अतिपिछड़े को कैबिनेट में न रखा जाना इस समाज की उपेक्षा का परिचायक
उत्तर प्रदेश के मंत्रीमण्डल में जहां यादव जाति के 7, मुस्लमान राजपूत जाति के 5, ब्रम्हाण जाति के 3 लोगों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया, वहीं किसी भी गैर यादव पिछड़े को कैबिनेट न रखा जाना इस समाज की सामाजिक व राजनीतिक उपेक्षा है। अखिलेश यादव के मंत्री मण्डल को देखने से स्पष्ट हो गया है कि यह समाजवादियों का नहीं तुच्छ जातिवादीयों व सामंती तत्वों का मंत्री मंण्डल है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी गैर यादव पिछड़ों व अतिपिछड़ों की सामाजिक व राजनैतिक विरोधी पार्टी है। अखिलेश मंत्री मण्डल में यादव जाति के 9, राजपूत जाति के 10 मुस्लिम वर्ग के 12, ब्राम्हण जाति के 4, कुर्मी जाति के 3, लोधी/किसान जाति के 2, पासी जाति के 3, मांझी, कोरी, खटिक, चैरसिया, वैश्य, जाटव, बेडि़या जाति के एक-एक लोगों को मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कहा कि मल्लाह/निषाद, प्रजापति, तेली/गुप्ता, मौर्य/कुशवाहा, गूजर, जाट जाति के एक भी व्यक्ति के मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कहा कि साईकिल व गठरी चुराने वाले, मात्र हस्ताक्षर करने वाले, चुनाव हारने व न लड़ने वाले को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। परन्तु काफी पढ़े लिखे, बुजुर्ग व अनुभवी मानपाल सिंह लोधी आदि जैसे लोगों को राज्यमंत्री बनाकर अपमानित करने का काम किया गया है।
श्री निषाद ने कहा कि चुनावी मंचों से मुलायम सहित तमाम सपा नेता निषाद, मल्लाह, केवट, मांझी, बिन्द, धीवर, धीमर, कहार, कश्यप, गोडि़या, तुरहा, बाथम रायकवार, चाई तीयर, राजभर, कुम्हार प्रजापति आदि 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कराने का वायदा किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि मुलायम उक्त 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देकर अपना वायदा पूरा करें, नहीं तो लोक सभा चुनाव में इस असंवैधानिक झूठे वायदे का राजनैतिक परिणाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कांग्रेस व सपा को एक ही चट्टे बट्टे की तुच्छ जातिवादी, सामंती, राष्ट्रद्रोही, फिरकापरस्त पार्टी बताती हुये कहा कि यह दोनांे पार्टियां अतिपिछड़ांे व अल्पसंख्यकों को मात्र वोट बैंक ही समझती हैं। उन्होंने कहा कि मुलायम यदि अल्पसंख्यकों को हितौशी हैं तो क्यों नहीं बनाये किसी मुसलमान को मुख्यमंत्री।
श्री निषाद ने कहा कि भाजपा को सवर्णो व हिन्दुओं की तथा कथित पार्टी कहा जाता है परन्तु अल्पसंख्यकों के कल्याण व उत्थान के लिए जितना कार्य भाजपा ने किया, कांग्रेस, सपा आदि धर्म निरपेक्ष राजनैतिक पार्टियां नहीं। भाजपा वास्तव में सामाजिक समता, समरसता की पक्ष धर व पिछड़ों की सबसे बड़ी हित चिन्तक पार्टी है। उन्होंने सपा को मुलायम सिंह यादव एण्ड फैमली की प्राईवेट लिमिटेड व कांग्रेस को माँ बेटे की पार्टी बताते हुये कहा कि इन पार्टियांे में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। जबकि भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है। भाजपा ने कल्याण सिंह लोधी को उत्तर प्रदेश का दो बार मुख्यमंत्री बनाया। मध्य प्रदेश में उमा भारती (लोधी/निषाद), सुन्दर लाल पटवा, बाबू लाल गौर (यादव), शिव राज सिंह चैहान (धाकड़) नरेन्द्र मोदी (खाॅची), सुशील कुमार मोदी, एवं गोपी नाथ मुण्डे (बन्जारा) आदि पिछड़ों को मुख्यमंत्री बनाया न कि किसी सवर्ण को, परन्तु पिछड़ों के नेता कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे को। उन्होंने कहा कि राहुल व सोनिया झूठे व बतफरोश हैं। उन्होंने निषाद मछुवारा समाज व अतिपिछड़ी, विमुक्त जनजातियों अनुसूचित जाति को आरक्षण दिलाने का वायदा किये परन्तु अपने वायदे को पूरा नहीं किया। जिसका परिणाम विधान सभा चुनाव में भुगतना पड़ा है, तथा लोक सभा चुनाव में तो शायद खाता भी नहीं खुलेगा। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के अन्दर तनिक भी नैतिकता हो तो उन्हें प्रभारी ही नहीं राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश , बिहार के बाद यू0पी0 में सादगी उमा भारती जी से तीसरी हार दिग्गी राजा को मिली है। उन्होंने कहा कि नैतिकता व क्षत्रित्व धर्म का पालन करते हुये अब दिग्विजय को राजनीति से संन्यास लेना ही उचित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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