समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि राजधानी में सत्ता परिवर्तन के साथ उम्मीदों और परिवर्तन के संकेत साफ नजर आने लगे है। समाजवादी पार्टी की सरकार ने पिछली बसपा सरकार के तामझाम और बंदिशों से तोबा कर ली है और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने एक नई कार्य संस्कृति के साथ शुरूआत की है। जिस तरह से पहले ही दिन राज्य मंत्रिमण्डल ने चुनाव घोषणा पत्र के मुख्य बिन्दुओं पर स्वीकृति की मुहर लगाई उससे पूरे प्रदेश ही नहीं देशभर में यह विश्वास दृढ़ हुआ है कि समाजवादी पार्टी जो वायदे करती है, उन्हें निभाना भी जानती है।
जैसा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने जनता से वायदा किया था शपथ ग्रहण के साथ ही श्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व में सरकार ने बेरोजगारी भत्ता, कन्या विद्याधन, लैपटाप और टेबलेट देने, छात्रसंघ बहाली, 10वीं पास करनेवाली मुस्लिम छात्राओं को अनुदान, कब्रिस्तानों पर बाउण्ड्री वाल और शहर के चैराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के फैसले लिए है। सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदे को निभाते हुए कांस्टेबिल से लेकर इंस्पेक्टर तक के गृह जनपद में तैनाती का भी आदेश जारी कर दिया।
बसपाराज में लूट का बाजार सरगर्म था। समाज के हर वर्ग का उत्पीड़न हुआ। मुख्यमंत्री का रवैया तानाशाही का रहा और उन्होने आम जनता तो क्या अपने विधायकों-मंत्रियों तक से दूरी बनाकर रखी। अफसरशाही ने मनमानी की। रिश्वत के बगैर कोई काम होना बंद हो गया। मुख्यमंत्री ने दागियों और भ्रष्टचारियों को अपना सहयोगी मंत्री बना रखा था। लोकायुक्त और हाईकोर्ट -सीबीआई की गिरफ्त में आने पर दर्जन भर से ज्यादा मंत्री पद से हटे और दर्जनभर से ज्यादा जेल में बंद हुए। बसपा विधायकों ने बच्चियों तक से बलात्कार किया। अपराधियों के हौसलें बुलंद रहे।
समाजवादी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में ही यह बात साफ कर दी थी कि अब गुण्डागर्दी कतई बर्दाष्त नहीं होगी। गुण्डों की जगह जेल में होगी या फिर प्रदेश में बाहर चले जाएगें। प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज रहेगा। इस सम्बन्ध में पार्टी ने जो दिशा निर्देश अपने कार्यकर्ताओं के लिए जारी किए थे उन पर कड़ाई से परिपालन होना शुरू हो गया है। अब तक दर्जनभर से ज्यादा पार्टी पदाधिकारी एवं प्रमुख नेता अनुशासनहीनता में कार्यवाही की जद में आ चुके हंै।
सूबे की निजाम में परिवर्तन का सबसेे बड़ा संकेत तो यह है कि अब बसपा मुख्यमंत्री की सवारी निकलने से आधे घंटे पहले ही सड़को पर जो कफ्र्य लग जाता था अब ऐसा कुछ नहीं होता है। मुख्यमंत्री की फ्लीट बिना किसी हंगामें के गुजर जाती है। श्री अखिलेश यादव सीधे-सरल मुख्यमंत्री है, उनकी सादगी और शालीनता की छाप उनके हर काम में दिखाई देती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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