाग हो, कृषि विभाग, लोक निर्माण सिचाई, जल निगम, नगर निगम, उद्यान, निर्माण निगम सहित ज्यादातर सभी विभागों में आरिक्षत वर्ग के बडे पैमाने पर पद रिक्त हैं, ऐसे में केवल सामान्य वर्ग के पदो को रिक्त होने की बात एक संगठन द्वारा करना पूरी तरह गलत है।  आरक्षित वर्ग के जो भी कार्मिक वर्तमान में किसी भी पद पर कार्य कर रहे है वह उनका संवैधानिक अधिकार है।  ऐसे में उनके खिलाफ अनर्गल प्रचार करना भी उचित नहीं है।
आज की बैठक में प्रमुख रूप से भाग लेने वालों में सर्वश्री राम स्वरूप, रमेश चन्द्र, राम चन्द्र, अनिल कुमार, आर.पी.केन, महेन्द्र सिंह, श्याम लाल, लेखराम, दिग्विजय सिंह, मुकेश बाबू, आर.एन. सरोज, विनय कुमार, एन.के. प्रसाद, मनोज कुमार, अरविन्द सिंह, अजय कुमार, राम अवतार, धनश्याम सहित अनेकों पदाधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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